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नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्कः सीनियर एडवोकेट्स को ईडी के समन के मामले में सीजेईआई बीआर गवई ने सरकार के खासमखास सालिसिटर जनरल तुषार मेहता को जमकर आड़े हाथ लिया। सीजेआई ने उनसे ऐसा सवाल किया जिसका जवाब वो कैसे भी नहीं दे सकते थे। उसके बाद सारी सुनवाई के दौरान तुषार मेहता के मुंह से एक शब्द नहीं निकला।
वकीलों को समन भेजने के मामले में सुप्रीम कोर्ट खफा
दरअसल, सुप्रीम कोर्ट इस बात पर खफा था कि ईडी ने क्लाइंट को दी गई सलाह के मसले पर सीनियर एडवोकेट्स को कैसे समन जारी कर दिया। टाप कोर्ट ने स्वतः संज्ञान लेते हुए इस मामले की सुनवाई शुरू की थी। ये मामला सीजेआई बीआर गवई और जस्टिस के. विनोद चंद्रन की बेंच में लगा था। सीजेआई ने दोनों पक्षों के वकीलों से सवाल किया कि ईडी किसी वकील के ऐसे कैसे समन भेज सकती है। ऐसे तो वकील काम ही नहीं कर पाएंगे।
अटार्नी जनरल ने भी ईडी के समन को बताया गलत
सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष विकास सिंह ने सुप्रीम कोर्ट की रात को दुरुस्त ठहराया। सरकार के सबसे बड़े वकील यानि अटार्नी जनरल आर वेंकटरमानी ने कहा कि उन्होंने जैसे ही उनको इस बात का पता चला उन्होंने ईडी को कहा था कि वकीलों को समन भेजकर वो गलत कर रही है। सालिसिटर जनरल तुषार मेहता ने भी कोर्ट के रुख का समर्थन किया लेकिन वो चर्चा को दूसरी तरफ भी मोड़ने की कोशिश करने लग पड़े।
मेहता बोले- ईडी के खिलाफ बनाया जाता है माहौल
तुषार मेहता ने ईडी की तरफदारी करते हुए कहा कि एजेंसी के खिलाफ माहौल बनाने की कोशिश चल रही है। उन्होंने अपनी बात खत्म की तो सीजेआई ने कहा कि ईडी ने कई मामलों का राजनीतिकरण करने की कोशिश की है। उन्होंने पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी के साथ कर्नाटक के सीएम सिद्धरमैया की पत्नी पार्वती का उदाहरण दिया। सीजेआई की बात जारी थी कि तुषार मेहता ने बीच में टांग अड़ाते हुए कहा कि लेकिन मैं एक नेता हूं और मेरे पर 3 हजार करोड़ के घोटाले का आरोप है, तो ऐसे में केवल इंटरव्यू के जरिये ईडी के खिलाफ माहौल नहीं बनाया जा सकता।
सीजेआई बोले- ईडी के लिए बनाना पड़ेगा कानून
सीजेआई ने फिर से ईडी के बेलगाम रवैया पर बात करते हुए कहा कि कई मामलों में देखा है कि हाईकोर्ट के सही फैसलों के बावजूद ईडी ताबड़तोड़ तरीके से याचिकाएं दायर करती रहती है। उनका कहना था कि हमारे पास यूट्यूब देखने का समय नहीं है। हमें ईडी के लिए कानून बनाना ही पड़ेगा।
मेहता ने फिर से कही वही बात तो सीजेआई ने किया सवाल
सीजेआई ने अपनी बात पूरी की ही थी कि तुषार मेहता ने फिर से कहा कि जी हां, कानून उनके लिए भी बनाना पड़ेगा जो कोर्ट के बाहर एजेंसी के खिलाफ माहौल बनाने का काम करते हैं। मेहता की बात सुनते ही सीजेआई का पारा चढ़ गया। उन्होंने मेहता से पूछा कि कोई उदाहरण बताइये जिसमें बाहर बने माहौल का असर हमारे फैसले पर दिखा। उसके बाद मेहता के सुर तब्दील हो गए। उनका कहना था कि अदालतें केवल आप दोनों से ही नहीं चलती। पर मेरा मानना है कि वकीलों को ईडी का समन गलत है। इतनी बात कहने के बाद तुषार मेहता चुप हो गए। कोर्ट की कार्वाही चलने तक फिर वो नहीं बोले।
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