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तुर्की के फलों पर बैन! गाजियाबाद के व्यापारियों ने उठाया सख्त कदम

भारत पाकिस्तान के बीच संघर्ष के दौरान तुर्की ने पाकिस्तान का समर्थन किया। इससे नाराज साहिबाबाद फल मंडी के व्यापारियों ने तुर्की से सेब और अन्य उत्पादों का बहिष्कार करने का ऐलान किया है।

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Ajit Kumar Pandey
TURKY NEWS GHAZIABAD
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नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क । भारत पाकिस्तान के बीच संघर्ष के दौरान तुर्की ने पाकिस्तान का समर्थन किया। इससे नाराज साहिबाबाद फल मंडी के व्यापारियों ने तुर्की से सेब और अन्य उत्पादों का बहिष्कार करने का ऐलान किया है। तुर्की द्वारा पाकिस्तान का समर्थन करने से भारतीय व्यापारी नाराज हैं वह धीरे धीरे सामने आ रहा है। पूरे देश में तुर्की का विरोध शुरू हो गया है। 

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आपको बता दें कि हाल ही में हुए भारत पाकिस्तान के बीच संघर्ष के दौरान तुर्की ने पाकिस्तान की खुलकर मदद की और खुलेआम कहा कि वह पाकिस्तान के साथ खड़ा है। तुर्की के इस फैसले के बाद भारत के कारोबारियों में बड़ा आक्रोश है। भारत बड़ी मात्रा में तुर्की से फलों के साथ अन्य तमाम सामानों का आयात करता है। उधर, भारतीय व्यापारियों ने तुर्की से आयात नहीं करने का फैसला किया है। 

व्यापारियों का कहना है कि तुर्की ने पाकिस्तान का सपोर्ट करके यह बता दिया है कि वह आतंकवाद के साथ है। यानि हमारा पैसा हमीं से कमाई करके हमारे खिलाफ आतंकवाद पर खर्च हो। ऐसा व्यापारी बिल्कुल नहीं होने देगा।

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तुर्की से फलों का व्यापार बंद, 1400 करोड़ की चपत

साहिबाबाद फल मंडी के एक फल व्यापारी ने कहा, "मीडिया के माध्यम से पता चला कि तुर्की ने पाकिस्तान का समर्थन किया था। तुर्की से हमारे सेब का करीब 1200 से 1400 करोड़ का व्यापार होता है... अगर तुर्की ने पाकिस्तान का समर्थन किया है मतलब इन्होंने आतंकवाद का समर्थन किया है। हमने तुर्की से अपने व्यापारिक संबंध तोड़ने का फैसला किया है..."

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भारत और तुर्की के बीच व्यापार संबंध महत्वपूर्ण हैं, लेकिन भारत तुर्की से अपेक्षाकृत कम मात्रा में आयात करता है। नवीनतम आँकड़ों (2022-23) के अनुसार...

भारत द्वारा तुर्की से आयात किए जाने वाले प्रमुख सामान

पेट्रोलियम उत्पाद (कच्चा तेल और रिफाइंड उत्पाद)

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रसायन एवं उर्वरक

  • इंजीनियरिंग गुड्स (मशीनरी, ऑटो पार्ट्स)
  • कपड़ा और टेक्सटाइल उत्पाद (सूत, फैब्रिक)
  • धातु एवं धातु उत्पाद (लोहा, इस्पात, एल्युमीनियम)
  • प्लास्टिक और रबर उत्पाद

आयात का मूल्य

  • 2022-23 में भारत ने तुर्की से **लगभग $2.4 बिलियन (≈ 18,000 करोड़ रुपए) का सामान आयात किया।
  • यह भारत के कुल आयात का 0.4% से भी कम है।

आयात रुकने का प्रभाव

भारत पर प्रभाव

  • न्यूनतम प्रभाव, क्योंकि तुर्की से आयात भारत के कुल व्यापार का छोटा हिस्सा है।
  • कुछ उद्योगों (जैसे टेक्सटाइल, ऑटो पार्ट्स) को थोड़ी समस्या हो सकती है, लेकिन अन्य देशों (चीन, यूएई, यूरोप) से विकल्प उपलब्ध हैं।

तुर्की पर प्रभाव

  • अधिक नुकसान, क्योंकि भारत तुर्की का 6वां सबसे बड़ा निर्यात गंतव्य है।
  • 2022-23 में तुर्की ने भारत को $5.5 बिलियन (≈ 41,000 करोड़ रुपए) का निर्यात किया।
  • आयात रुकने से तुर्की के टेक्सटाइल, ऑटोमोटिव और रसायन उद्योग को नुकसान होगा।
  • भारत के लिए तुर्की से आयात रुकने का प्रभाव सीमित होगा, जबकि तुर्की को अधिक नुकसान हो सकता है।
  • यदि राजनीतिक तनाव बढ़ता है, तो द्विपक्षीय व्यापार $8-10 बिलियन के स्तर से गिर सकता है।

वर्तमान में, दोनों देशों के बीच व्यापार जारी है, लेकिन भू-राजनीतिक स्थिति (जैसे पाकिस्तान समर्थन, कश्मीर मुद्दे) के कारण भविष्य में प्रतिबंध हो सकते हैं। 

आपलोग इस खबर अपनी राय अवश्य दें। व्यापारियों का यह फैसला आपको कैसा लगा!

(डेटा स्रोत: भारतीय वाणिज्य मंत्रालय, WTO, UN Comtrade)

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