नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क । पंजाब में लुधियाना से आम आदमी पार्टी (AAP) के विधायक रमन अरोड़ा को विजिलेंस ब्यूरो ने रिश्वतखोरी के आरोप में गिरफ्तार किया है। सरकारी ठेकों में भ्रष्टाचार के गंभीर आरोपों ने पूरे पंजाब की सियासत में हलचल मचा दी है। कभी ‘ईमानदारी’ का दावा करने वाली पार्टी की छवि अब सवालों के घेरे में है।
इस गिरफ्तारी से आम जनता का भरोसा डगमगाया है, और विपक्ष ने इस पर जमकर निशाना साधा है। आइए जानते हैं पूरा मामला और इसके राजनीतिक मायने।
मामला क्या है? — विजिलेंस के जाल में फंसे रमन अरोड़ा
पंजाब विजिलेंस ब्यूरो की कार्रवाई में सामने आया कि AAP विधायक रमन अरोड़ा ने एक सरकारी ठेके के लिए ठेकेदार से मोटी रकम की मांग की थी।
शिकायत के आधार पर जांच शुरू हुई और सबूत जुटाए गए।
इस कार्रवाई को पंजाब सरकार की अंदरूनी कलह और भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्ती के तौर पर भी देखा जा रहा है।
आम आदमी पार्टी की 'कट्टर ईमानदार राजनीति' पर सवाल
AAP हमेशा से खुद को "ईमानदारी की राजनीति" का प्रतीक बताती रही है। लेकिन, अपने ही विधायक की गिरफ्तारी ने पार्टी की साख को गहरा झटका दिया है। लोगों में यह चर्चा जोरों पर है कि क्या AAP भी उन पार्टियों की कतार में जा खड़ी हुई है, जिन्हें वो कोसती रही है?
विपक्ष का वार: "AAP अब आम नहीं रही!"
- कांग्रेस और बीजेपी ने इस गिरफ्तारी को लेकर तीखा हमला बोला है।
- विपक्षी नेताओं ने कहा कि पंजाब में अब भ्रष्टाचार "खुल्लमखुल्ला" हो गया है।
- राहुल गांधी और भगवंत मान सरकार की चुप्पी पर भी सवाल उठ रहे हैं।
जनता का भरोसा डगमगाया, AAP को बड़ा झटका
- लोगों में गुस्सा साफ झलक रहा है। सोशल मीडिया पर लोग इस मुद्दे पर खुलकर बोल रहे हैं।
- कई यूज़र्स ने कहा कि अगर पार्टी अपने नेताओं पर लगाम नहीं लगा सकी, तो बदलाव की उम्मीद कैसे की जाए?
- 2022 में पंजाब की सत्ता में आई AAP के लिए यह गंभीर झटका है।
क्या AAP अब जवाब देगी?
- विधायक रमन अरोड़ा की गिरफ्तारी केवल एक व्यक्ति की नहीं, बल्कि AAP की ईमानदारी की परीक्षा है।
- अब निगाहें इस पर हैं कि पार्टी इस पर क्या कदम उठाती है- सिर्फ बयानबाज़ी या सख्त कार्रवाई?
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