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काउंसलिंग के दौरान जज कर रहा था महिला का यौन उत्पीड़न, मिली ये सजा

महिला का कहना है कि परामर्श के दौरान जज उसके साथ ऐसी हरकतें कर रहे था जो बर्दाश्त करने लायक नहीं थीं। उसने जज को इसबारे में बता भी दिया था लेकिन मुकदमे में मदद के नाम पर वो ऐसी हरकतें करता ही गया।

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Shailendra Gautam
कोर्ट

नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्कः कोई भी अदालत में ये सोचकर जाता है कि उसे कम से कम वहां तो इंसाफ मिलेगा। लेकिन अगर जज ही नाइंसाफी पर उतर आए तो वो कैसा इंसाफ। एक महिला के साथ ऐसी ही कुछ हुआ। पारिवारिक विवाद के एक मामले में वो फेमिली कोर्ट गई तो जज ने उसके साथ ऐसी हरकतें कीं जिससे हरकोई शर्मसार हो जाए। हालांकि महिला हिम्मत वाली थी। उसने जज की बातों को मानने के बजाए ऊपर शिकायत की। फिलहाल जज पर एक्शन हो गया है।

केरल हाईकोर्ट ने तबादला करके बिठाई जांच

केरल हाईकोर्ट ने अपने प्रशासनिक पक्ष में, यौन उत्पीड़न के आरोपों पर एक पारिवारिक न्यायालय के जज का तबादला करने का आदेश दिया है। चावरा फैमिली कोर्ट के जज उदयकुमार वी का कोल्लम मोटर दुर्घटना दावा न्यायाधिकरण में स्थानांतरण कर दिया गया है। उच्च न्यायालय की प्रशासनिक समिति ने रजिस्ट्रार (जिला न्यायपालिका) को मामले की जांच का आदेश दिया है। अगले सप्ताह में जांच रिपोर्ट पर समिति को सौंप दी जाएगी। उसके बाद अगले कदम पर विचार होगा। 

महिला वादी ने सेशन जज से की थी शिकायत

एक रिपोर्ट के अनुसार, उदयकुमार का स्थानांतरण करने का निर्णय उस शिकायत के बाद लिया गया जिसमें एक महिला वादी ने कोल्लम के सेशन जज को पत्र लिखकर उदयकुमार पर अश्लील हरकतें करने का आरोप लगाया था। महिला का कहना है कि परामर्श के दौरान जज उसके साथ ऐसी हरकतें कर रहे था जो बर्दाश्त करने लायक नहीं थीं। उसने जज को इसबारे में बता भी दिया था लेकिन मुकदमे में मदद के नाम पर वो ऐसी हरकतें करता ही गया। कभी उसके कपड़ों को लेकर बात करता था तो कभी शारीरिक बनावट के बारे में। हाईकोर्ट के फैसले के बाद अब कोल्लम एमएसीटी की जज प्रसन्ना गोपालन चावरा पारिवारिक न्यायालय के न्यायाधीश का पदभार ग्रहण करेंगे। 

स्थानांतरण आदेश रजिस्ट्रार ने जारी किया है। आदेश में कहा गया है, कि प्रशासनिक जरूरतों को देखते हुए फैमिली कोर्ट के जज उदयकुमार वी और मोटर दुर्घटना दावा न्यायाधिकरण की जज प्रसन्ना गोपन को पारस्परिक रूप से तत्काल स्थानांतरित किया जाता है। उदयकुमार वी अपनी कोर्ट का दायित्व सौंपने के बाद अपने कर्तव्यों से मुक्त हो जाएंगे। 

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