नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क । बांग्लादेश फिर से सियासी तूफान की चपेट में है। सेना और सरकार आमने-सामने आ गए हैं। मोहम्मद यूनुस ने धमकी दी- "इस्तीफा दूंगा!" जनरल वकार ने कहा- "सरकार अवैध है!" क्या यह तख्तापलट की आहट है या कुछ और?
बांग्लादेश में सत्ता संघर्ष एक बार फिर गंभीर मोड़ पर पहुंच गया है। अंतरिम सरकार के मुखिया मोहम्मद यूनुस और सेना प्रमुख जनरल वकार-उज-जमान के बीच टकराव अब खुलकर सामने आ गया है।
वकार-उज-जमान ने यूनुस सरकार को "अवैध" करार दिया है, जबकि मोहम्मद यूनुस ने बौखलाकर इस्तीफे की धमकी दी है। इस घटनाक्रम के बीच ढाका समेत कई हिस्सों में हिंसक प्रदर्शनों की आशंका जताई जा रही है। ऐसे में सवाल उठता है- क्या बांग्लादेश एक और तख्तापलट की ओर बढ़ रहा है?
सेना ने खोला मोर्चा, सरकार को बताया अवैध
जनरल वकार-उज-जमान का बयान सामने आते ही देशभर में सियासी हलचल तेज हो गई। उन्होंने कहा कि मौजूदा सरकार संवैधानिक प्रक्रिया का पालन नहीं कर रही और यह जनता की अपेक्षाओं पर खरी नहीं उतरती। उनका यह बयान सीधे तौर पर मोहम्मद यूनुस की अंतरिम सरकार को चुनौती देने जैसा है।
मोहम्मद यूनुस ने दी इस्तीफे की धमकी, हालात तनावपूर्ण
इस बयान के बाद मोहम्मद यूनुस ने प्रतिक्रिया दी कि अगर सेना की दखल बढ़ती है तो वे इस्तीफा देने को मजबूर होंगे। उन्होंने यह भी कहा कि अगर देश में लोकतंत्र को बचाना है तो सेना को पीछे हटना होगा। यूनुस ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से हस्तक्षेप की मांग भी की है।
ढाका में फिर भड़क सकती है हिंसा, अराजकता की आशंका
ढाका की सड़कों पर एक बार फिर विरोध-प्रदर्शनों की आहट सुनाई दे रही है। छात्र संगठन, मज़दूर यूनियन और विपक्षी दल सरकार और सेना दोनों के खिलाफ मोर्चा खोल सकते हैं। बांग्लादेश का इतिहास बताता है कि यहां अब तक 25 से ज्यादा बार तख्तापलट हो चुका है। हालात जिस तरफ बढ़ रहे हैं, उससे इनकार नहीं किया जा सकता कि एक और तख्तापलट करीब है।
क्या बांग्लादेश पाकिस्तान की राह पर है?
विशेषज्ञ मानते हैं कि बांग्लादेश में जिस तरह इस्लामी कट्टरपंथ को राजनीतिक संरक्षण मिल रहा है, वह पाकिस्तान की नीति से मेल खाता है। अगर बांग्लादेश में कट्टरपंथी ताकतें सत्ता में आती हैं, तो यह न सिर्फ क्षेत्रीय स्थिरता के लिए खतरा होगा बल्कि भारत की सुरक्षा चिंताओं को भी बढ़ाएगा।
भारत के लिए बढ़ी चिंता, क्या होना चाहिए अगला कदम?
भारत के लिए यह स्थिति बेहद संवेदनशील है। बांग्लादेश के साथ 4,000 किलोमीटर से ज्यादा की सीमा साझा करता है भारत। ऐसे में वहां कट्टरपंथी शासन स्थापित होना राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा बन सकता है। भारत को कूटनीतिक और खुफिया दोनों स्तरों पर सक्रिय रहना होगा।
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