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नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क । भारत के आपरेशन सिंदूर की सफलता के बाद पाकिस्तान पूरी तरह से बैकफुट पर गया, इसके बाद पाक आर्मी ने बॉर्डर पर अंधाधुंध फायरिंग, ड्रोन अटैक, मिसाइल हमले भी किए। भारतीय आर्मी ने पाकिस्तान को जबरस्त तरीके से जवाबी कार्रवाई की। इसी बीच पाकिस्तान की पहल पर अमेरिका ने सीजफायर का ऐलान किया।
पाक आर्मी ने सीजफायर उस दिन तो नहीं माना और बार्डर पर अपनी हरकत से बाज नहीं आया। अगले दिन भारतीय एयरफोर्स ने मीडिया को खुलकर बताया कि हमने अब तक बजाव किया ताकि आम नागरिक हताहत न हों ऐसा सटीक जवाबी कार्रवाई की है, लेकिन अब से हम चेतावनी देते हैं कि हमको उकसाया गया तो अब इंडियन एयरफोर्स पाकिस्तानी को तबाह करने वाला जवाब देगा।
फिलहाल बॉर्डर से मिली खबरों के मुताकिब इंडियन एयरफोर्स के ऐलान के बाद पाकिस्तान ने बॉर्डर पर शांति बनाए रखी। उधर, दोनों देशों के डीजीएमओ की आज सोमवार 12 मई को बैठक होना है। दोनों देशों की नजरें इस बैठक पर टिकीं हैं। साथ ही यह भी तय अपनी आदत के मुताबिक पाकिस्तान सीजफायर को कितने दिन मानता है, यह अपने आप में बड़ा सवाल है। क्योंकि पाकिस्तानी रेंजर्स मौकापरस्त हैं और वह घात लगाकर बार्डर पर एक न एक दिन हमला जरूर करेंगे।
भारत के ऐलान से डरा पाकिस्तान
पहलगाम में हुए हालिया आतंकवादी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच संबंध एक बार फिर गंभीर तनाव में आ गए हैं। इस हमले ने दोनों देशों के बीच पहले से ही नाजुक स्थिति को और अधिक जटिल बना दिया है।
इस घटना के बाद, सीमा पर सैन्य गतिविधियां तेज हो गई हैं, और दोनों देशों के बीच वाकयुद्ध भी बढ़ गया है। भारत ने भी स्पष्ट कर दिया है कि आपरेशन सिंदूर रूका नहीं है। अभी इस आपरेशन के तहत आतंकी अड्डे भारत के निशाने पर हैं और तब तक रहेंगे जब तक पाकिस्तान आतंकी कैंपों को स्वत: नष्ट नहीं कर देता।
असमंजस में जनरल आसिम मुनीर
पाकिस्तान के सेना प्रमुख, जनरल असीम मुनीर, इस समय कई चुनौतियों का सामना कर रहे हैं। एक तरफ, उन्हें अंतरराष्ट्रीय समुदाय के दबाव का सामना करना पड़ रहा है, जो सीमा पार आतंकवाद को रोकने के लिए ठोस कदम उठाने की मांग कर रहा है। दूसरी ओर, उन्हें अपनी घरेलू राजनीति में भी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है, जहाँ कुछ तत्व भारत के प्रति और अधिक आक्रामक रुख अपनाने का समर्थन कर रहे हैं।
विशेषज्ञों का मानना है कि यह हमला पाकिस्तान में आगामी चुनावों से पहले हुआ है, जिससे स्थिति और भी जटिल हो गई है। सरकार पर यह सुनिश्चित करने का दबाव है कि वह आतंकवादियों के सामने आत्मसमर्पण न करे, लेकिन साथ ही उसे भारत के साथ पूर्ण युद्ध से भी बचना है।
भारत ने हमेशा कहा है कि वह पाकिस्तान के साथ शांतिपूर्ण संबंध चाहता है, लेकिन यह सीमा पार आतंकवाद की कीमत पर नहीं हो सकता। नई दिल्ली ने स्पष्ट कर दिया है कि वह अपनी सुरक्षा के लिए सभी आवश्यक कदम उठाने में संकोच नहीं करेगा।
संयम बरतें दोनों देश
इस बीच, अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने दोनों देशों से संयम बरतने और बातचीत के माध्यम से अपने मतभेदों को हल करने का आग्रह किया है। संयुक्त राष्ट्र और अन्य वैश्विक शक्तियां स्थिति पर करीब से नजर रख रही हैं और तनाव को कम करने के लिए राजनयिक प्रयास कर रही हैं।
यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि भारत और पाकिस्तान के बीच संबंध एक जटिल मुद्दा है, जिसका एक लंबा और जटिल इतिहास है। दोनों देशों के बीच कई अनसुलझे मुद्दे हैं, जिनमें कश्मीर विवाद सबसे प्रमुख है। हालिया हमला इस जटिल स्थिति में एक और परत जोड़ता है।
भारत और पाकिस्तान दोनों को यह महसूस करना चाहिए कि युद्ध किसी भी पक्ष के हित में नहीं है। दोनों देशों को बातचीत और कूटनीति के माध्यम से अपने मतभेदों को हल करने के तरीके खोजने की जरूरत है। एक शांतिपूर्ण और स्थिर दक्षिण एशिया क्षेत्र के लोगों के सर्वोत्तम हित में है।
कम नहीं हो रहीं मुश्किलें
भारत और पाकिस्तान के बीच लंबे समय से चली आ रही सीजफायर की संभावनाएं एक बार फिर धूमिल होती नजर आ रही हैं। जम्मू-कश्मीर के पीहलगाम में हुए ताजा आतंकी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान को सख्त चेतावनी दी है। इस हमले में कई सुरक्षाकर्मी शहीद हुए हैं, जिसके बाद पाकिस्तानी सेना प्रमुख जनरल आसिम मुनिर के लिए मुश्किलें बढ़ गई हैं।
पहलगाम हमले का असर: क्या टूटेगा सीजफायर?
पिछले कुछ वर्षों में भारत और पाकिस्तान के बीच सीमा पर तनाव कम हुआ था, लेकिन पहलगाम हमले ने एक बार फिर दोनों देशों के रिश्तों में खटास पैदा कर दी है। भारतीय सुरक्षा बलों का मानना है कि यह हमला पाकिस्तान पोषित आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के सहयोग से किया गया है। इस घटना के बाद भारत सरकार ने पाकिस्तान को आतंकवाद के खिलाफ ठोस कार्रवाई करने का आग्रह किया है।
पाकिस्तानी सेना प्रमुख आसिम मुनीर पर बढ़ा दबाव
पाकिस्तानी सेना प्रमुख जनरल आसिम मुनीर के लिए यह घटना एक बड़ी चुनौती बन गई है। भारत ने स्पष्ट कर दिया है कि अगर पाकिस्तान ने आतंकवाद को रोकने में ढिलाई दिखाई, तो उसे इसके गंभीर परिणाम भुगतने होंगे। भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा है कि वह अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पाकिस्तान के खिलाफ कूटनीतिक दबाव बनाने की तैयारी कर रहा है।
अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया
अमेरिका, यूके और फ्रांस जैसे देशों ने पहलगाम हमले की निंदा की है और आतंकवाद के खिलाफ एकजुट होने का आह्वान किया है। भारत ने संयुक्त राष्ट्र में भी पाकिस्तान की भूमिका को उजागर करने की योजना बनाई है।
पहलगाम हमले ने एक बार फिर भारत-पाकिस्तान संबंधों में तनाव बढ़ा दिया है। अगर पाकिस्तान ने आतंकवाद पर लगाम नहीं लगाई, तो भारत कड़ा जवाब दे सकता है। सेना प्रमुख आसिम मुनीर के लिए यह परीक्षा की घड़ी है, क्योंकि उनके फैसले दोनों देशों के भविष्य को प्रभावित कर सकते हैं।
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