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Photograph: (Google)
नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क। अमेरिका में पली-बढ़ी इंडिया विटकन (India Witkin) के लिए उनका नाम हमेशा से एक भावनात्मक सफर रहा है। हाल ही में उन्होंने सोशल मीडिया पर बताया कि कैसे उनके नाम ने उन्हें दो अलग-अलग संस्कृतियों के बीच संघर्ष और फिर गर्व का एहसास कराया। इंडिया विटकन ने लिखा- मैंने अपने नाम से हमेशा एक प्यार-नफरत वाला रिश्ता रखा। अमेरिका में मुझे इस नाम को लेकर चिढ़ाया गया, और भारत में लोग लगातार सवाल पूछते थे। मैं दूसरों की राय पर बहुत ध्यान देती थी और कभी अपने नाम की खासियत को समझ नहीं पाई।
18 साल की उम्र में समझ आई नाम की अहमियत
इंडिया विटकन ने सोशल मीडिया पर आगे कहा- 18 साल की उम्र में जब मैं कॉलेज में दाखिला लेने वाली थी, तब मुझे अपने नाम की अहमियत समझ आने लगी। मैंने तो अपने कॉलेज निबंध में भी इसी पर लिखा था। अब 29 साल की उम्र में मैं अपने नाम से बेहद प्यार करती हूं और अपनी नानी की शुक्रगुजार हूं, जिन्होंने यह नाम सुझाया था।
फालोअर्स ने पूछा- इंडिया नाम क्यों दिया गया?
इंडिया विटकन ने एक वीडियो शेयर किया जिसमें एक फॉलोअर ने पूछा - “आपके नाम के पीछे की कहानी क्या है? आपको ‘इंडिया’ नाम क्यों दिया गया?” वीडियो में उन्होंने बताया कि उनके जन्म से कुछ दिन पहले तक उनके माता-पिता यह तय नहीं कर पाए थे कि उन्हें क्या नाम दिया जाए। तभी उनकी नानी ने सहजता से ‘इंडिया’ नाम सुझाया, और वही नाम उनके जन्म के बाद रखा गया। विटकन ने बताया कि उनकी नानी चाहती थीं कि यह नाम हमेशा उन्हें उनकी जड़ों की याद दिलाए। उन्होंने कहा कि उनका नाम भारत की समृद्ध और विविध संस्कृति को समर्पित है, इंडिया एक ऐसा देश जिससे वे बेहद प्यार करती हैं।
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