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ED से घबराती है बड़ी बड़ी शख्सियतें, पर यहां तो एजेंसी के छूट गए पसीने

ED ने तब गलत पंगा ले लिया जब उसने दो सीनियर एडवोकेट्स को समन जारी कर दिया। दोनों वकील घाघ थे वो ED पर चढ़ बैठे। एजेंसी को अपनी जान छुड़ाने के लिए नए नियम गढ़ने पड़ गए।

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Shailendra Gautam
प्रवर्तन निदेशालय

Enforcement Directorate

नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्कः नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने से पहले इनकम टैक्स और सीबीआई का नोटिस बड़े से बड़े नाम के पसीने छुड़ा दिया करते था पर मोदी सरकार ने Enforcement Directorate (ED)  को इतना ताकतवर बना दिया कि सीबीआई और इनकम टैक्स का जो खौफ था उसे ED हथिया चुकी है। आज के दौर में ED के चंगुल में जो फंसा उसके पसीने छूट जाते हैं। लेकिन एक मामला ऐसा भी हुआ जब ED के अपने पसीने छूट गए। उसे अपने अफसरों के लिए नए दिशा निर्देश जारी करने पड़ गए। ED डायरेक्टर को खुद आगे आकर हिदायतें देनी पड़ गईं।

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एजेंसी ने वकीलों से पंगा लेकर कर दी गलती
 

दरअसल, ED ने तब गलत पंगा ले लिया जब उसने दो सीनियर एडवोकेट्स को समन जारी कर दिया। दोनों वकील घाघ थे वो ED पर चढ़ बैठे। एजेंसी को अपनी जान छुड़ाने के लिए नए नियम गढ़ने पड़ गए। वकीलों को समन जारी करने पर मचे बवाल के बाद केंद्रीय एजेंसी ने एक परिपत्र जारी कर अपने अधिकारियों से भारतीय साक्ष्य अधिनियम, 2023 की धारा 132 के तहत वकीलों को समन जारी न करने को कहा है। एक प्रेस नोट में ED ने कहा कि यदि वकीलों को कोई समन जारी करने की आवश्यकता है, तो उसे निदेशक की मंजूरी लेने के बाद ही जारी किया जाएगा।

दतार और वेणुगोपाल  को जारी किए समन वापस लेने पड़े

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एजेंसी ने इससे पहले वरिष्ठ अधिवक्ता अरविंद दातार और प्रताप वेणुगोपाल को समन जारी किए थे। केयर हेल्थ इंश्योरेंस (CHIL) द्वारा रेलिगेयर एंटरप्राइजेज की पूर्व चेयरपर्सन रश्मि सलूजा को दिए गए कर्मचारी स्टॉक विकल्प योजना (ESOP) से जुड़ी जांच के संबंध में ये समन जारी हुए थे। जैसे ही ये बात आम हुई वकील गुस्से में आ गए।  देश भर की बार ने इसके खिलाफ कड़े प्रस्ताव जारी कर दिए। एजेंसी को दोनों समन वापस लेने पड़ गए। हालांकि इसके बाद भी वकीलों का गुस्सा नहीं थम रहा है।

वकीलों ने ED को बता दी उसकी हैसियत

समन के बाद वकीलों के तेवर इतने ज्यादा तल्ख हैं कि सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन और सुप्रीम कोर्ट एडवोकेट्स-ऑन-रिकॉर्ड एसोसिएशन ने आज चीफ जस्टिस आफ इंडिया बीआर गवई को पत्र लिखकर वकीलों को समन जारी करने पर आपत्ति जताई। हालांकि अपने बचाव में ईडी ने कहा कि वेणुगोपाल को समन इसलिए जारी किया गया क्योंकि वे सीएचआईएल के स्वतंत्र निदेशक हैं। लेकिन दलील काम नहीं आई। फिर एजेंसी ने सफाई दी कि प्रताप वेणुगोपाल सुप्रीम कोर्ट में एडवोकेट हैं, इसलिए उन्हें जारी समन वापस ले लिया गया है। एजेंसी वकीलों के तेवर देखकर इस कदर घबरा गई कि उसने कहा है कि सीएचआईएल के स्वतंत्र निदेशक के रूप में वेणुगोपाल से कोई दस्तावेज मांगे जाएंगे, तो उन्हें ईमेल भेजी जाएगी। 

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ED डायरेक्टर, Senior Advocates Arvind Datar and Pratap Venugopal, Supreme Court Bar Association, Supreme Court Advocates-on-Record Association, Chief Justice of India, BR Gavai, ED Director,  trendig news 

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