नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्कः उत्तर प्रदेश के गोंडा से एक मजेदार घटना सामने आई है। एक जज ने अपने सरकारी कारिंदे को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। नोटिस जारी करने के पीछे जो वजह है वो फिलहाल मजाक का विषय बन रही है। उत्तर प्रदेश की तकरीबन सारी कोर्ट्स में घटना को मजेदार तरीके से पेश किया जा रहा है। पूरा मामला वाकई मजेदार है।
एडिशनल जज से मिलने आए थे जूनियर जज
दरअसल, वाकया तब हुआ जब गोंडा के एडिशनल सेशन जज किसी गेस्ट से अपने चेंबर में बात कर रहे थे। उनसे मिलने के लिए कोई जूनियर जज आए थे। सेशन जज ने अपने मुलाजिम से कहा कि चाय लेकर आओ। थोड़ी देर बाद मुलाजिम केवल चाय लेकर आया। जज ने ट्रे में केवल चाय के कप देखे तो उनका पारा चढ़ गया उसे डपटते हुए उन्होंने कहा कि ये नहीं पता कि जब कोई गेस्ट आता है तो खाली चाय सर्व नहीं की जाती। कुछ खाने के लिए भी लेकर आते हैं। Judiciary | Indian Judiciary | judiciary of india
कहने पर भी बिस्किट लेकर नहीं आया मुलाजिम
30 मई को हुई घटना में जज ने अपने कारिंदे को कहा कि बिस्किट लेकर आओ। लेकिन हद तो तब हो गई जब उनके स्टाफ का मेंबर दालमोठ लेकर आ गया। जज का पारा तब चढ़ा जब उन्होंने दालमोठ चखी। उसमें से बदबू आ रही थी। जज के मुताबिक वो काफी पुरानी थी।
खुद उठकर देखा तो किचन में थे काफी सारे बिस्किट, दिया लीगल नोटिस
उसके बाद जज खुद उठकर गए तो देखा कि कोर्ट के किचन की अलमारी में बिस्किट के दो डब्बे थे। दोनों भरे हुए थे। लेकिन मुलाजिम ने फिर भी उनको सड़ी दालमोठ सर्व की। उनका कहना था कि बिस्किट ठीक थे जबकि मुलाजिम जानबूझकर सड़ी दालमोठ लेकर आया। उन्होंने मुलाजिम को लीगल नोटिस देकर जवाब मांगा है कि उसने ऐसा क्यों किया। इसका जवाब दे। हालांकि मामले से जुड़े लोगों का कहना है कि एडिशनल सेशन जज को कानूनी नोटिस देने की बजाय सेशन जज को सारे मामले से अवगत कराकर दूसरा मुलाजिम मांगना था। लेकिन लगता है कि सेशन जज अपने एडिशनल की बात को तवज्जो नहीं देते तभी उन्होंने ये कदम उठाया।
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