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वकीलों से पंगा ED को पड़ेगा भारी, अब सुप्रीम कोर्ट ने खोल दिया मोर्चा

सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को कहा कि जांच एजेंसियों को अपने मुवक्किलों से जुड़े मामलों में वकीलों को सीधे बुलाने की अनुमति नहीं दी जा सकती। ऐसा करना न्याय व्यवस्था के लिए सीधा खतरा होगा।

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Shailendra Gautam
Enforcement Directorate

Enforcement Directorate Photograph: (Google)

नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्कः वकीलों को समन भेजकर Enforcement Directorate (ED) ने अपनी शामत बुला ली है। पहले तो देश भर के वकील एजेंसी के पीछे लग गए और अब सुप्रीम कोर्ट ने समन का स्वतः संज्ञान लेते हुए मोर्चा खोल दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को कहा कि जांच एजेंसियों को अपने मुवक्किलों के मामलों के संबंध में वकीलों को सीधे बुलाने की अनुमति नहीं दी जा सकती। ऐसा करना न्याय व्यवस्था के लिए सीधा खतरा होगा। 

जस्टिसेज बोले- ईडी का एक्शन नहीं करेंगे स्वीकार

जस्टिस केवी विश्वनाथन और एन कोटिश्वर सिंह की बेंच ने एक वकील की याचिका पर सुनवाई करते हुए इस मुद्दे पर स्वत: संज्ञान लिया। वकील को गुजरात पुलिस ने उसके मुवक्किल से जुड़े मामले में समन किया था। अदालत ने कहा कि जांच एजेंसियों को किसी मामले में बचाव पक्ष के वकीलों को तलब करने की अनुमति देना कानूनी पेशे को गंभीर रूप से कमजोर करेगा। ये  न्याय प्रशासन के लिए सीधा खतरा भी पैदा करेगा। न्यायालय ने कहा कि इस तरह की कार्रवाई पहली नजर में ही अस्वीकार्य है। 

सुप्रीम कोर्ट ने केस के लिए तैयार किए दो सवाल

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इस मामले में उसे भारत के अटॉर्नी जनरल आर. वेंकटरमणी, भारत के सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता, बार काउंसिल ऑफ इंडिया के चेयरमैन मनन कुमार मिश्रा, सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष विकास सिंह और सुप्रीम कोर्ट एडवोकेट्स-ऑन-रिकॉर्ड एसोसिएशन के अध्यक्ष विपिन नायर की सहायता की आवश्यकता होगी। शीर्ष अदालत ने विचार के लिए कई सवाल तैयार किए हैं। Judiciary | Indian Judiciary

1. जब कोई व्यक्ति केवल वकील के रूप में मामले से जुड़ा हो और पक्षकार को सलाह दे रहा हो, तो क्या जांच एजेंसी को सीधे वकील को बुलाना चाहिए? 
2. मान लीजिए कि एजेंसी के पास ऐसा मामला है जिसमें व्यक्ति की भूमिका केवल वकील की नहीं बल्कि कुछ और है, तब भी क्या उन्हें सीधे बुलाया जाना चाहिए। या ऐसी स्थिति के लिए न्यायिक निगरानी निर्धारित करनी चाहिए? 

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कोर्ट ने जोर देकर कहा कि इन दोनों मुद्दों पर मंथन करने की आवश्यकता है क्योंकि जो दांव पर लगा है वह न्याय प्रशासन की प्रभावशीलता है। मामले के महत्व को देखते हुए कोर्ट ने आदेश दिया कि मामले को उचित निर्देशों के लिए सीजेआई के समक्ष रखा जाए। इस बीच, न्यायालय ने गुजरात में पुलिस द्वारा तलब किए गए वकील को अंतरिम राहत प्रदान की। 

दो सीनियर एडवोकेट्स को ईडी ने भेजे थे समन

ध्यान रहे कि ईडी ने वरिष्ठ वकील अरविंद दातार और प्रताप वेणुगोपाल को समन जारी किए थे। 
देश भर के बार निकायों ने इसके खिलाफ प्रस्ताव जारी तो दोनों समन वापस ले लिए गए। इसके बाद ईडी ने एक सर्कुलर भी जारी किया, जिसमें अपने अधिकारियों से कहा गया कि वकीलों को समन जारी करने से पहले डायरेक्टर की मंजूरी ली जाए। 

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