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फाइल फोटो
नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क।अभिनेत्री करिश्मा कपूर के बच्चों ने दिल्ली उच्च न्यायालय में अपने दिवंगत पिता संजय कपूर की कथित वसीयत की प्रामाणिकता पर सवाल उठाते हुए को दावा किया कि दस्तावेज में घोर त्रुटियां हैं और इसे उन्होंने (संजय कपूर ने) नहीं तैयार किया होगा। समायरा और कियान राज की ओर से पेश वकील ने न्यायमूर्ति ज्योति सिंह की पीठ के समक्ष दलील दी कि वसीयत में कुछ गलतियां थीं, जो संजय कपूर के लिए “बहुत ही असामान्य” थीं। पीठ समायरा और कियान की उस याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें उन्होंने अपने दिवंगत पिता की लगभग 30,000 करोड़ रुपये की संपत्ति के बंटवारे से जुड़ी कथित वसीयत को चुनौती दी है।
वसीयत में त्रुटियों की भरमार
वकील ने कहा, “उनके (संजय कपूर के) अपने बच्चों के साथ बहुत अच्छे संबंध थे। वह वसीयत में अपनी बेटी का पता गलत कैसे लिख सकते थे। वह अपने बेटे का नाम कई जगहों पर गलत तरीके से कैसे लिख सकते थे।” उन्होंने कहा कि यह वसीयत संजय कपूर की ‘प्रतिष्ठा घटाती’ है। वकील ने कहा, “यह बहुत ही लापरवाही भरा है। इस वसीयत में घोर त्रुटियां हैं। यह वह वसीयत नहीं है, जिसे संजय कपूर ने तैयार की हो, पढ़ी हो या बनाई हो। उन्होंने कहा कि इस बात का कोई सबूत नहीं है कि बच्चों की सौतेली मां प्रिया कपूर के अलावा किसी और ने यह वसीयत तैयार की हो। वकील ने कहा, “अगर यह वसीयत जाली है, तो इसे सिर्फ एक ही व्यक्ति ने तैयार किया होगा।”
मंगलवार को भी मामले पर सुनवाई
पीठ मंगलवार को याचिका पर सुनवाई जारी रखेगी। समायरा और कियान ने नौ अक्टूबर को दिल्ली उच्च न्यायालय में प्रिया पर “लालची” होने का आरोप लगाया था तथा उन्हें “सिंड्रेला की सौतेली मां” जैसा बताया था। परीकथा सिंड्रेला में, एक युवती (सिंड्रेला) की सौतेली मां उसके साथ दुर्व्यवहार करती है और अपना सारा ध्यान अपनी दो बेटियों पर केंद्रित करती है। उच्च न्यायालय ने 26 सितंबर को संजय कपूर की पत्नी प्रिया को उनकी संपत्ति की सूची एक सीलबंद लिफाफे में दाखिल करने की अनुमति दी और सुझाव दिया कि संपत्ति विवाद में शामिल पक्ष मीडिया के साथ इसका विवरण साझा न करें।
वकील ने लगाया प्रिया पर जालसाजी का आरोप
समायरा और कियान के वकील ने नौ अक्टूबर को दावा किया कि प्रिया को संपत्ति का 60 प्रतिशत और लगभग 12 प्रतिशत उनके बेटे को मिला है। वकील ने दावा किया, उन्हें (प्रिया) ट्रस्ट का 75 प्रतिशत हिस्सा भी मिल रहा है। वकील ने प्रिया पर जालसाजी का आरोप लगाते हुए अदालत से कहा कि जांच के लिए पर्याप्त सबूत मौजूद हैं। उन्होंने संजय की संपत्तियों के अंतरण पर यथास्थिति बनाए रखने का अनुरोध करते हुए यह दलील दी। वकील ने अदालत से कहा, “वह (वसीयत में नामित) वारिस हैं और संपत्ति पर उनका मलिकाना हक है।
दस्तावेजों की जालसाजी का पता लगाया जाए
दस्तावेजों की जालसाजी किस हद तक है, इसका पता लगाना होगा और जांच के लिए पर्याप्त सबूत मौजूद हैं। वकील ने कहा कि प्रिया बच्चों की हिस्सेदारी सीमित करने के लिए “बहुत हड़बड़ी” में हैं। उन्होंने कहा, “वह सिंड्रेला की सौतेली मां की तरह हैं।” वकील ने वसीयत की प्रामाणिकता पर सवाल उठाते हुए कहा कि प्रथम दृष्टया संजय ने वर्तमान वसीयत बनाते समय किसी वकील से सलाह नहीं ली थी और दावा किया कि “यह संभव नहीं है कि उन्होंने वसीयत बनाने और इतनी बड़ी संपत्ति का वसीयत तैयार करने से पहले किसी वकील से सलाह न ली हो।” उन्होंने दावा किया कि वसीयत में तब बदलाव किया गया, जब संजय अपने बेटे के साथ छुट्टियां मना रहे थे।
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