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नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क। रूस में नौकरी दिलाने के नाम पर उत्तर प्रदेश के दो लोगों से कथित रूप से 4.5 लाख रुपये ऐंठने के बाद उन्हें बिना भोजन और आश्रय के वहां भटकने के लिए छोड़ दिया गया। एक पीड़ित की शिकायत पर दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा ने मामला दर्ज कर लिया है। पुलिस मामले की जांच कर रही है। इस इस मामले में अब तक किसी को गिरफ्तार नहीं किया गया है।
पहले कजाकिस्तान, फिर रूस भेजा
दिल्ली पुलिस ने बताया कि एक जुलाई को दोनों लोगों को पहले कजाकिस्तान भेजा गया और बाद में रूस के ओम्स्क ले जाया गया और फिर छोड़ दिया गया। जैसे-तैसे आखिरकार, वे अपने परिवारों से संपर्क करने में कामयाब रहे, जिन्होंने उन्हें टिकट के लिए पैसे भेजे। दोनों 17 जुलाई को भारत लौट आए।अधिकारी ने बताया कि जांच में पता चला कि आरोपियों ने दोनों व्यक्तियों से 50,000 रुपये नकद और 4.05 लाख रुपये ऑनलाइन ट्रांसफर करवाए थे।
कठिन परिस्थितियों में जीवित रहना पड़ा
दोनों की कहानी बेहद परेशान करने वाली है। बताया जाता है कि रूस पहुंचने पर, इन लोगों को पता चला कि न तो कोई नौकरी थी और न ही रहने की कोई व्यवस्था। इसके कारण उन्हें कई दिनों तक भोजन और आश्रय की कमी के साथ कठिन परिस्थितियों में जीवित रहना पड़ा। अंततः, उन्होंने अपने परिवारों से संपर्क स्थापित किया, जिन्होंने उन्हें भारत वापस लाने के लिए हवाई टिकट के लिए धनराशि भेजी।
वर्क परमिट की जगह दिया पर्यटक वीजा
पुलिस के अनुसार, पीड़ितों को वैध वर्क परमिट देने के बजाय, उन्हें रूस की यात्रा के लिए केवल पर्यटक वीजा प्रदान किया गया था। आरोपियों, दिल्ली के बदरपुर निवासी निजामुद्दीन और उनके साथी प्रेमचंद ने, कथित तौर पर एक फर्जी रूस-आधारित कंपनी के नाम से जाली नौकरी प्रस्ताव पत्र बनाकर पीड़ितों को फंसाया। शिकायतकर्ता, महाराजगंज जिले के 45 वर्षीय राजमिस्त्री प्रमोद चौहान, पहले लगभग 18 वर्षों तक सऊदी अरब में काम कर चुके थे। वहां रहने के दौरान उनकी मुलाकात निजामुद्दीन से हुई थी, और इस साल की शुरुआत में उन्होंने विदेश में नई नौकरी की संभावनाओं के लिए उनसे फिर से संपर्क किया था। : Indian workers stranded | job scam Russia | scam not