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OTT प्लेटफॉर्म पर बढ़ता अश्लील कंटेंट, उल्लू जैसे ऐप पर सरकार की टेढ़ी नजर

संसद की स्थायी  समिति के अध्यक्ष और भारतीय जनता पार्टी के सांसद निशिकांत दुबे ने डिजिटल प्लेटफॉर्म्स पर अश्लीलता के बढ़ते प्रभाव को लेकर कड़ा रुख अपनाया है।

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Mukesh Pandit
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नई दिल्ली, आईएएनएस। ओटीटी प्लेटफॉर्म पर बढ़ते अश्लील कंटेंट को लेकर सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (आईटी) से जुड़ी संसद की स्थायी समिति बुधवार को सुबह 11 बजे बैठक करेगी।  बुधवार को आयोजित बैठक में समिति के सदस्य ओटीटी पर उपलब्ध उल्लू तथा दूसरे ऐप के बारे में सरकार से सवाल पूछ सकते हैं और ठोस कदमों की मांग कर सकते हैं। 

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"यह नहीं चलेगा, कमेटी करेगी कार्रवाई 

संसद की स्थायी  समिति के अध्यक्ष और भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के सांसद निशिकांत दुबे ने डिजिटल प्लेटफॉर्म्स पर अश्लीलता के बढ़ते प्रभाव को लेकर पहले ही कड़ा रुख अपना लिया है और इस मामले में कार्रवाई की बात कही है। निशिकांत दुबे ने हाल ही में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर अपनी नाराजगी जाहिर करते हुए लिखा था, "यह नहीं चलेगा, हमारी कमेटी इस पर कार्रवाई करेगी।"

उन्होंने कहा, "हमने पहले ही कहा था, यह नहीं चलेगा। यह मोदी सरकार है, अब इंतजार कीजिए। पहलगाम में हिंदुओं की हत्या के बाद देशद्रोही की तरह हिसाब मांग रहे यूट्यूबर्स और बिचौलियों पर कार्रवाई होगी।"

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नीतिगत और कानूनी उपायों पर भी विचार

उनके इस बयान से साफ है कि समिति डिजिटल प्लेटफॉर्म्स पर अनियंत्रित कंटेंट के खिलाफ सख्त कदम उठाने के मूड में है। बुधवार की बैठक में उल्लू जैसे ऐप्स पर अश्लील कंटेंट के प्रसार को रोकने के लिए नीतिगत और कानूनी उपायों पर भी विचार-विमर्श होने की संभावना है। सूत्रों के अनुसार, इस बैठक में सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के सचिव के शामिल होने की उम्मीद है।

सामाजिक एवं सांस्कृतिक मूल्यों के लिए खतरा 

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समिति के कई सदस्यों ने उल्लू जैसे ओटीटी प्लेटफॉर्म्स पर उपलब्ध कंटेंट को सामाजिक एवं सांस्कृतिक मूल्यों के लिए खतरा बताया। इन प्लेटफॉर्म्स पर बिना सेंसरशिप के उपलब्ध बोल्ड और अश्लील कंटेंट को लेकर समाज के विभिन्न वर्गों से भी शिकायतें सामने आ रही हैं। समिति के सदस्यों का मानना है कि ऐसे कंटेंट न केवल युवाओं पर नकारात्मक प्रभाव डाल रहे हैं, बल्कि सामाजिक रूप से भी उन्हें कमजोर कर रहे हैं।

 

 

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