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सितंबर 2016 में मोदी ने पहली दफा दिखाई थीं लाल आंखें, बताई थी वाकये की कहानी

नरेंद्र मोदी जब भारत के प्रधानमंत्री बने तो उन्होंने पाकिस्तान के साथ तालमेल करने की हर मुमकिन कोशिश की। यहां तक कि वो सारे प्रोटोकाल तोड़कर पाकिस्तान के तत्कालीन पीएम नवाज शरीफ के घर पर हो रही शादी में भी शिरकत करने गए।

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Shailendra Gautam
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नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क ।नरेंद्र मोदी जब भारत के प्रधानमंत्री बने तो उन्होंने पाकिस्तान के साथ तालमेल करने की हर मुमकिन कोशिश की। यहां तक कि वो सारे प्रोटोकाल तोड़कर पाकिस्तान के तत्कालीन पीएम नवाज शरीफ के घर पर हो रही शादी में भी शिरकत करने गए। लेकिन पाकिस्तान बाज नहीं आया और पठानकोट के बाद उरी में सेना के कैंप पर हमला कराया तो सितंबर 2016 में मोदी सरकार ने उसे सबक सिखाने की ठानी। ये पहला वाकया था जब मोदी सरकार ने पाकिस्तान को लाल आंखें दिखाई थीं। भारत ने पाक के सैन्य ठिकानों पर सर्जिकल स्ट्राइक करके बताया कि वो क्या कर सकते हैं। 

2014 के आम चुनाव से ऐन पहले बीजेपी ने अपनी कैंपेन कमेटी को नरेंद्र मोदी के जिम्मे सौंपकर सत्ता में फिर से आने की रणनीति तैयार की थी। तब वो गुजरात के सीएम थे। उस दौरान एक वीडियो सोशल मीडिया में तेजी से वायरल हुआ था जिसमें कुछ पाकिस्तानी सैनिक कटे सिरों से फुटबाल खेलते देखे जा रहे थे। तब मोदी नो तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को निशाना बनाकर कहा था कि अगर उनकी सरकार होती तो pakistan ये हिमाकत न करता। मोदी ने अपनी छाती को 56 इंच का बताकर कहा था कि वो ऐसी हिमाकत पर पाकिस्तान को लाल आंखें जरूर दिखाते।

पठानकोट के बाद हुआ थी उरी में सैनिकों पर हमला

नवाज शरीफ की शादी से लौटते ही पठानकोट के सैन्य बेस पर हमला हुआ। उसके बाद उरी में। उरी आतंकी हमले में 20 से अधिक भारतीय सैनिक शहीद हो गए थे। इसके बाद ही सर्जिकल स्ट्राइक की नौबत आई। 26 सितंबर 2016 को सेना के पैरा स्पेशल फोर्सेज के कमांडो की एक टीम ने एलओसी पार करके आतंकवादियों के चार लॉन्चपैड नष्ट कर दिए। विपक्ष ने जब स्ट्राइक पर सवाल उठाए तब मोदी सरकार ने हमलों के वीडियो और तस्वीरें सार्वजनिक कर दी थीं। खुद भी एएनआई से इस बारे में विस्तृत बात की।

उरी हमले के बाद बनाई गई थी सर्जिकल स्ट्राइक की रणनीति

उरी हमले के बारे में पीएम मोदी ने कहा था कि उस घटना ने उनको बेचैन कर दिया था और उनके अंदर गुस्सा था। लेकिन उनको पता था कि यह आपरेशन एक बड़ा जोखिम था। मोदी ने कहा कि उनकी सबसे बड़ी चिंता एलओसी पार करने वाले सैनिकों की सुरक्षा को लेकर थी। उनको अपने राजनीतिक जोखिम की परवाह नहीं है। उनके लिए सबसे बड़ी चिंता सैनिकों की सुरक्षा थी। पीएम ने कहा कि उन्होंने सैनिकों से कहा था कि सफलता मिले या न, लेकिन सूरज के उगने से पहले हर हाल में वापस लौटना ही है। 

आपरेशन पर रात भर खुद नजर रख रहे थे पीएम

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बकौल pm modi उन्होंने खुद इस खतरनाक आपरेशन पर रात भर नजर रखी और पल-पल की जानकारी हासिल करते रहे। आपरेशन के लिए कमांडोज के चुनाव में सतर्कता बरतने के साथ ही उनके लिए हथियारों का इंतजाम किया गया था। हालात तब चिंताजनक हो गए जब एक घंटे के लिए जानकारियां पूरी तरह से रुक गईं। तब तक सूर्योदय को एक घंटा बीत चुका था। वह उनके लिए बेहद मुश्किल लमहा था, क्योंकि जब तक आखिरी सैनिक तक वापस नहीं आ जाता है तब तक सब कुछ ठीक नहीं था। जब खबर आई कि सारे सैनिक वापस आ गए हैं तो उनकी सांस में सांस आई।

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