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अमेठी में क्यों उठा सियासी तूफान? किसने शुरू किया है पोस्टर वार? जानें सियासी बहसबाजी की पूरी कहानी

अमेठी में राजनीतिक हलचल तेज हो गई है, राहुल गांधी के अमेठी दौरे से यहां सियासी सियासी तूफान उठ गया है। राजनीतिक बहसबाजी तेज हो चुकी है। आइए जानते हैं कि राहुल गांधी के इस दौरे का क्या मकसद है...

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Ajit Kumar Pandey
RAHUL GANDHI AMETHI NEWS
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नई दिल्ली, वाईबीएन नेटवर्क । यूपी के अमेठी में कांग्रेस नेता राहुल गांधी के अमेठी दौरे से यहां सियासी सियासी तूफान उठ गया है। साथ ही कांग्रेसी समर्थकों और विरोधियों के बीच पोस्टर वार भी छिड़ गया है, जबकि विपक्षी दलों ने उन पर आतंकवाद को समर्थन देने के गंभीर आरोप लगाए हैं। राहुल गांधी के पूर्व संसदीय क्षेत्र अमेठी में उनका यह दौरा चुनावी रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है, लेकिन इससे पहले ही राजनीतिक बहसबाजी तेज हो चुकी है।

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पोस्टर युद्ध ने बढ़ाई सियासी गर्मी

राहुल गांधी के दौरे के बीच अमेठी की सड़कों पर पोस्टरों की बाढ़ आ गई है। कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने शहर के प्रमुख चौराहों पर राहुल के स्वागत में बड़े-बड़े होर्डिंग्स लगाए हैं, जबकि विरोधी दलों के कार्यकर्ताओं ने उनके खिलाफ आलोचनात्मक पोस्टर चिपकाकर जवाबी मुहिम शुरू कर दी है। कुछ पोस्टरों में राहुल पर "अमेठी की उपेक्षा" करने का आरोप लगाया गया है, तो कुछ में उन्हें "आतंकवाद समर्थक" तक बताया जा रहा है।

स्थानीय निवासियों का कहना है कि पिछले कुछ दिनों से शहर में दोनों पक्षों के बीच तनाव देखने को मिल रहा है। पुलिस ने सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए हैं ताकि किसी भी प्रकार की अप्रिय घटना को रोका जा सके।

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आतंकवाद समर्थन के आरोपों पर बवाल

राहुल गांधी के खिलाफ सबसे चर्चित आरोप यह है कि वह "आतंकवाद को समर्थन देते हैं"। विपक्षी दलों के नेताओं ने उन पर हालिया कुछ बयानों को लेकर निशाना साधा है। भाजपा नेता और स्थानीय विधायक ने दावा किया कि राहुल गांधी ने जानबूझकर देश की सुरक्षा से जुड़े मुद्दों पर नरम रुख अपनाया है, जिससे आतंकवादियों को प्रोत्साहन मिलता है।

हालांकि, कांग्रेस ने इन आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए कहा है कि यह सियासी प्रतिद्वंद्विता का हिस्सा है। पार्टी के प्रवक्ता ने कहा, "राहुल गांधी हमेशा देश की एकता और सुरक्षा के पक्षधर रहे हैं। उन पर झूठे आरोप लगाकर जनता को गुमराह किया जा रहा है।"

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राहुल का अमेठी से नाता और स्थानीय मुद्दे

अमेठी लंबे समय तक कांग्रेस का गढ़ रहा है, लेकिन 2019 के लोकसभा चुनाव में राहुल गांधी को यहां हार का सामना करना पड़ा था। इसके बाद से ही उनकी यात्राओं और रैलियों को लेकर स्थानीय स्तर पर काफी चर्चा होती रही है। इस बार उनके दौरे को लेकर माना जा रहा है कि वह 2024 के चुनावों से पहले पार्टी की जमीन तैयार करने आए हैं।

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स्थानीय लोगों की मांग है कि राहुल गांधी इस दौरे में अमेठी के विकास से जुड़े मुद्दों जैसे सड़कों की हालत, बेरोजगारी और किसानों की समस्याओं पर बात करें। कुछ लोगों का आरोप है कि पिछले कुछ वर्षों में इस क्षेत्र की उपेक्षा हुई है, जबकि कांग्रेस समर्थकों का दावा है कि राहुल ने हमेशा अमेठी के विकास के लिए काम किया है।

राजनीतिक विश्लेषकों की राय

राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि अमेठी में राहुल गांधी का यह दौरा उनकी छवि को मजबूत करने की कोशिश का हिस्सा है। चूंकि यह सीट अब भाजपा के पास है, इसलिए कांग्रेस की रणनीति यहां फिर से पैठ बनाने की है। हालांकि, विपक्षी दलों द्वारा लगाए जा रहे आरोप उनके लिए चुनौती पैदा कर सकते हैं।

कुछ विश्लेषकों का यह भी कहना है कि राहुल गांधी को इस बार स्थानीय मुद्दों पर ज्यादा ध्यान देना होगा, नहीं तो विरोधी उनकी कमजोरियों को उजागर करने से नहीं चूकेंगे।

अमेठी में राहुल गांधी के आगामी दौरे को लेकर राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। पोस्टर युद्ध और आरोप-प्रत्यारोप के बीच यह स्पष्ट है कि यह दौरा सामान्य नहीं होगा। कांग्रेस की तरफ से इसे जनसंपर्क का अवसर बताया जा रहा है, जबकि विपक्ष इसे "छवि शुद्धि अभियान" करार दे रहा है। आने वाले दिनों में अमेठी की राजनीति और गर्म होने की उम्मीद है। Congress | BJP Congress Conflict | rahul gandhi | bjp targets rahul gandhi |

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