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नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्कः थाईलैंड में पुलिस ने एक महिला को गिरफ्तार किया है, जिस पर आरोप है कि उसने कई बौद्ध भिक्षुओं के साथ यौन संबंध बनाए और बाद में उनसे अश्लील तस्वीरें और वीडियो लीक न करने के बदले पैसे की मांग की। पुलिस ने बताया कि "मिस गोल्फ" के नाम से जानी जाने वाली इस महिला ने कम से कम नौ भिक्षुओं के साथ यौन संबंध बनाए। पुलिस का कहना है कि पिछले तीन सालों में उसे लगभग 385 मिलियन बाट (11.9 मिलियन डॉलर) मिले हैं। यह घोटाला थाईलैंड के इस प्रतिष्ठित बौद्ध संस्थान को झकझोर देने वाला ताजातरीन केस है। हाल के समय में भिक्षुओं पर यौन अपराधों और मादक पदार्थों की तस्करी में शामिल होने के आरोप लगे हैं।
महिला के घर से मिलीं 80 हजार से ज्यादा तस्वीरें और क्लिप
द गार्जियन की रिपोर्ट के अनुसार एक पुलिस अफसर ने बताया कि "मिस गोल्फ" के घर की तलाशी के दौरान भिक्षुओं को ब्लैकमेल करने के लिए इस्तेमाल की गई 80 हजार से ज्यादा तस्वीरें और वीडियो मिले। थाई पुलिस का कहना है कि हमने "मिस गोल्फ" के बैंक खातों की जांच की तो पता चला कि ब्लैकमेलिंग में कई मंदिर शामिल हैं। महिला का मोबाइल जब्त करने के बाद जांच करने पर हैरतअंगेज जानकारियां सामने आईं। उसके फोन में कई भिक्षु शामिल थे। फोन में कई क्लिप और लाइन चैट भी मिले।
एक भिक्षु ने अचानक छोड़ा मठ तो पुलिस के कान हुए खड़े
पुलिस ने बताया कि यह मामला पहली बार जून के मध्य में उनके ध्यान में तब आया, जब उन्हें पता चला कि बैंकाक के एक मठाधीश ने एक महिला की जबरन वसूली के बाद अचानक ठिकाना छोड़ दिया था। मठाधीश का यूं ही चले जाना पुलिस को अखरा। जब जांच की गई तो पता चला कि महिला का मई 2024 में उस भिक्षु के साथ संबंध था। महिला ने भिक्षु को बताया कि वो प्रेग्नेंट है और ये बच्चा उसका है। उसने 70 लाख बाट की रकम मांगी। इसके बाद अधिकारियों को पता चला कि अन्य भिक्षुओं ने महिला को पैसे भेजे थे। पुलिस ने बताया कि महिला ने तकरीबन सारा पैसा निकाल लिया था। कुछ पैसा ऑनलाइन जुए में इस्तेमाल किया गया था।
महिला के घर की तलाशी ली तो फटी रह गई आंखें
पुलिस ने बताया कि जब जांचकर्ताओं ने इस महीने की शुरुआत में महिला के घर की तलाशी करके उसके फोन जब्त किए तो 80 हजार से ज्यादा तस्वीरें और वीडियो मिले। इनका इस्तेमाल उसने भिक्षुओं को ब्लैकमेल करने के लिए किया था। उस पर जबरन वसूली, मनी लॉन्ड्रिंग और चोरी के आरोप हैं। पुलिस ने लोगों के लिए दुर्व्यवहार करने वाले भिक्षुओं की रिपोर्ट जुटाने के लिए एक हॉटलाइन भी शुरू की है।
सुप्रीम काउंसिल अब भिक्षुओं पर कसने जा रही नकेल
इस घोटाले के बाद थाई बौद्ध धर्म की सबसे बड़ी संस्था, संघ सुप्रीम काउंसिल ने घोषणा की है कि वह मठ के नियमों की समीक्षा के लिए एक विशेष समिति का गठन करेगी। सरकार मठ के नियमों का उल्लंघन करने वाले भिक्षुओं के लिए जुर्माना और जेल सहित कड़ी सजा की भी वकालत कर रही है। थाईलैंड के राजा वजीरालोंगकोर्न ने जून में जारी अपने शाही आदेश को रद्द कर दिया, जिसमें 81 भिक्षुओं को बड़ी उपाधियां प्रदान की गई थीं। उन्होंने दुर्व्यवहार के हालिया मामलों का हवाला दिया, जिनके बारे में उन्होंने कहा कि बौद्धों को मानसिक रूप से बहुत कष्ट हुआ है।
थाईलैंड की 90 फीसदी से ज्यादा आबादी बौद्ध
थाईलैंड में 90 फीसदी से ज्यादा आबादी बौद्ध धर्म को मानती है। वहां भिक्षुओं का बहुत सम्मान किया जाता है। कई थाई पुरुष भी अच्छे कर्मों के लिए अस्थायी रूप से भिक्षु बन जाते हैं। लेकिन हाल के वर्षों में यह बौद्ध संस्थान घोटालों से ग्रस्त रहा है। अपनी भव्य जीवनशैली के लिए जाने जाने वाले एक भिक्षु विरापोल सुकफोल 2017 में अंतरराष्ट्रीय सुर्खियों में आए थे, तब उन पर यौन अपराध, धोखाधड़ी और मनी लांड्रिंग के आरोप लगे थे। 2022 में उत्तरी प्रांत फेत्चाबुन के एक मंदिर में तब कोई भी भिक्षु नहीं बचा था, जब उसके सभी चार भिक्षुओं को एक ड्रग छापे में गिरफ्तार कर लिया गया। थाई संघ के भीतर अनुशासन और जवाबदेही के मुद्दों पर वर्षों से चली आ रही आलोचनाओं के बावजूद कई लोगों का कहना है कि सदियों पुरानी इस संस्था में कोई खास बदलाव नहीं आया है। यह मामला उस धन और शक्ति के बारे में महत्वपूर्ण सवाल उठाता है जो इस तरह के व्यवहार को संभव बनाती है।
थाईलैंड में भिक्षुओं को उनके पद के आधार पर 2,500-34,200 बाट (57-785) के बीच मासिक भोजन भत्ता मिलता है, लेकिन मंदिरों और भिक्षुओं को दान भी मिलता है। दान ऊंचे पदों पर बैठे भिक्षुओं की आमदनी का बड़ा जरिया है। धनी व्यक्ति उन्हें कितना भी दान दे सकते हैं।
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