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Explain: बेटे, कासिम और सुलेमान क्या बदल पाएंगे इमरान खान की तकदीर

इमरान खान को पता है कि बेटों में उनका अक्स है। बेटे पाकिस्तान में आते हैं तो जनता उनको सिर आंखों पर बिठाएगी। एक बार बेटों के पीछे हुजूम चल निकला तो असीम मुनीर की बैंड बजने में देर नहीं लगेगी।

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Shailendra Gautam
IMRAN KHAN PTI

नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्कः पाकिस्तानी इतिहास के सबसे लोकप्रिय शख्स इमरान खान अपने जीवन के सबसे मुश्किल दौर से गुजर रहे हैं। अगस्त 2023 से वो अदियाला जेल में बंद हैं। कभी उनके जेल में मरने की खबर आती है तो कभी उनके साथ दुराचार की। नवंबर 2024 में उनकी तीसरी पत्नी बुशरा बीवी ने उनको जेल से निकालने के लिए इस्लेमाबाद में मार्च निकाला था। इमरान तो बाहर नहीं आ सके पर बुशरा बीवी फिर से जेल के भीतर जा पहुंची हैं।

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इमरान के जेल से निकलने की उम्मीद न के बराबर है क्योंकि जिस असीम मुनीर से उनका 36 का आंकड़ा है वो अब पाकिस्तान का फील्ड मार्शल हैं। यानि सबसे ताकतवर शख्स। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के साथ हाल ही में लंच करके आए हैं। यानि ताकत में और ज्यादा इजाफा। ऐसे में बड़ा सवाल है कि असीम की मर्जी के बगैर अदालतें कैसे इमरान को बेल दे सकती हैं। उनको तो पैरोल भी नहीं मिल पा रही। असीम मानेंगे नहीं और उनके इशारे के बगैर अदालतें इमरान को राहत देने से रहीं। तो बड़ा सवाल है कि इमरान जेल से कैसे बाहर निकलेंगे। वो बाहर नहीं आए तो पीटीआई खत्म हो सकती है। हालांकि इमरान खुद इस बात को बखूबी समझते हैं। इसी वजह से उन्होंने एक बड़े मार्च की योजना को मंजूरी दी है। खास बात है कि इस मार्च का नेतृत्व इमरान के वो बेटे करते नजर आ सकते हैं जो सालों से लंदन में मां जेमिमा के साथ रह रहे हैं। 

इमरान को जेल से बाहर निकालने के मूड में नहीं सरकार

इमरान खान एक बार जेल क्या गए सरकार ने पूरा इंतजाम कर दिया कि वो बाहर ही न आ सकें। उन पर केस दर केस दर्ज हुए। तोशाखाना से लेकर अल-कादिर ट्रस्ट, साइफर लीक से लेकर शादी विवाद तक, हर मामले में उन्हें सजा सुनाई गई। इनमें से कुछ सजाएं बाद में सस्पेंड या रद्द की गईं, लेकिन इमरान जेल से बाहर नहीं आ सके। 5 अगस्त 2023 को जब उन्हें गिरफ्तार किया गया था, तब शायद किसी ने नहीं सोचा था कि वो लगातार दो साल जेल में रहेंगे। अगस्त 2025 में उनके जेल में रहने दो साल पूरे हो जाएंगे। पहले अदालत ने व्हाट्सअप काल के साथ मिलने की इजाजत दी थी। लेकिन बाद में ये रियायतें भी हटा ली गई। परिवार का दावा है कि सितंबर 2024 के बाद से एक बार भी काल करने की अनुमति नहीं दी गई है। 

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इमरान की बहन अलीमा ने कही थी बेटों के पाकिस्तान आने की बात

कासिम और सुलेमान का बरसों बाद पाकिस्तान की सियासत में जिक्र तब आया जब जेल के बाहर मीडिया से बात करते हुए इमरान खान की बहन अलीमा कहा कि कासिम और सुलेमान ने कहा है कि पहले वो अमेरिका का रुख करेंगे और वहां जाकर बताएंगे कि पाकिस्तान में मानवाधिकारों की क्या स्थिति है। अलीमा के मुताबिक अमेरिका के बाद वह पाकिस्तान आएंगे। वो इस आंदोलन में भागीदारी निभाना चाहते हैं। अलीमा ने बताया कि कासिम और सुलेमान पाकिस्तान आने का इरादा रखते हैं क्योंकि कई महीनों से उनका अपने पिता से संपर्क नहीं करवाया गया है। उनको अपने वालिद की चिंता है और वो इसके लिए लड़ भी सकते हैं। इमरान की पूर्व पत्नी जेमिमा गोल्डस्मिथ खुलकर इस मुद्दे को उठा रही हैं। जेमिमा ने कहा कि उनके बेटे सुलेमान और कासिम को न तो अपने पिता से फोन पर बात करने की इजाजत है और न ही जेल में मुलाकात करने की। जरा सोचिए, एक लोकतांत्रिक देश में बच्चों को पिता से बात करने से रोकना किस हद तक जायज है। ये प्रतिशोध और मानवाधिकारों का साफ उल्लंघन है।

2025 में पहली बार सार्वजनिक तौर पर दिखे थे इमरान के बेटे

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सुलेमान और कासिम पहली बार मई 2025 में सार्वजनिक रूप से सामने आए। उन्होंने इंटरनेशनल कम्युनिटी से अपील की कि उनके पिता को इंसाफ मिले और सरकार पर दबाव बनाया जाए। दोनों लंदन में रहते हैं लेकिन पाकिस्तान आने से बचते हैं क्योंकि उन्हें गिरफ्तारी का डर है। सुलेमान इसा खान (1996) और कासिम खान (1999) दोनों ब्रिटेन में जन्मे और पले-बढ़े हैं। सुलेमान को राजनीति और मीडिया में दिलचस्पी है, जबकि कासिम ने ब्रिस्टल यूनिवर्सिटी से इस्लामिक हिस्ट्री की पढ़ाई की है और अब डिजिटल स्टार्टअप्स में शामिल हैं। इमरान खान के बेटों में भी क्रिकेट को लेकर जुनून है। जेमिमा ने कुछ वीडियो शेयर किए थे जिसमें कासिम गेंदबाजी करते दिखे, तो सुलेमान बल्लेबाजी में हाथ आजमा रहे थे। अभी तक दोनों ने राजनीति में आने का कोई इरादा नहीं जताया है। लेकिन वो अपने पिता की रिहाई को लेकर गंभीर हैं और इंटरनेशनल लेवल पर आवाज उठा रहे हैं। उनकी सक्रियता का असर साफ दिख रहा है। सरकार को डर है कि अगर सुलेमान और कासिम पाकिस्तान आए और कोई बड़ा आंदोलन शुरू हुआ तो हालात बेकाबू हो सकते हैं। सरकार उनसे घबरा रही है। 

इमरान जेल में बना रहे भूमिका, बोले- मुझे कुछ हुआ तो मुनीर को मत छोड़ना

इमरान खान ने अपनी पार्टी के सदस्यों से अपील की है कि अगर उनको जेल में कुछ भी होता है तो असीम मुनीर को जिम्मेदार ठहराकर सजा दी जाए। एक्स पर एक लंबी पोस्ट में इमरान ने कहा कि जेल में मेरे साथ होने वाले जुल्मो सितम और भी बढ़ गए हैं। मेरी पत्नी बुशरा का भी यही हाल है। पूर्व प्रधानमंत्री ने दावा किया कि एक कर्नल और जेल अधीक्षक आसिम मुनीर के इशारे पर ये सब कर रहे हैं। पूर्व प्रधानमंत्री ने पहले कहा था कि उन्हें आतंकवादी की तरह डेथ सेल में बंद कर दिया गया है। इस पोस्ट का समय बेहद अहम है, क्योंकि यह पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ शहबाज शरीफ सरकार पर इमरान खान को रिहा करने का दबाव बनाने के लिए देशव्यापी विरोध प्रदर्शन की योजना बना रही है। इमरान खान ने कहा था कि आसिम मुनीर को आईएसआई प्रमुख के पद से हटाए जाने के बाद बुशरा बीबी ने उनसे मिलने से इन्कार कर दिया था। मुनीर को आईएसआई प्रमुख के पद से हटाया गया तो उन्होंने ज़ुल्फी बुखारी (पीटीआई नेता) के जरिए बुशरा बीबी को पैगाम भेजकर मुलाकात का समय मांगा था।

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बेटों को बुलाने के अलावा इमरान के पास नहीं है कोई विकल्प

जानकार कहते हैं कि इमरान खान को पता है कि जेल के बाहर मायूस होते जा रहे समर्थकों को नहीं संभाला गया तो वो सियासत में फिर से वापसी नहीं कर पाएंगे। जेल से बाहर निकलने के बाद बुशरा फिर से जेल में पहुंच गईं। अपने लोगों को साथ रखने के लिए उन्हें किसी ऐसे चेहरे की जरूरत है जो उनको प्रेरित कर सके। इमरान को पता है कि जेमिमा की पाकिस्तान में अपील दब सकती है क्योंकि वो विदेशी मूल की हैं। हां बेटे अगर आवाम के सामने आ जाएं तो हारी बाजी बदल सकती है। इसी वजह से वो कासिम और दूसरे बेटे को सामने लाने की कोशिश में हैं। उनको पता है कि बेटों में उनका अक्स है। जनता बेटों को सिर आंखों पर बिठाएगी। एक बार बेटों के पीछे हुजूम चल निकला तो असीम मुनीर की बैंड बजने में देर नहीं लगेगी। 

इमरान के बेटों के डरे शरीफ, दे डाली अरेस्ट की चेतावनी

हालांकि सरकार अपनी तरफ से उनको डराने का पूरा इंतजाम कर रही है। प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के राजनीतिक मामलों के सलाहकार राना सनाउल्ला ख़ान ने स्थानीय टीवी चैनलों को इंटरव्यू देते हुए यह संकेत दिया कि अगर इमरान के बेटों ने पाकिस्तान में किसी तरह के आंदोलन में हिस्सा लिया तो उन्हें गिरफ्तार किया जा सकता है। हालांकि पीटीआई सरकार के इस स्टैंड का विरोध कर रही है। पार्टी ने कहा कि किसी लोकतांत्रिक समाज में राजनेताओं के परिवारवालों को निशाना नहीं बनाया जाना चाहिए। पीटीआई के सोशल मीडिया हैंडल से कहा गया कि कासिम और सुलेमान की आमद को सुरक्षा के नजरिये से राजनीतिक मुद्दा नहीं बनाना चाहिए। उनको अपने पिता से मिलने और उनके लिए लड़ाई लड़के का पूरा हक है। 


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