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"अवैध मदरसों को ढहाने के लिए सुपर एक्शन!, जानें कहां-कहां चल रही ताबड़तोड़ कार्रवाई?"

उत्तर प्रदेश सरकार ने अवैध रूप से संचालित मदरसों और मस्जिदों के खिलाफ सुपर एक्शन तेज कर दिया है। नेपाल बॉर्डर इलाकों के जिलों के प्रशासन ने जांचोपरांत कार्रवाई तेज कर दी है।

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Ajit Kumar Pandey
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नई दिल्ली, वाईबीएन नेटवर्क ।उत्तर प्रदेश सरकार ने अवैध रूप से संचालित मदरसों और मस्जिदों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई शुरू की है। राज्य के विभिन्न जिलों, खासकर नेपाल सीमा से सटे इलाकों में छापेमारी और जांच की कार्रवाई तेज हो गई है। प्रशासन का कहना है कि यह अभियान कानून व्यवस्था को मजबूत करने और अवैध गतिविधियों पर अंकुश लगाने के लिए चलाया जा रहा है। 

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सूत्रों के अनुसार, राज्य सरकार ने हाल ही में कई जिलों में अवैध रूप से चल रहे मदरसों और मस्जिदों की पहचान की है। इनमें से कुछ संस्थानों पर आरोप है कि वे बिना अनुमति के बनाए गए हैं और कुछ संदिग्ध गतिविधियों में शामिल हो सकते हैं। प्रशासन ने इनकी जांच के लिए विशेष टीमें गठित की हैं, जो जमीन के दस्तावेजों, निर्माण अनुमति और संचालन से जुड़े नियमों का पालन करने की जांच कर रही हैं।

नेपाल सीमा से लगे जिलों पर फोकस

सीमावर्ती जिलों जैसे बहराइच, श्रावस्ती, महराजगंज और पीलीभीत में यह कार्रवाई विशेष रूप से तेज है। सुरक्षा एजेंसियों का मानना है कि इन इलाकों में अवैध निर्माण और गैर-कानूनी गतिविधियों का खतरा अधिक होता है। पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों ने कहा कि जांच में पाया गया कि कुछ मदरसों में बिना अनुमति के निर्माण कार्य हुए हैं और कुछ संस्थानों के पास जमीन के कागजात भी पूरे नहीं हैं।

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सरकार का स्टैंड

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस मामले में सख्त रुख अपनाते हुए अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि किसी भी अवैध निर्माण या संदिग्ध गतिविधियों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि कानून का पालन सभी को करना होगा, चाहे वह किसी भी धर्म या समुदाय से जुड़ा हो। सरकार का उद्देश्य राज्य में कानून व्यवस्था बनाए रखना और सभी धार्मिक संस्थानों को नियमों के तहत संचालित करना है।

आगे की कार्रवाई

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जिन संस्थानों में कानूनी प्रक्रिया का पालन नहीं किया गया है, उन्हें नोटिस जारी किए गए हैं। कुछ मामलों में इमारतों को हटाने की कार्रवाई भी शुरू हो सकती है। प्रशासन ने स्थानीय नेताओं और धार्मिक संगठनों से भी बातचीत की है ताकि किसी भी तरह की अफवाह या तनाव की स्थिति न बने।

इस कार्रवाई को लेकर विभिन्न राजनीतिक दलों और संगठनों की प्रतिक्रियाएं अलग-अलग हैं। जहां कुछ लोग इसे सुरक्षा और कानून व्यवस्था के लिए जरूरी बता रहे हैं, वहीं कुछ का कहना है कि इस तरह की कार्रवाई समुदाय विशेष को निशाना बनाने जैसी हो सकती है। हालांकि, सरकार ने स्पष्ट किया है कि यह अभियान केवल कानून का पालन सुनिश्चित करने के लिए है।

अगले कुछ दिनों में और जिलों में भी इस तरह की कार्रवाई जारी रहने की संभावना है। प्रशासन ने आम जनता से अपील की है कि वह किसी भी अवैध निर्माण या संदिग्ध गतिविधि की सूचना देकर कानून व्यवस्था बनाए रखने में सहयोग करें।

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