मुंबई, वाईबीएन नेटवर्क ।
Bollywood | cinema : देशभक्ति की फिल्मों के प्रतीक और दिग्गज अभिनेता मनोज कुमार का 87 वर्ष की आयु में निधन हो गया। कोकिलाबेन धीरूभाई अंबानी अस्पताल में लंबी बीमारी के बाद उन्होंने अंतिम सांस ली। अपनी यादगार फिल्मों से देश का दिल जीतने वाले इस कलाकार के जाने से पूरा बॉलीवुड शोक में डूब गया है।
एक युग का अंत
मनोज कुमार ने अपने करियर में...
- 100 से अधिक फिल्मों में अभिनय किया
- 'उपकार', 'पूरब और पश्चिम' जैसी देशभक्ति फिल्मों से बनाई पहचान
- 1992 में दादा साहब फाल्के पुरस्कार से सम्मानित हुए
बॉलीवुड की आवाज़ें: किसने क्या कहा ?
🎬 अशोक पंडित (फिल्म निर्माता): "हमारे प्रेरणास्रोत और इंडस्ट्री के 'शेर' चले गए। उनके जैसा अभिनेता और निर्देशक अब नहीं होगा।"
🚗 आनंद महिंद्रा (उद्योगपति): "मुझे लगता है मैंने अपने बचपन का एक हिस्सा खो दिया है। 'पूरब और पश्चिम' ने हम सभी में देशभक्ति की भावना भर दी थी।"
🎥 मधुर भंडारकर (निर्देशक): "वह भारतीय सिनेमा के प्रतीक थे। उनकी फिल्मों ने राष्ट्रीय गौरव को प्रेरित किया जो पीढ़ियों तक गूंजेगा।"
वो यादें जो अमर रहेंगी
- 1965 में 'शहीद' फिल्म में भगत सिंह की भूमिका
- 1967 की 'उपकार' में उनका मशहूर डायलॉग "मेरा देश बदल रहा है"
- 1972 में 'रोटी कपड़ा और मकान' का यादगार संवाद "जिंदगी की जंग में..."
आखिरी विदाई
- परिवार ने निजी तौर पर अंतिम संस्कार करने का निर्णय लिया
- बॉलीवुड के कलाकारों ने सोशल मीडिया पर श्रद्धांजलि दी
- प्रशंसकों ने उनकी फिल्मों के डायलॉग्स शेयर कर याद किया
क्यों पढ़ें ?
- जानें कैसे एक अभिनेता ने पूरी पीढ़ी को देशभक्ति का पाठ पढ़ाया
- समझें भारतीय सिनेमा के स्वर्ण युग की इस महान विरासत को