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House Arrest में महिला कंटेस्टेंट से पूछा 'गंदा' सवाल, महिला आयोग ने लिया बड़ा एक्शन

हाउस अरेस्ट शो में एजाज खान ने महिला प्रतिभागी से अश्लीलता भरा सवाल पूछा, जिसका वीडियो वायरल होने के बाद बवाल मच गया है। राष्ट्रीय महिला आयोग (NCW) ने (CEO) विभु अग्रवाल और अभिनेता एजाज खान को तलब किया है। 

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Pratiksha Parashar
ajaz khan, House Arrest show controversy
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नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क। 'हाउस अरेस्ट' शो में एजाज खान (Ajaz Khan) ने महिला प्रतिभागी से अश्लीलता भरा सवाल पूछा, जिसका वीडियो वायरल होने के बाद बवाल मच गया है। लोगों का गुस्सा फूट पड़ा है। सोशल मीडिया पर इसकी कड़ी आलोचना की जा रही है। राष्ट्रीय महिला आयोग (NCW) ने इस पर बड़ा एक्शन लेते हुए उल्लू ऐप के मुख्य कार्यकारी अध्यक्ष (CEO) विभु अग्रवाल और अभिनेता एजाज खान को तलब किया है। 

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क्या है पूरा मामला? 

बिग बॉस फेम एजाज खान हाउस अरेस्ट नाम से एक रियलिटी शो को होस्ट करते हैं। यह शो ULLU ऐप पर प्रसारित होता है। हाउस अरेस्ट के कुछ क्लिप सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं, जिसे लेकर बवाल मच गया है। शो में एक टास्क के दौरान एक महिला कंटेस्टेंट को अपने कपड़े उतारने को कहा जाता है। महिला प्रतिभागी से आपत्तिजनक सवाल भी पूछे जाते हैं। इसके अलावा एजाज खान महिला को इंटीमेसी से जुड़ी पोजीशन बताने को कहते हैं। वायरल वीडियो में एजाज खान महिला प्रतियोगियों पर कैमरे के सामने अनुचित कृत्य के लिए दबाव बनाते हुए नजर आ रहे हैं, जबकि महिला प्रतिभागी स्पष्ट रूप से असहज दिख रही हैं। 

महिला आयोग ने किया तलब

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राष्ट्रीय महिला आयोग (NCW) ने उल्लू ऐप पर प्रसारित वेब सीरीज 'हाउस अरेस्ट' को लेकर गंभीर आपत्ति जताई है। आयोग ने इस मामले का स्वतः संज्ञान लेते हुए ऐप के CEO विभु अग्रवाल और शो के प्रजेंटर एजाज खान को 9 मई को आयोग के समक्ष पेश होने का निर्देश दिया है। दरअसल, 29 अप्रैल को इस शो से जुड़ा एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हुआ, जिस पर कई लोगों ने नाराजगी जताई। वीडियो में महिलाओं को आपत्तिजनक और अंतरंग दृश्यों में जबरदस्ती दिखाए जाने का आरोप है।

'ये कतई स्वीकार नहीं'

आयोग की अध्यक्ष विजया रहाटकर ने इस सामग्री को "अत्यंत आपत्तिजनक" बताते हुए कहा कि यह महिलाओं की गरिमा का उल्लंघन करता है और मनोरंजन के नाम पर अश्लीलता को बढ़ावा देता है। उन्होंने जोर देकर कहा कि मीडिया में ऐसा कोई भी कंटेंट जो महिलाओं को नीचा दिखाता है, उन्हें दबाव में निर्णय लेने के लिए मजबूर करता है, या नैतिकता की सीमाओं को लांघता है, उसे कतई स्वीकार नहीं किया जाएगा। राष्ट्रीय महिला आयोग ने यह भी स्पष्ट किया कि यदि आरोपों की पुष्टि होती है, तो भारतीय न्याय संहिता (2023) और सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम (2000) के तहत कानूनी कार्रवाई की जा सकती है। आयोग ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर पोस्ट करते हुए कहा कि डिजिटल मंचों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि उनकी सामग्री कानून का पालन करती हो और महिलाओं के शोषण का माध्यम न बने।

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