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सेना की वर्दी में आए दहशतगर्दों ने धर्म पूछकर बरसाईं गोलियां!, जानें पर्यटकों पर कब-कब हुए टेरर अटैक ?

जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में आतंकियों ने सेना की वर्दी में आकर पर्यटकों पर हमला किया, जिसमें राजस्थान के एक पर्यटक की मौत हो गई और 12 अन्य घायल हुए हैं।

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Ajit Kumar Pandey
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TERROR ATTACK
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नई दिल्ली, वाईबीएन नेटवर्क । जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में मंगलवार, 22 अप्रैल 2025 को उस वक्त दहशत फैल गई, जब सेना की वर्दी में आए आतंकियों ने पर्यटकों पर ताबड़तोड़ गोलियां बरसाईं।

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अनंतनाग जिले की बैसरन घाटी में हुए इस खौफनाक हमले में राजस्थान के एक पर्यटक की गोली मारकर हत्या कर दी गई, जबकि 12 अन्य लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। 

आतंकियों ने पहले पर्यटकों से उनका नाम और धर्म पूछा, फिर अंधाधुंध फायरिंग शुरू कर दी। इस घटना ने अमरनाथ यात्रा से पहले सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। आखिर कौन थे ये हमलावर, और क्यों बनाया गया पर्यटकों को निशाना?

प्रत्यक्षदर्शियों और मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, दो आतंकी सेना की वर्दी में आए थे। उन्होंने पहले पर्यटकों से उनका नाम पूछा और फिर एक राजस्थानी पर्यटक के सिर में गोली मार दी।

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इसके बाद आतंकी अंधाधुंध फायरिंग करते हुए जंगलों की ओर भाग गए। घायलों में स्थानीय लोग और पर्यटक दोनों शामिल हैं। न्यूज एजेंसी PTI के हवाले से बताया गया कि घायलों की संख्या 12 है, जिनमें से दो की हालत गंभीर है।

एक अज्ञात महिला ने PTI को फोन पर बताया कि उसके पति के सिर में गोली लगी है और उनकी स्थिति नाजुक है। घायलों को नजदीकी अस्पतालों में भर्ती कराया गया है, जहां उनका इलाज जारी है।

एक महिला ने बताया कि उसके पति को आतंकवादियों ने इसलिए गोली मारी क्योंकि आतंकियों ने भेल पूरी खा रहे उसके पति से पूछा कि तुम मुस्लिम हो, सवाल के जवाब में महिला के पति कहा नहीं, इसके फौरन बाद आतंकी ने गोली मार दी।  

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JAMMU KASHMIR

सुरक्षाबलों की कार्रवाई

हमले की सूचना मिलते ही सुरक्षाबलों ने बैसरन घाटी और आसपास के इलाकों को घेर लिया। आतंकियों की तलाश में सघन सर्च ऑपरेशन चलाया जा रहा है। हेलिकॉप्टर और ड्रोन की मदद से जंगली इलाकों में निगरानी की जा रही है। जम्मू-कश्मीर पुलिस और सेना के जवान संयुक्त रूप से ऑपरेशन में जुटे हैं।

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जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने हमले की कड़ी निंदा की है। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लिखा, "पहलगाम में पर्यटकों पर हुआ यह हमला घृणित और निंदनीय है। मैं इस घटना से स्तब्ध हूं।"

जम्मू कश्मीर में आतंकवादियों ने अब एक बार फिर जानलेवा हमला शुरू कर दिया है। साल 2022 में कश्मीर में भी नाम पूछकर पर्यटकों पर हमला किया गया था। इस हमले में एक पर्यटक की गोली मारकर हत्या की गई थी। साल 1947 से अब तक पर्यटकों पर कई हमले आतंकियों ने किए हैं। आइए एक नजर डालते हैं...

1995 में अल-फ़रान आतंकवादियों द्वारा अपहरण

घटना: आतंकवादी संगठन अल-फ़रान ने पहलगाम (अनंतनाग) में 6 विदेशी पर्यटकों को अगवा किया, जिनमें से एक (नॉर्वे का नागरिक) बाद में मृत पाया गया।

मृत पर्यटक: 1 विदेशी पर्यटक।

2000 में अमरनाथ यात्रा पर हमला

घटना: अमरनाथ यात्रियों पर पहलगाम के निकट हमला हुआ, जिसमें 30 से अधिक लोग मारे गए, जिनमें कुछ पर्यटक भी शामिल थे।

मृत पर्यटक: आधिकारिक आंकड़ों में सटीक संख्या नहीं है, लेकिन कई तीर्थयात्री/पर्यटक शामिल थे।

2002 में कश्मीर घाटी में विदेशी पर्यटकों पर हमला

घटना: श्रीनगर के निशात बाग इलाके में दो विदेशी पर्यटकों (अमेरिकी नागरिक) की गोली मारकर हत्या कर दी गई।

मृत पर्यटक: 2 विदेशी पर्यटक।

2006 में अमरनाथ यात्रा पर बम हमला

घटना: अनंतनाग जिले में यात्रियों से भरी बस पर हमला हुआ, जिसमें कम से कम 35 लोग मारे गए, जिनमें कई तीर्थयात्री शामिल थे।

मृत पर्यटक: आधिकारिक तौर पर 35 (कुछ पर्यटक भी शामिल)।

2017 में अमरनाथ यात्रा पर बस हमला

घटना: अनंतनाग में आतंकवादियों ने यात्रियों से भरी बस पर गोलीबारी की, जिसमें 8 लोगों की मौत हुई, जिनमें 7 यात्री थे।

मृत पर्यटक: 7 तीर्थयात्री/पर्यटक।

2022 में कश्मीर में हिंदू पर्यटकों पर हमला

घटना: श्रीनगर के निकट एक हिंदू पर्यटक की गोली मारकर हत्या कर दी गई।

मृत पर्यटक: 1 भारतीय पर्यटक।

कुल मृत पर्यटकों का अनुमान

  • 1947–2025 तक कश्मीर में आतंकवादी हमलों में 50–70+ पर्यटक/तीर्थयात्री मारे गए हैं (सटीक आंकड़े उपलब्ध नहीं)।
  • इनमें विदेशी पर्यटकों की संख्या कम है, लेकिन भारतीय तीर्थयात्रियों और पर्यटकों को निशाना बनाया गया है।
  • ये आंकड़े विभिन्न स्रोतों (समाचार रिपोर्ट्स, सरकारी डेटा) पर आधारित हैं, लेकिन आधिकारिक रिकॉर्ड में सभी घटनाएं दर्ज नहीं हो सकतीं।
  • अमरनाथ यात्रा पर सबसे ज्यादा हमले हुए हैं, क्योंकि आतंकवादी संगठन हिंदू तीर्थयात्रियों को निशाना बनाते हैं।

हाल के आतंकी हमलों का इतिहास

जम्मू-कश्मीर में हाल के महीनों में आतंकी गतिविधियों में वृद्धि देखी गई है। कुछ उल्लेखनीय घटनाएं निम्नलिखित हैं...

18 मई 2024: पहलगाम के पास एक ओपन टूरिस्ट कैंप में राजस्थान के जयपुर से आए एक दंपति पर आतंकियों ने गोलीबारी की थी। उसी रात शोपियां के हीरपोरा में स्थानीय भाजपा नेता ऐजाज अहमद शेख की हत्या कर दी गई थी। ये हमले लोकसभा चुनाव के दौरान हुए थे, जब जम्मू-कश्मीर में आर्टिकल-370 हटने के बाद पहली बार मतदान हो रहा था।

12 अप्रैल 2025: जम्मू के अखनूर में आतंकियों के साथ मुठभेड़ में 9 पंजाब रेजिमेंट के जेसीओ कुलदीप चंद शहीद हो गए। यह एनकाउंटर 11 अप्रैल की रात शुरू हुआ था।

11 अप्रैल 2025: किश्तवाड़ के जंगलों में सुरक्षाबलों ने जैश-ए-मोहम्मद के तीन आतंकियों को मार गिराया, जिनमें टॉप कमांडर सैफुल्लाह भी शामिल था।

4-5 अप्रैल 2025: जम्मू के आरएस पुरा सेक्टर में बीएसएफ ने एक पाकिस्तानी घुसपैठिए को ढेर किया। उसी दौरान पुंछ के कृष्णा घाटी सेक्टर में सेना ने 4-5 घुसपैठियों को मार गिराया।

कठुआ में मार्च 2025 की मुठभेड़ें

23 मार्च: हीरानगर सेक्टर में पांच आतंकियों के छिपे होने की सूचना मिली, लेकिन वे भाग निकले।

28 मार्च: दूसरी मुठभेड़ में दो आतंकी मारे गए, लेकिन चार एसओजी जवान शहीद हो गए और डीएसपी धीरज सिंह सहित तीन जवान घायल हुए।

31 मार्च: पंजतीर्थी मंदिर के पास तीसरी मुठभेड़ में एक आतंकी के मारे जाने की खबर थी, लेकिन आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई।

PAHALGAM

नेताओं ने घटना पर दी प्रतिक्रिया

भाजपा नेता रविंदर रैना: उन्होंने इसे "पाकिस्तानी आतंकियों द्वारा कायराना हमला" करार दिया और कहा कि भारतीय सेना, जम्मू-कश्मीर पुलिस और अर्धसैनिक बल आतंकियों का मुंहतोड़ जवाब देंगे।

कांग्रेस नेता तारिक हमीद कर्रा: हमले की निंदा करते हुए कहा, "पर्यटकों पर हमला अत्यंत निंदनीय है। भाजपा का दावा है कि आतंकवाद खत्म हो गया, लेकिन यह घटना उनके दावों की पोल खोलती है।"

जम्मू-कश्मीर में आतंकी हमलों की बढ़ती घटनाएं चिंता का विषय हैं, खासकर पर्यटक क्षेत्रों में। पहलगाम जैसे लोकप्रिय पर्यटन स्थल पर हमला न केवल स्थानीय अर्थव्यवस्था को प्रभावित करता है, बल्कि क्षेत्र की शांति और सुरक्षा पर भी सवाल उठाता है। सुरक्षाबल आतंकियों को पकड़ने के लिए हरसंभव प्रयास कर रहे हैं, और केंद्र सरकार ने स्पष्ट किया है कि आतंकवाद के खिलाफ सख्त कार्रवाई जारी रहेगी।  jammu kashmir | ISI Supported Terror Module |

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