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"कैम्पटी फॉल का रौद्र रूप: भारी बारिश से झरने में उफान, पर्यटकों को पहले ही किया गया था सावधान!"

उत्तराखंड का टिहरी गढ़वाल जिले में स्थित कैम्पटी फॉल पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र है। जहां भारी बारिश ने अचानक अपना रौद्र रूप धारण कर लिया, और पानी के साथ मलबा भी बहने लगा। आइए जानते हैं कि इस रौद्र रूप कहर के बाद क्या हुआ...

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Ajit Kumar Pandey
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UTTARAKHAND MASURI AUR CAIMPTY
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नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क । उत्तराखंड का टिहरी गढ़वाल जिला अपने प्राकृतिक सौंदर्य और झरनों के लिए प्रसिद्ध है। इन्हीं में से एक है कैम्पटी फॉल, जो पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। हाल ही में, भारी बारिश के कारण इस झरने ने अचानक अपना रौद्र रूप धारण कर लिया, जिससे पानी के साथ मलबा भी बहने लगा। लेकिन, टिहरी पुलिस की सतर्कता के कारण कोई बड़ा नुकसान नहीं हुआ।

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क्या हुआ कैम्पटी फॉल में?

भारी बारिश का प्रभाव: कैम्पटी क्षेत्र में कल शाम हुई भारी बारिश के कारण झरने का जलस्तर अचानक बढ़ गया।

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मलबे का बहाव: पानी के साथ-साथ पहाड़ियों से मलबा भी झरने में आने लगा, जिससे खतरनाक स्थिति उत्पन्न हो गई।

पुलिस की पूर्व चेतावनी: कैम्पटी थाना प्रभारी संजय मिश्रा के अनुसार, पुलिस ने पहले ही पर्यटकों को झरने के पास जाने से रोक दिया था, जिससे कोई हादसा टला।

सामान्य स्थिति: देर रात तक झरने का पानी सामान्य हो गया, लेकिन प्रशासन ने अभी भी सतर्कता बरतने की सलाह दी है।

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कैम्पटी फॉल: एक पर्यटन स्थल के रूप में

लोकप्रियता: यह झरना टिहरी गढ़वाल के प्रमुख पर्यटन स्थलों में से एक है, जहां हर साल हजारों पर्यटक आते हैं।

प्राकृतिक खतरे: पहाड़ी क्षेत्र होने के कारण यहां अचानक बाढ़ और भूस्खलन का खतरा बना रहता है।

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सुरक्षा उपाय: प्रशासन ने मौसम के अनुसार पर्यटकों के लिए गाइडलाइन्स जारी की हैं, जिनका पालन जरूरी है।

पुलिस और प्रशासन की भूमिका

पूर्व चेतावनी प्रणाली: टिहरी पुलिस ने मौसम विभाग के साथ समन्वय बनाकर समय-समय पर अलर्ट जारी किए।

पर्यटकों की सुरक्षा: झरने के आसपास बैरिकेड्स लगाकर और गाइड्स की मदद से लोगों को सचेत किया गया।

आपदा प्रबंधन: स्थानीय प्रशासन ने आपातकालीन सेवाओं को सक्रिय रखा ताकि किसी भी संकट से निपटा जा सके।

क्या कहते हैं आंकड़े?

  • उत्तराखंड में हर साल मानसून के दौरान 50+ झरने खतरनाक स्थिति में आ जाते हैं।
  • 2023 में, राज्य में 12 बार झरनों के कारण हुए हादसों में 30+ लोगों की जान गई।
  • टिहरी जिले में 70% पर्यटक प्राकृतिक झरनों के कारण आते हैं, जिससे सुरक्षा उपायों की अहमियत बढ़ जाती है।

सुरक्षा के लिए क्या करें?

  • मौसम विभाग की चेतावनी को नजरअंदाज न करें।
  • स्थानीय गाइड्स और प्रशासन के निर्देशों का पालन करें।
  • झरनों के पास जाते समय हमेशा समूह में रहें और आपातकालीन नंबर्स सेव करके रखें।

कैम्पटी फॉल की यह घटना एक बार फिर प्रकृति के अप्रत्याशित व्यवहार और मानवीय सतर्कता की अहमियत को दर्शाती है। पुलिस और प्रशासन की त्वरित कार्रवाई ने एक बड़े हादसे को टाल दिया, लेकिन पर्यटकों को भी सुरक्षा नियमों का पालन करना चाहिए। 

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