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सरकार पर दबाके करो मुकदमे, गडकरी बोले- तभी इनको आएगी अक्ल

उनका कहना था कि सरकार में बैठे नेता और अफसर अक्सर बेलगाम हो जाते हैं। वो एक ढर्रे पर चलने लग जाते हैं। उन्हें सही केवल कोर्ट के आदेश से ही किया जा सकता है। एक कोर्ट का आर्डर वो काम कर सकता है जो सरकार में बैठे ताकतवर मिनिस्टर भी नहीं कर सकते हैं।

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Shailendra Gautam
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नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्कःनरेंद्र मोदी सरकार में कैबिनेट मंत्री वो नेता हैं जो प्रधानमंत्री और उनके गृह मंत्री अमित शाह की सरेआम आलोचना करने की कूव्वत रखते हैं। ये हौसला किसी और बीजेपी नेता या मंत्री में नहीं है। गडकरी अक्सर ऐसे बयान देते हैं जो मोदी-शाह की जोड़ी को रास नहीं आते लेकिन उनको इससे कोई फर्क नहीं पड़ता। एक बार फिर से उन्होंने मोदी-शाह की जोड़ी को असहज करने का काम किया है। उन्होंने एक समारोह में कहा है कि सरकार के खिलाफ दबाके मुकदमे किए जाने चाहिए। तभी इनको अक्ल आएगी। 

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बोले- मंत्रियों और अफसरों को कोर्ट आर्डर ही कर सकता है दुरुस्त

दरअसल नितिन गडकरी स्व. प्रकाश देशपांडे स्मृति कुशल संगठक पुरस्कार समारोह में बोल रहे थे। ये आयोजन महाराष्ट्र के नागपुर जिले में हुआ था। कैबिनेट मंत्री ने कहा कि समाज को ऐसे लोगों की जरूरत है जो सरकार के खिलाफ जमकर केस दायर करते हैं। उनका कहना था कि सरकार में बैठे नेता और अफसर अक्सर बेलगाम हो जाते हैं। वो एक ढर्रे पर चलने लग जाते हैं। उन्हें सही केवल कोर्ट के आदेश से ही किया जा सकता है। एक कोर्ट का आर्डर वो काम कर सकता है जो सरकार में बैठे ताकतवर मिनिस्टर भी नहीं कर सकते हैं। 

समाज को ऐसे मुकदमेबाजों की बेहद ज्यादा जरूरत

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गडकरी का कहना था कि समाज में ऐसे लोगों की बहुत ज्यादा जरूरत है जो सरकार को लगातार कोर्ट में घसीटते रहें। सरकार में बैठे मंत्री अक्सर लोकप्रिय बनने की खातिर बहुत सारे फैसले लेने से गुरेज करते हैं। कोर्ट में मुकदमा हो जाता है तो ये लोग काम करने को मजबूर हो जाते हैं। गडकरी का कहना था कि मुकदमों से सरकार अनुशासित बनी रहती है। सरकार में बैठे मंत्री हों या अफसर, सारे लोग कोर्ट में दायर मुकदमों से बहुत ज्यादा घबराते हैं।

कुशल संगठकों ने वापस कराए कई सरकारी फैसले

कैबिनेट मंत्री ने कहा कि जिन लोगों को कुशल संगठकों का पुरस्कार दिया गया है उन लोगों ने अपने जीवन में ताबड़तोड़ मुकदमे दर्ज कराए। ये लोग एक तरह से व्हिसल ब्लोअर का काम करते हैं। इन लोगों की वजह से ही सरकार आम लोगों को न्याय देने के लिए मजबूर हो जाती है। उनका कहना था कि इन लोगों ने केस दायर करके सरकार को अपने ही ऐसे फैसले लेने के लिए मजबूर किया है जो जनहित की बजाय सरकार के अपने हित में ज्यादा थे।  Nitin Gadkari 

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