Advertisment

नीरजा मोदी स्कूल में छात्रा आत्महत्या: पीड़िता ने अपने आखिरी समय में पांच बार मांगी थी शिक्षक से मदद

सीबीएसई की एक जांच रिपोर्ट में यह बात सामने आई है कि जयपुर के एक स्कूल आत्महत्या करने वाली चौथी कक्षा की छात्रा को उसकी कक्षा में 18 महीने से ज्यादा समय तक परेशान किया गया था।

author-image
Mukesh Pandit
Sytend suicide case

नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क। सीबीएसई की एक जांच रिपोर्ट में यह बात सामने आई है कि जयपुर के एक स्कूल आत्महत्या करने वाली चौथी कक्षा की छात्रा को उसकी कक्षा में 18 महीने से ज्यादा समय तक परेशान किया गया तथा सहपाठी उसके खिलाफ बुरे शब्द इस्तेमाल करते थे जबकि स्कूल अच्छा माहौल बनाए रखने में नाकाम रहा। 

स्कूल को कारण बताओ नोटिस 

केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने जयपुर के नीरजा मोदी स्कूल को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। बोर्ड ने इस महीने की शुरुआत में स्कूल की इमारत से कूदकर जान देने वाली नौ वर्षीय लड़की की मौत की जांच के लिए गठित समिति की रिपोर्ट मिलने पर यह नोटिस जारी किया। जांच समिति ने स्कूल की तरफ से कई कमियों की ओर इशारा किया, जिसमें लड़की को लगातार परेशान किए जाने की ओर ध्यान दिलाया गया, और बताया गया कि उसके माता-पिता ने सबसे पहले जुलाई 2024 में शिक्षकों के सामने यह मुद्दा उठाया था। 

बच्ची की दिक्कतों के संबंध में कोई कार्रवाई नहीं की

समिति ने पाया कि कक्षा अध्यापक ने बच्ची की दिक्कतों के संबंध में कोई कार्रवाई नहीं की, तब भी जब लड़की अपनी जिदगी के आखिरी 45 मिनट में पांच बार शिक्षक के पास मदद मांगने गई। कक्षा चार की बच्ची ने एक नवंबर को स्कूल की चौथी मंजिल से कूदकर जान दे दी थी। इस मामले की गंभीरता को देखते हुए सीबीएसई की दो सदस्यीय समिति ने अगले दिन स्कूल का मुआयना किया था और बच्ची के अभिभावकों से बातचीत की थी। 

शिकायतों पर कोई सक्रिय कार्रवाई नहीं की

बोर्ड ने कारण बताओ नोटिस में कहा, समिति को दिए गए माता-पिता के बयानों के मुताबिक, यह साफ है कि स्कूल ने सहपाठियों द्वारा परेशान किए जाने और चिढ़ाए जाने की बार-बार की शिकायतों पर कोई सक्रिय कार्रवाई नहीं की। कक्षा अध्यापक और स्कूल प्रबंधन को बच्ची को प्रताड़ित किए जाने के बारे में अच्छी तरह पता था।

Advertisment

छात्रों के बीच लगातार बुरे शब्दों का इस्तेमाल

बोर्ड ने कहा कि माता-पिता की कक्षा अध्यापक और स्कूल प्रबंधन से की गई बातचीत और संदेश को अनसुना कर दिया गया। नोटिस में कहा गया कि कक्षा अध्यापक ने अपने लिखित बयान में माना है कि मृतक छात्रा ने उन्हें बताया था कि उसके सहपाठी उसके लिए बुरे शब्दों का इस्तेमाल करते हैं, लेकिन दूसरे छात्रों ने आरोपों से इनकार किया। हालांकि, दूसरे बच्चों ने पहले भी शिक्षक से कक्षा में छात्रों के बीच लगातार बुरे शब्दों के इस्तेमाल की शिकायत की थी।  : Neerja Modi School case 

Neerja Modi School case
Advertisment
Advertisment