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"बिहार में NDA की हार का उपेंद्र कुशवाहा ने खोले राज!, क्या नीतीश फिर बनेंगे CM?"

बिहार की राजनीति में हलचल बढ़ी है, उपेंद्र कुशवाहा ने NDA की हार के लिए मोदी और शाह की सलाह को नजरअंदाज करने को जिम्मेदार ठहराया है। आइए बिहार की राजनीति में इस बयान के असर को समझते हैं...

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Ajit Kumar Pandey
BIHAR UPENDRA KUSHWAHA
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नई दिल्ली, वाईबीएन नेटवर्क । बिहार की राजनीति में एक बार फिर से हलचल तेज हो गई है। राष्ट्रीय लोक मोर्चा के अध्यक्ष और राज्यसभा सांसद उपेंद्र कुशवाहा ने हाल ही में पश्चिम चंपारण में एक बड़ा बयान दिया, जिसमें उन्होंने राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) की हार का कारण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह की सलाह को नजरअंदाज करना बताया।

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उपेंद्र कुशवाहा ने दावा किया कि अगर NDA ने मोदी और शाह की रणनीति पर अमल किया होता, तो बिहार में सत्ता से हाथ नहीं धोना पड़ता। इसके साथ ही उन्होंने यह भी भविष्यवाणी की कि आगामी विधानसभा चुनाव में नीतीश कुमार के नेतृत्व में NDA की सरकार बनना तय है।

कुशवाहा का बयान और सियासी मंशा

उपेंद्र कुशवाहा ने पश्चिम चंपारण में अपनी राज्यव्यापी यात्रा के दौरान यह बयान दिया। उनकी यह यात्रा सितंबर में अरवल जिले के कुरथा से शुरू हुई थी और इसका मकसद NDA को मजबूत करना और जनता का मूड भांपना है।

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कुशवाहा ने कहा कि उनकी यात्रा के दौरान उन्हें यह साफ दिखा कि बिहार की जनता NDA के पक्ष में है और नीतीश कुमार के नेतृत्व में सरकार बनाना चाहती है। उन्होंने यह भी जोड़ा कि पिछले 20 सालों में NDA की सरकार ने बिहार में विकास के कई काम किए, जिसके चलते जनता में कोई सत्ता विरोधी लहर नहीं है।

कुशवाहा का यह बयान ऐसे समय में आया है, जब बिहार में 2025 के विधानसभा चुनाव की तैयारियां जोरों पर हैं। उनके इस दावे ने न केवल NDA के नेताओं बल्कि विपक्षी दलों के बीच भी चर्चा का बाजार गर्म कर दिया है। कुशवाहा ने यह भी कहा कि जनता विपक्ष को सत्ता में नहीं देखना चाहती, क्योंकि उन्हें लगता है कि इससे बिहार का विकास रुक जाएगा।

मोदी-शाह की अनदेखी का क्या है माजरा?

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MODI SHAH BIHAR

कुशवाहा ने अपने बयान में यह इशारा किया कि NDA के कुछ नेताओं ने मोदी और शाह की सलाह को दरकिनार किया, जिसके चलते गठबंधन को नुकसान उठाना पड़ा। हालांकि, उन्होंने इस बात का खुलासा नहीं किया कि यह अनदेखी किस स्तर पर हुई या किन मुद्दों पर हुई।

राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि कुशवाहा का यह बयान NDA के भीतर की अंदरूनी खींचतान की ओर इशारा करता है। कुछ जानकारों का कहना है कि यह बयान नीतीश कुमार और BJP के बीच रणनीति को लेकर मतभेद की ओर भी संकेत दे सकता है।

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कुशवाहा ने यह भी कहा कि उनकी यात्रा का मकसद केवल NDA को मजबूत करना ही नहीं, बल्कि जनता की नब्ज टटोलना भी है। उन्होंने दावा किया कि उनकी यात्रा के दौरान जनता ने NDA के प्रति समर्थन जताया है। यह बयान NDA के लिए एक सकारात्मक संदेश तो है, लेकिन साथ ही यह सवाल भी उठाता है कि क्या कुशवाहा इस बयान के जरिए अपनी सियासी जमीन मजबूत करने की कोशिश कर रहे हैं?

नीतीश की वापसी की भविष्यवाणी

BIHAR CM NITISH KUMAR

कुशवाहा ने यह भी दावा किया कि नीतीश कुमार के नेतृत्व में NDA आगामी चुनाव में प्रचंड जीत हासिल करेगी। उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार की लोकप्रियता और उनके विकास कार्यों की वजह से जनता उनके साथ है। यह बयान उस समय महत्वपूर्ण हो जाता है, जब विपक्षी नेता तेजस्वी यादव नीतीश सरकार पर लगातार हमलावर हैं। तेजस्वी ने हाल ही में नीतीश सरकार को पुरानी गाड़ी करार देते हुए बदलाव की जरूरत बताई थी। कुशवाहा ने इस पर पलटवार करते हुए कहा कि जनता बदलाव नहीं, बल्कि स्थिरता और विकास चाहती है।

कुशवाहा की सियासी रणनीति

उपेंद्र कुशवाहा की यह टिप्पणी उनकी अपनी सियासी रणनीति का हिस्सा भी मानी जा रही है। कुशवाहा, जो कोइरी समुदाय से आते हैं, बिहार में एक प्रभावशाली नेता माने जाते हैं। उनकी पार्टी, राष्ट्रीय लोक मोर्चा, भले ही छोटी हो, लेकिन कोइरी और अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) वोटों को प्रभावित करने की क्षमता रखती है। कुशवाहा का यह बयान उनकी पार्टी को NDA में अहमियत दिलाने की कोशिश के तौर पर भी देखा जा रहा है।

जब उनसे सीट बंटवारे के बारे में पूछा गया, तो कुशवाहा ने इस मुद्दे को टालते हुए कहा कि यह फैसला चुनाव से पहले लिया जाएगा। उनका यह बयान दर्शाता है कि वह अभी से अपनी पार्टी के लिए बेहतर डील की तैयारी कर रहे हैं।

विपक्ष की प्रतिक्रिया

कुशवाहा के इस बयान पर विपक्षी दलों ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। राजद नेता तेजस्वी यादव ने इसे NDA के भीतर की बेचैनी का सबूत बताया। उन्होंने कहा कि कुशवाहा का यह बयान दिखाता है कि NDA में सब कुछ ठीक नहीं है। कांग्रेस ने भी कुशवाहा के बयान को NDA की हताशा का नतीजा करार दिया।

उपेंद्र कुशवाहा का यह बयान बिहार की सियासत में नई हलचल पैदा करने वाला है। यह न केवल NDA के लिए एक रणनीतिक संदेश है, बल्कि कुशवाहा की अपनी सियासी महत्वाकांक्षा को भी दर्शाता है। क्या नीतीश कुमार के नेतृत्व में NDA वाकई प्रचंड जीत हासिल करेगी, या यह बयान महज सियासी हवा बनाने की कोशिश है? यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा। Bihar | Bihar future politics | Bihar Political Battle | Bihar political drama | Bihar political news |

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