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Pahalgam Attack पर आदित्य ठाकरे का बड़ा हमला, बोले- जवाब दो, राजनीति बंद करो

आदित्य ठाकरे ने पहलगाम आतंकी हमले पर केंद्र को घेरा, बोले- विपक्ष एकजुट है लेकिन सरकार राजनीति कर रही है। विदेश मंत्री जवाब दें कि दुनिया में भारत की छवि क्यों खराब हो रही है?

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Ajit Kumar Pandey
MUMBAI AADITYA THAKRE NEWS
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नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क । आतंक पर सियासत गर्मा गई है। पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद सवाल उठने लगे हैं। शिवसेना (UBT) नेता आदित्य ठाकरे ने मोदी सरकार को घेरा।

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उन्होंने विपक्ष की एकता और सरकार की चुप्पी पर तंज कसा। क्या आतंक पर राजनीति देश को कमजोर कर रही है? पहले दिन से विपक्ष ने एकजुटता दिखाई, फिर सरकार ने राजनीति शुरू कर दी। आदित्य ठाकरे ने केंद्र पर निशाना साधते हुए पूछा- जब दुनिया में भारत की छवि दांव पर है, तब विदेश मंत्री बताएं इतनी नौबत क्यों आई?

मुंबई से जारी बयान में शिवसेना (UBT) नेता आदित्य ठाकरे ने केंद्र सरकार को आतंकवाद के मुद्दे पर घेर लिया है। हाल ही में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद देशभर में गुस्से का माहौल है। ठाकरे ने कहा कि विपक्ष ने शुरुआत से ही प्रधानमंत्री का समर्थन किया था, क्योंकि आतंक के खिलाफ देश को एकजुट रहना चाहिए। लेकिन अब केंद्र सरकार इस मामले में राजनीति कर रही है, जो दुर्भाग्यपूर्ण है।

सरकार की चुप्पी पर सवाल

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आदित्य ठाकरे ने सवाल उठाया, "कोई यह क्यों नहीं पूछ रहा कि आतंकवादी पहलगाम तक पहुंचे कैसे? सुरक्षा में इतनी बड़ी चूक क्यों हुई?" उन्होंने आगे कहा कि जब भारत के सभी दल मिलकर एक स्वर में पाकिस्तान और आतंक के खिलाफ खड़े हैं, तो केंद्र को भी राजनीतिक मतभेद भुलाकर साथ आना चाहिए।

विदेश में क्यों भेजे जा रहे प्रतिनिधि?

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ठाकरे ने यह भी पूछा कि ऐसी नौबत क्यों आई कि भारत को दुनिया भर में अपने नेताओं को भेजकर सफाई देनी पड़ रही है? उन्होंने विदेश मंत्री एस जयशंकर से सीधे जवाब मांगा कि क्या इस हमले से भारत की वैश्विक छवि को नुकसान हुआ है?

आतंक पर राजनीति देशहित के खिलाफ

उन्होंने कहा कि आतंक के मुद्दे पर राजनीति करना देश की एकता को तोड़ने जैसा है। विपक्ष ने पहले दिन से ही सरकार के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ा होने का वादा किया था। लेकिन अब बीजेपी की ओर से जो संकेत मिल रहे हैं, वो राजनीतिक लाभ लेने की कोशिश लगती है।

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जनता के मन में सवाल

पहलगाम जैसे सुरक्षित माने जाने वाले इलाके में आतंकियों का पहुंच जाना एक गंभीर मुद्दा है। क्या इस पर सरकार पारदर्शी तरीके से जवाब देगी? क्या सुरक्षा तंत्र में खामियां हैं? जनता के इन सवालों का जवाब मिलना जरूरी है।

विपक्ष की भूमिका रचनात्मक

ठाकरे ने स्पष्ट किया कि विपक्ष का मकसद सरकार को गिराना नहीं, बल्कि आतंक के खिलाफ एकजुट होना है। उन्होंने बीजेपी से अपील की कि इस नाजुक वक्त में देशहित को प्राथमिकता दें, न कि राजनीति को।

पहलगाम हमले ने एक बार फिर यह सोचने पर मजबूर कर दिया है कि क्या हम आतंक से लड़ने में सच में एकजुट हैं या फिर राजनीतिक हित देश से ऊपर हैं?

क्या आप भी मानते हैं कि आतंक पर राजनीति नहीं होनी चाहिए? नीचे कमेंट करें और अपनी राय बताएं।

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