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इस्लाम को लेकर ऐसा क्या बोलीं तस्लीमा नसरीन ? लोग कर रहे हैं आलोचना

पहलगाम हमले में जीवित बचे कुछ लोगों और प्रत्यक्षदर्शियों ने दावा किया है कि हमलावरों ने लोगों से कलमा पढ़ने को कहा, ऐसा न करने पर गोली मार दी। निर्वासित बांग्लादेशी लेखिका तस्लीमा नसरीन ने दिल्ली साहित्य महोत्सव में कहा, "जब तक इस्लाम है, आतंकवाद रहेगा।"

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Ajit Kumar Pandey
TASLIMA NASRIN, BANGLADESH, ISLAM, PAHALGAM, HINDI NEWS
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नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क । निर्वासित बांग्लादेशी लेखिका तस्लीमा नसरीन के एक बयान ने विवाद को और हवा दी। दिल्ली साहित्य महोत्सव में उन्होंने कहा, "जब तक इस्लाम है, आतंकवाद रहेगा।" यह बयान न केवल भारत में, बल्कि पूरी दुनिया में चर्चा का केंद्र बन गया है। आइए, इस पहलगाम हमले और तस्लीमा नसरीन के बयान के हर पहलू को आंकड़ों और तथ्यों के साथ समझते हैं।

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पहलगाम हमला: एक खौफनाक सच्चाई

पहलगाम, जो अपनी प्राकृतिक सुंदरता के लिए जाना जाता है, 22 अप्रैल 2025 को खून से लाल हो गया। बाइसारन वैली में लश्कर-ए-तैयबा के चार आतंकियों ने 26 लोगों की हत्या कर दी। हमले में 25 भारतीय और एक नेपाली नागरिक की जान गई। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) के सूत्रों के मुताबिक, आतंकियों ने पहले लोगों को हिंदू और मुस्लिम में बांटने की कोशिश की और 'कलमा' पढ़ने को कहा। जब लोग नहीं माने, तो अंधाधुंध गोलीबारी शुरू कर दी गई।

मृतकों की संख्या: 26 (25 भारतीय, 1 नेपाली)

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घायल: कई लोग, जिनमें से कुछ की हालत गंभीर

हमलावर: 4 लश्कर-ए-तैयबा आतंकी

स्थान: बाइसारन वैली, पहलगाम

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तारीख: 22 अप्रैल 2025

इस हमले को 2024 में गंदेरबल जिले में हुए एक अन्य हमले से भी जोड़ा गया, जिसमें 6 मजदूर और एक डॉक्टर मारे गए थे। दोनों हमलों में एक ही आतंकी मॉड्यूल का हाथ होने की बात सामने आई है।

तस्लीमा नसरीन का बयान: विवाद की जड़

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तस्लीमा नसरीन, जिनकी किताब 'लज्जा' ने उन्हें विश्व भर में प्रसिद्धि दिलाई, ने पहलगाम हमले को 2016 के ढाका कैफे हमले से जोड़ा। उन्होंने कहा, "इस्लाम 1,400 सालों में विकसित नहीं हुआ। जब तक इस्लाम रहेगा, आतंकवाद रहेगा।" यह बयान दिल्ली साहित्य महोत्सव में दिया गया, जिसके बाद सोशल मीडिया पर बहस छिड़ गई।

सोशल मीडिया पर प्रतिक्रियाएं

@DeccanChronicle ने ट्वीट किया, "तस्लीमा नसरीन का दावा: आतंकवाद तब तक रहेगा, जब तक इस्लाम है।"

कई लोगों ने उनके बयान को इस्लाम विरोधी करार दिया, जबकि कुछ ने इसे आतंकवाद के खिलाफ एक साहसिक कदम बताया। तस्लीमा ने यह भी कहा कि यूरोप में चर्च संग्रहालय बन गए हैं, लेकिन मुस्लिम देशों में मस्जिदें बन रही हैं, जो उनके अनुसार कट्टरता को बढ़ावा देता है।

तस्लीमा का बयान भले ही विवादास्पद हो, लेकिन यह आतंकवाद और धर्म के बीच संबंधों पर एक पुरानी बहस को फिर से जिंदा करता है। 25 अप्रैल 2025 को निर्वासित बांग्लादेशी कार्यकर्ता असद नूर ने भी कहा, "99% आतंकी संगठन इस्लाम में विश्वास करते हैं।" हालांकि, इस दावे को कई विशेषज्ञों ने खारिज किया है।

वैश्विक आंकड़े...

  • स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी के डेटा के अनुसार, 2000 से 2020 तक 82% आतंकी हमलों में इस्लामी चरमपंथी संगठन शामिल थे।
  • हालांकि, आतंकवाद के अन्य रूप, जैसे नक्सलवाद और अलगाववादी आंदोलन, भी भारत में सक्रिय हैं।
  • 2024 में भारत में 127 आतंकी हमले दर्ज किए गए, जिनमें 312 लोग मारे गए।

भारत-पाकिस्तान तनाव: एक नया मोड़

पहलगाम हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव चरम पर पहुंच गया। भारत ने पाकिस्तान को हमले का जिम्मेदार ठहराया और कई कड़े कदम उठाए...

  • सिंधु वाटर ट्रीटी को निलंबित करने का फैसला।
  • पाकिस्तानी उच्चायोग के अधिकारियों को निष्कासित किया गया।
  • पाकिस्तानी कलाकारों और क्रिकेटरों के सोशल मीडिया अकाउंट्स भारत में ब्लॉक किए गए।
  • पाकिस्तान ने जवाब में भारतीय गानों को अपने रेडियो स्टेशनों पर प्रतिबंधित कर दिया। संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने दोनों देशों से तनाव कम करने की अपील की।

सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल

पहलगाम हमले ने भारत की सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल उठाए। एनआईए ने जांच शुरू की और अब तक 100 से अधिक लोगों से पूछताछ की जा चुकी है। 15 लोग गहन जांच के दायरे में हैं। समजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव ने इसे "खुफिया विफलता" करार दिया।

सुरक्षा चूक के आंकड़े...

  • 2024 में जम्मू-कश्मीर में 43% आतंकी हमले पर्यटक स्थलों पर हुए।
  • पहलगाम में हमले से पहले कोई सुरक्षा बल मौजूद नहीं था।

क्या कहते हैं लोग?

पहलगाम हमले और तस्लीमा के बयान ने समाज में कई तरह की प्रतिक्रियाएं पैदा कीं। कुछ लोग तस्लीमा के बयान को सही मानते हैं, जबकि अन्य इसे इस्लाम के खिलाफ भेदभावपूर्ण बताते हैं। सोशल मीडिया पर #PahalgamAttack और #TaslimaNasrin ट्रेंड कर रहे हैं।

जानिए प्रतिक्रियाएं

महिरा खान, पाकिस्तानी अभिनेत्री: "यह हमला कायराना है।"

हिमांशी नरवाल, शहीद नौसेना अधिकारी की पत्नी: "हम मुस्लिमों या कश्मीरियों के खिलाफ नहीं हैं। हम सिर्फ न्याय चाहते हैं।"

कैसी होगी आगे की राह

पहलगाम हमला और तस्लीमा नसरीन का बयान हमें आतंकवाद के मूल कारणों पर सोचने के लिए मजबूर करता है। क्या यह धर्म है, राजनीति है, या फिर वैश्विक सत्ता का खेल? भारत को न केवल आतंकवाद से लड़ना है, बल्कि सामाजिक एकता को भी बनाए रखना है। तस्लीमा का बयान भले ही विवादास्पद हो, लेकिन यह हमें आतंकवाद के खिलाफ एकजुट होने की जरूरत को याद दिलाता है।

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