अमित शाह ने सुरक्षा बलों को Manipur में लोगों की निर्बाध आवाजाही सुनिश्चित करने का निर्देश दिया
मणिपुर में राष्ट्रपति शासन लगने के बाद यह बैठक बुलाई गई है। इसमें मणिपुर के राज्यपाल अजय कुमार भल्ला, मणिपुर सरकार के अधिकारी, सेना के अधिकारी, अर्धसैनिक बल के शीर्ष अधिकारी भी शामिल होंगे।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शनिवार को मणिपुर मामले पर चर्चा करने के लिए बैठक बुलाई है। यह समीक्षा बैठक है, जो सुबह 11 बजे गृह मंत्रालय में होगी। मणिपुर में राष्ट्रपति शासन लगने के बाद यह बैठक बुलाई गई है। इसमें मणिपुर के राज्यपाल अजय कुमार भल्ला, मणिपुर सरकार के अधिकारी, सेना के अधिकारी, अर्धसैनिक बल के शीर्ष अधिकारी भी शामिल होंगे। 13 फरवरी को मणिपुर में राष्ट्रपति शासन लगाया गया था। एन बीरेन सिंह ने कुछ विधायकों के विद्रोह के बाद मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था।अब राष्ट्रपति शासन लागू होने के बाद गृह मंत्री पहली बार बैठक करने जा रहे हैं।
VIDEO | Delhi: Union Home Minister Amit Shah (@AmitShah) leaves from his residence for Ministry of Home Affairs to chair a meeting on security situation in Manipur.
प्राप्त जानकारी के मुताबिक, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में होने वाली बैठक में राज्यपाल अजय भल्ला, सुरक्षा सलाहकार कुलदीप सिंह, डीजीपी राजीव सिंह और मुख्य सचिव पीके सिंह शामिल होंगे।बता दें कि मणिपुर में जातीय हिंसा शुरू होने के लगभग 21 महीने बाद एन. बीरेन सिंह ने अपना पद छोड़ा था। इस हिंसा में 250 से अधिक लोग मारे गए हैं और हजारों लोग विस्थापित हुए थे। सिंह को राज्य में जातीय संघर्ष से निपटने के तरीके को लेकर आलोचनाओं का सामना करना पड़ा था। उन्होंने पिछले वर्ष मणिपुर में हिंसा को लेकर जनता से माफी मांगी थी।
#WATCH दिल्ली: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मणिपुर में सुरक्षा स्थिति की समीक्षा के लिए गृह मंत्रालय में बैठक की अध्यक्षता की। बैठक में मणिपुर के राज्यपाल अजय कुमार भल्ला और अन्य लोग शामिल हुए। pic.twitter.com/eU0cjasBdd
उन्होंने कहा, "यह पूरा साल बेहद खराब रहा। मैं राज्य के लोगों से पिछले साल तीन मई से लेकर आज तक जो कुछ भी हुआ है, उसके लिए माफी मांगता हूं। कई लोगों ने अपने प्रियजनों को खो दिया। कई लोगों ने अपना घर छोड़ दिया। मुझे इसका दुख है। मुझे उम्मीद है कि 2025 में राज्य में सामान्य स्थिति बहाल हो जाएगी।"मणिपुर में जारी जातीय हिंसा के 21 महीने बाद मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने रविवार (9 फरवरी) को अपने पद से इस्तीफा दे दिया. सीएम के तौर पर बीरेन सिंह का कार्यकाल कई विवादों से घिरा रहा. लेकिन कुकी और मैतेई समुदायों की बीच हुई हिंसा सबसे भारी रही. नवंबर 2024 तक मणिपुर की जातीय हिंसा में 258 लोगों की जान जा चुकी है। यहां 03 मई 2023 को हिंसा भड़कने के बाद हुई प्रमुख घटनाएं कुछ इस प्रकार से हैं।
Photograph: (file)
जानिए प्रमुख घटनाक्रम
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27 मार्च 2023 और 28 अप्रैल 2023
तत्कालीन कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश एम वी मुरलीधरन ने कहा कि, मणिपुर में मैतेई समुदाय ने जातीय हिंसा को भड़काने की दिशा में ट्रिगर का काम किया. उन्होंने एक आदेश जारी कर राज्य सरकार से कहा कि वह मैतेई समुदाय को राज्य की एसटी सूची में शामिल करने की सिफारिश पर विचार करें। मणिपुर में बढ़ती हिंसा को देखते हुए 28 अप्रैल 2023 को स्वदेशी जनजातीय नेताओं का मंच (ITLF) सरकार के खिलाफ पूर्ण बंद का आह्वान किया।
03 मई 2023 और 04 मई 2023
मैतेई को एसटी का दर्जा दिए जाने के हाई कोर्ट के आदेश के खिलाफ आदिवासी छात्र संघ के 'एकजुटता मार्च' के दौरान इंफाल और कुकी बहुल जिलों में हिंसा भड़क उठी। मणिपुर सरकार ने अगले पांच दिनों के लिए पूरे राज्य में मोबाइल इंटरनेट सेवाओं को निलंबित कर दिया और आठ जिलों में कर्फ्यू लगा दिया। इंफाल में 4 मई 2023 को भाजपा विधायक वुंगजागिन वाल्टे पर भीड़ ने हमला किया। इस दौरान करीब 9 हजार लोगों को निकाला गया. चुराचांदपुर में लगभग 5000, इंफाल में 2000 और मोरेह में 2000 लोग हैं।
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07 फरवरी 2025 और 9 फरवरी 2025
मणिपुर कांग्रेस ने घोषणा की कि वह 10 फरवरी को बीरेन सिंह सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाएगी। 9 फरवरी 2025 को मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने 9 फरवरी 2025 को राज्य में जातीय हिंसा भड़कने के करीब दो साल बाद अपने पद से इस्तीफा दे दिया
18 अक्टुबर 2024 और 07 नवंबर 2024
मणिपुर में भाजपा के 19 विधायकों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र भेजकर मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह को हटाने की मांग की। वहीं, 07 नवंबर 2024 को मणिपुर के जिरीबाम में संदिग्ध मैतेई सशस्त्र कर्मियों द्वारा Hmarसमुदाय की 31 वर्षीय महिला शिक्षिका के साथ कथित तौर पर बलात्कार करने और उसे जिंदा जलाने के बाद फिर से संघर्ष शुरू हो गया।
22 नवंबर 2024 और 03 फरवरी 2025
राज्य सरकार के सुरक्षा सलाहकार कुलदीप सिंह ने बताया कि मई 2023 में राज्य में फैली जातीय हिंसा में अब तक उग्रवादियों सहित 258 लोगों की जान जा चुकी है। 03 फरवरी 2025 को बीरेन सिंह के आलोचक माने जाने वाले मणिपुर के ग्रामीण विकास और पंचायती राज मंत्री युमनाम खेमचंद सिंह नई दिल्ली पहुंचे। कहा जाता है कि, उन्होंने भाजपा नेतृत्व को चेतावनी दी कि अगर मुख्यमंत्री को नहीं बदला गया तो सरकार गिरने की संभावना है।
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