नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क । "किसानों के मसीहा" को याद कर भावुक हुए जयंत सिंह, बोले- बाबा का सपना अब सच हो रहा है...। पूर्व प्रधानमंत्री और किसानों के जननायक चौधरी चरण सिंह की पुण्यतिथि पर देश फिर भावुक हुआ। पोते जयंत सिंह ने सोशल मीडिया पर साझा की एक भावनात्मक घिबली इमेज। भारत सरकार ने हाल ही में चौधरी चरण सिंह को मरणोपरांत भारत रत्न से नवाजा। साथ ही उनके पोते जयंत सिंह को कैबिनेट मंत्री बनाकर बड़ा सियासी संदेश दिया गया।
पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह की पुण्यतिथि पर उनके पोते और राष्ट्रीय लोक दल (RLD) के अध्यक्ष जयंत चौधरी ने अपने एक्स (पूर्व ट्विटर) अकाउंट पर एक भावनात्मक घिबली स्टाइल इमेज साझा की। इस इमेज में एक किसान और एक बच्चा खेतों में बैठे हैं और आकाश में चरण सिंह की तस्वीर झलक रही है। जयंत ने इस पोस्ट के ज़रिए अपने "बाबा" को याद करते हुए लिखा— "आपका सपना अब भी ज़िंदा है, और हम उसे पूरा कर रहे हैं..."।
किसान राजनीति को नई पहचान दे रहे हैं जयंत
जयंत चौधरी ने न केवल अपने दादा चरण सिंह की राजनीतिक विरासत को आगे बढ़ाया है, बल्कि वर्तमान केंद्र सरकार के साथ सहयोग कर कैबिनेट मंत्री के रूप में नई भूमिका भी संभाली है। यह कदम सिर्फ एक राजनीतिक नियुक्ति नहीं, बल्कि एक मजबूत राजनीतिक संदेश भी है कि किसान राजनीति फिर से मुख्यधारा में आ रही है।
केंद्र सरकार ने दिया बड़ा सम्मान: भारत रत्न
साल 2024 में भारत सरकार ने चौधरी चरण सिंह को मरणोपरांत भारत रत्न से सम्मानित किया, जो कि किसान वर्ग को एक ऐतिहासिक सम्मान माना गया। चरण सिंह को उनके जीवन भर किसानों की बेहतरी के लिए किए गए कार्यों और नीतियों के लिए जाना जाता है।
यह सम्मान उनके पोते जयंत सिंह के लिए न केवल गर्व का विषय है, बल्कि एक राजनीतिक उत्तराधिकार की पुष्टि भी है।
सोशल मीडिया पर वायरल हुआ पोस्ट
जयंत सिंह का यह पोस्ट तेजी से वायरल हो गया। हजारों लोगों ने इस पर अपनी प्रतिक्रिया दी। कुछ ने इसे “भावनाओं की राजनीति” कहा तो कुछ ने “नई पीढ़ी के किसान नेता” के रूप में जयंत की सराहना की। यह साबित करता है कि चौधरी चरण सिंह का नाम आज भी देश की राजनीतिक चेतना में जीवित है।
क्या किसान राजनीति को फिर मिलेगा वो मुकाम?
जयंत सिंह की कैबिनेट में एंट्री और चरण सिंह को मिला भारत रत्न एक बड़ा राजनीतिक ट्रेंड सेट कर सकते हैं। भारत की राजनीति में किसानों की अहमियत कभी खत्म नहीं हुई, लेकिन अब उसे नई सोच और नई रणनीति की जरूरत है, जो जयंत सिंह जैसे युवा नेता निभा सकते हैं।
क्या आप मानते हैं कि किसान राजनीति को फिर से नया मुकाम मिल रहा है? क्या जयंत सिंह में दिखती है चौधरी चरण सिंह की झलक? कमेंट कर अपनी राय जरूर दें।
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