नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क । दिल्ली की सियासत में एक बार फिर से उबाल आ गया है। पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने पासपोर्ट के नवीनीकरण के लिए कोर्ट से एनओसी मांगी है। ED और CBI ने इस पर कड़ी आपत्ति जताई है। अब इस याचिका पर अगली सुनवाई 4 जून को तय हुई है। क्या केजरीवाल को विदेश जाने की इजाजत मिलेगी? बड़ा सवाल उठ खड़ा हुआ है।
पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने राउज एवेन्यू कोर्ट में पासपोर्ट नवीनीकरण के लिए NOC मांगी है। उनका पासपोर्ट 2018 में ही एक्सपायर हो चुका है। कोर्ट ने इस पर ED और CBI से जवाब तलब किया है और अगली सुनवाई 4 जून को तय की गई है। इस मामले ने एक बार फिर से दिल्ली आबकारी नीति घोटाले को सुर्खियों में ला दिया है।
क्या है पूरा मामला?
दिल्ली शराब नीति घोटाले में फंसे अरविंद केजरीवाल की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रहीं। अब उन्होंने कोर्ट से पासपोर्ट नवीनीकरण के लिए नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट (NOC) की मांग की है। कोर्ट ने इस याचिका पर संज्ञान लेते हुए प्रवर्तन निदेशालय (ED) और केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) से जवाब मांगा है।
केजरीवाल के वकील ने बताया कि उनका निजी पासपोर्ट साल 2018 में ही एक्सपायर हो गया था और वह अब उसका नवीनीकरण कराना चाहते हैं। लेकिन चूंकि वह आबकारी नीति केस में अभियुक्त हैं, इसलिए उन्हें पासपोर्ट रिन्यू करवाने के लिए कोर्ट की इजाजत चाहिए।
क्या कहता है कानून और एजेंसियों का रुख
ED और CBI इस आवेदन को लेकर सतर्क हो गए हैं। सूत्रों के मुताबिक दोनों एजेंसियां अदालत में यह दलील दे सकती हैं कि चूंकि केजरीवाल एक गंभीर आर्थिक अपराध में आरोपी हैं, इसलिए उन्हें विदेश यात्रा की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए।
इसके अलावा, दोनों एजेंसियां इस बात की जांच भी कर रही हैं कि पासपोर्ट की जरूरत के पीछे क्या कोई छुपा हुआ मकसद है।
कब होगी अगली सुनवाई?
राउज एवेन्यू कोर्ट ने इस मामले में 4 जून की तारीख तय की है। तब तक ED और CBI को अपना पक्ष कोर्ट के सामने रखना होगा। उसके बाद ही यह तय होगा कि केजरीवाल को पासपोर्ट नवीनीकरण की इजाजत मिलती है या नहीं।
क्यों है ये मामला अहम?
यह केस केवल एक पासपोर्ट की इजाजत का नहीं है, बल्कि इससे सीधे तौर पर दिल्ली शराब नीति केस की गंभीरता और राजनीतिक प्रभाव भी जुड़ा हुआ है। अगर कोर्ट NOC देता है, तो विपक्ष इसे कानून के दुरुपयोग के तौर पर पेश कर सकता है।
वहीं अगर NOC नहीं मिलता, तो आम आदमी पार्टी इसे राजनीतिक प्रतिशोध बताएगी। यानी मामला सिर्फ कोर्ट तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि सियासत की गर्मी और तेज़ हो सकती है।
अरविंद केजरीवाल की पासपोर्ट याचिका ने एक बार फिर दिल्ली की राजनीति को गरमा दिया है। अब सभी की नजरें 4 जून की सुनवाई पर टिकी हैं।
क्या आपको लगता है कि केजरीवाल को पासपोर्ट की इजाजत मिलनी चाहिए? कमेंट करके अपनी राय ज़रूर दें।
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