नई दिल्ली, वाईबीएन नेटवर्क।
यूनिटेक के संस्थापक रमेश चंद्रा को मनी लॉन्ड्रिंग मामले में बड़ी राहत मिली है। दिल्ली उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को धनशोधन मामले में रियल्टी कंपनी यूनिटेक के संस्थापक रमेश चंद्रा को जमानत दे दी है। न्यायमूर्ति जसमीत सिंह ने 88 वर्षीय रमेश चंद्रा को राहत देते हुए आदेश सुनाया। अदालत ने चंद्रा को 1 लाख रुपये के निजी मुचलके पर जमानत दी है।
5826 करोड़ का मामला
आपको बता दें कि यूनिटेक के फाउंडर रमेश चंद्रा के ऊपर 5 हजार 826 करोड़ रुपये के फंड के डायवर्जन में शामिल होने का आरोप है। मनी लॉन्डिंग मामले में उन्हें अक्टूबर 2021 में गिरफ्तार किया गया था। इसके बाद उन्होंने 2022 में हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। स्वास्थ्य कारणों से वे 2022 से अंतरिम जमानत दी थी, जिसे समय-समय पर बढ़ाया गया। दिल्ली हाई कोर्ट ने आज उन्हें नियमित जमानत दे दी है। हालांकि इस संबंध में विस्तृत आदेश अभी जारी नहीं किया गया है।
रमेश चंद्र के खिलाफ केस
रमेश चंद्रा के खिलाफ धोखाधड़ी, आपराधिक साजिश, अनुचित लाभ और मनी लॉन्ड्रिंग समेत कई आरोप हैं। दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा द्वारा रमेश चंद्रा के ऊपर केस दर्ज किया गया था। रमेश चंद्रा समेत उनके परिवार के सदस्यों पर ₹5,826 करोड़ रुपये की हेराफेरी का आरोप है। प्रवर्तन निदेशालय का आरोप है कि घर खरीदारों के धन का गबन किया गया। इस मामले में रमेश चंद्रा के अलावा उनके बेटे संजय चंद्रा, संजय चंद्रा की पत्नी प्रीति चंद्रा, दूसरे बेटे अजय चंद्रा और कारनोस्टी मैनेजमेंट के अधिकारी राजेश मलिक भी आरोपी हैं।
अदालत ने चंद्रा को 1 लाख रुपये के निजी मुचलके पर जमानत दी है। और निर्देश दिया कि वे ट्रायल के दौरान अदालत में उपस्थित रहें और कोई आपराधिक गतिविधि में संलिप्त न हों, और गवाहों से संपर्क या उन्हें प्रभावित न करें।