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देहरादून, वाईबीएन डेस्क।दिसंबर से बाहरी राज्यों से उत्तराखंड आने वाले वाहनों से ग्रीन टैक्स वसूला जाएगा। राज्य के शीर्ष अधिकारियों के अनुसार, इस फैसले का उद्देश्य राज्य में प्रदूषण नियंत्रण, पर्यावरण संरक्षण और स्वच्छता को बढ़ावा देना है। इस टैक्स की वसूली दिसंबर में शुरू होगी। इस आदेश को लेकर अपर आयुक्त परिवहन एसके सिंह ने बताया कि दिसंबर महीने में उत्तराखंड में एंट्री करने वाले वाहनों से ग्रीन सेस लेना शुरू कर दिया जाएगा। दूसरे राज्य से आने वाली हर प्रकार की गाड़ी के फास्टैग से ऑटोमेटिक पैसे काटे जाएंगे। ये सभी प्रक्रियाएं ANPR कैमरों की नजर में रहेंगी।
ट्रक साइज के हिसाब से लिया जाएगा टैक्स
अपर आयुक्त परिवहन एसके सिंह ने बताया कि इस ग्रीन सेस से हर साल लगभग 100 करोड़ -150 करोड़ रुपये राजस्व मिलने का अनुमान है। उत्तराखंड परिवहन विभाग ने इस पूरी प्रक्रिया को पारदर्शी और आधुनिक बनाने के लिए एक प्राइवेट कंपनी से करार किया है। ये कंपनी उत्तराखंड की सीमाओं पर 16 जगहों को चिन्हित किया गया है। इन जगहों पर ही ऑटोमेटेड नंबर प्लेट रिकग्निशन (ANPR) कैमरे लगाए गए हैं। इन कैमरों की मदद से दूसरे राज्यों से आने वाले वाहनों की पहचान की जाएगी और फिर उनसे ये टैक्स वसूला जाएगा।
वाहनों की श्रेणी के अनुसार तय की दरें
चार पहिया वाहनों पर 80 रुपये
डिलीवरी वेन 250 रुपये
भारी वाहनों पर 120 रुपये प्रतिदिन
बस 140 रुपये
टैक्स कलेक्शन सेंटर
टैक्स कलेक्शन सेंटर में गढ़वाल में कुल्हाल (उत्तराखंड -हिमाचल सीमा) , तिमली रेंज, आशारोड़ी सीमा (उत्तराखंड उत्तर प्रदेश सीमा), नारसन बॉर्डर (उत्तराखंड उत्तर प्रदेश सीमा) गोवर्धनपुर, चिड़ियापुर समेत उत्तराखंड उत्तर प्रदेश अंतर्राज्यीय सीमा पर कई स्थानों पर ये कैमरे लगाएं गए हैं. कुमाऊं में खटीमा, काशीपुर, जसपुर, रुद्रपुर, पुल भट्टा (बरेली रोड) ये सभी उत्तराखंड उत्तर प्रदेश बॉर्डर )मे कई जगह कैमरे लगे हैं।
इन वाहनों को नहीं देना होगा दोबारा शुल्क
समाचार एजेंसी पीटीआई की खबर के अनुसार, परिवहन विभाग के अनुसार, दूसरे राज्यों से आने वाले वाहनों को एक छूट भी दी गई है, जिसमे अगर कोई वाहन एक दिन के अंदर दोबारा उत्तराखंड राज्य में प्रवेश करता है, तो उसे दोबारा शुल्क यानी ग्रीन सेस नहीं देना होगा। यानी से ग्रीन सेस 24 घंटों के लिए वैलिड होगा। इसके लिए संबंधित कंपनी को नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) से पेमेंट गेटवे की अनुमति भी मिल चुकी है। राज्य सरकार का कहना है कि इस ग्रीन सेस से इकट्ठा हुआ पैसा का कई कार्यों में इस्तेमाल किया जाएगा। इसमें एयर पॉल्यूशन कंट्रोल, सड़क सुरक्षा और शहरी परिवहन सुधार में किया जाएगा। यह कदम राज्य की स्वच्छ और सुरक्षित यातायात नीति को मजबूती देगा। Uttarakhand Green Tax | Uttrakhand
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