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नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क । सरकारी टेलीकॉम कंपनी BSNL ने 17 सालों में पहली बार लगातार दो तिमाहियों में मुनाफा कमाया है। जनवरी-मार्च 2025 की तिमाही में 280 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ, तीसरी तिमाही में 261 करोड़ का मुनाफा। यह उपलब्धि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सुधार-संचालित नीति का नतीजा बताई जा रही है। केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने बीएसएनएल की इस उपलब्धि को ऐतिहासिक बताया। एक दौर में कर्ज में डूबी इस कंपनी ने अब मुनाफे की पटरी पकड़ ली है- पूरा सफरनामा पढ़िए इस रिपोर्ट में।
सरकारी टेलीकॉम कंपनी बीएसएनएल ने वित्त वर्ष 2025 की तीसरी व चौथी तिमाही में लगातार मुनाफा दर्ज कर इतिहास रच दिया है। जनवरी-मार्च तिमाही में कंपनी को 280 करोड़ रुपये का लाभ हुआ है। यह उपलब्धि बीएसएनएल की वापसी का मजबूत संकेत मानी जा रही है।
BSNL की ऐतिहासिक वापसी
भारत संचार निगम लिमिटेड (BSNL) ने आखिरकार वो कर दिखाया है, जिसकी उम्मीद बीते कई सालों से की जा रही थी। वित्त वर्ष 2025 की जनवरी-मार्च तिमाही में कंपनी ने 280 करोड़ रुपये का मुनाफा दर्ज किया है। खास बात यह है कि इससे पिछली तिमाही (अक्टूबर-दिसंबर 2024) में भी कंपनी को 261 करोड़ रुपये का लाभ हुआ था। यानी बीएसएनएल ने 17 वर्षों के इतिहास में पहली बार लगातार दो तिमाहियों में मुनाफा कमाया है।
मोदी सरकार की रणनीति का असर
“BSNL delivers first back-to-back Quarter profits in 17 years!
— Press Trust of India (@PTI_News) May 27, 2025
Continuing on its profitable path, BSNL has posted a strong net profit of ₹280 crores in Jan-March quarter of FY 25, marking back-to-back profitable quarters after ₹261 crores in FY25 Q3. The consistent turnaround… pic.twitter.com/G0fwpTJMoq
इस उपलब्धि का श्रेय केंद्र सरकार की योजनाबद्ध रणनीति को दिया जा रहा है। केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने ट्वीट करते हुए लिखा, "बीएसएनएल का यह सुधार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के केंद्रित और सुधार-संचालित नेतृत्व का प्रमाण है।" बीएसएनएल की वापसी न केवल सरकारी कंपनियों के लिए आशा की किरण है, बल्कि यह दिखाता है कि सही दिशा और नीति के तहत कोई भी सार्वजनिक उपक्रम फिर से खड़ा हो सकता है।
घाटे का लंबा इतिहास
बीएसएनएल की स्थापना 2000 में हुई थी। शुरुआत में मुनाफा कमाने वाली यह कंपनी 2008 के बाद लगातार घाटे में चलने लगी।
भारत संचार निगम लिमिटेड (BSNL) की स्थापना 15 सितंबर 2000 को हुई थी। तब से लेकर 2025 तक बीएसएनएल के मुनाफे या घाटे की वार्षिक जानकारी सार्वजनिक डाटा के रूप में उपलब्ध होती है, लेकिन सभी वर्षों की विस्तृत जानकारी आधिकारिक वेबसाइट या CAG (Comptroller and Auditor General), DOT (Department of Telecommunications) या संसद में प्रस्तुत रिपोर्ट्स से ही पूरी तरह मिलती है।
हम आपको 2000 से 2025 तक के मुख्य वर्षों में हुए लाभ या घाटे का एक सारांश दे रहे हैं, जो प्रमुख रिपोर्ट्स और मीडिया स्रोतों पर आधारित है
BSNL का वार्षिक घाटा/लाभ (2000–2025) का संक्षिप्त इतिहास
वित्तीय वर्ष | लाभ/घाटा (₹ करोड़ में) | टिप्पणी |
2000–01 | ₹1,312 करोड़ (लाभ) | शुरुआत में अच्छा प्रदर्शन |
2004–05 | ₹10,183 करोड़ (लाभ) | लाभ |
2008–09 | ₹575 करोड़ (लाभ) | लाभ में गिरावट शुरू |
2009–10 | ₹1,823 करोड़ (घाटा) | घाटे की शुरुआत |
2011–12 | ₹8,851 करोड़ (घाटा) | 3G और 4G की प्रतिस्पर्धा में पिछड़ाव |
2013–14 | ₹7,019 करोड़ (घाटा) | लगातार गिरावट |
2015–16 | ₹4,793 करोड़ (घाटा) | घाटा कम हुआ |
2016–17 | ₹4,786 करोड़ (घाटा) | सुधार के प्रयास |
2017–18 | ₹7,993 करोड़ (घाटा) | स्थिति फिर बिगड़ी |
2019–20 | ₹15,500 करोड़ (घाटा) | सबसे अधिक घाटा |
2020–21 | ₹7,441 करोड़ (घाटा) | घाटा कम हुआ, सुधार की शुरुआत |
2021–22 | ₹5,587 करोड़ (घाटा) | Revamp प्लान का असर |
2022–23 | ₹5,452 करोड़ (घाटा) | 4G रोलआउट की तैयारी |
2023–24 | ₹4,000 करोड़ (अनुमानित घाटा) | घाटा घट रहा है |
2024–25 | ₹2,000 करोड़ (अनुमानित घाटा) | 4G सेवा शुरू होने पर घाटा, अब लगातार 2 तिमाही में लाभ |
कुछ खास बातें
- BSNL ने 2004–05 तक अच्छा लाभ कमाया, लेकिन इसके बाद 4G और निजी टेलीकॉम कंपनियों (Airtel, Jio) की प्रतिस्पर्धा के कारण इसका राजस्व तेजी से गिरा।
- 2019 में सरकार ने ₹69,000 करोड़ के रिवाइवल पैकेज की घोषणा की।
- 2022–25 के दौरान BSNL को 4G लॉन्च, फाइबर नेटवर्क विस्तार और भारतनेट प्रोजेक्ट से उम्मीदें हैं।
2000–2008: लाभ का दौर
2009–2023: घाटे का दौर
2024–25: घाटा घटने की दिशा में बड़ा सुधार
अब 2024-25 की लगातार दो तिमाहियों में मुनाफा
बदलाव की दिशा: तकनीक, 4G और सुधार
बीएसएनएल के मुनाफे के पीछे कई ठोस फैसले हैं। सरकार ने 1.64 लाख करोड़ रुपये की पुनरुद्धार योजना को लागू किया, 4G रोलआउट में तेजी लाई गई, पुरानी टेक्नोलॉजी हटाकर नई लाई गई, और कर्ज में डूबी इस कंपनी को फंडिंग दी गई। साथ ही ऑपरेशनल एफिशिएंसी और रेवेन्यू जनरेशन पर खास ध्यान दिया गया।
जन-जन की कंपनी फिर से पटरी पर
BSNL की यह वापसी न केवल टेलीकॉम सेक्टर के लिए राहत की खबर है, बल्कि यह जनता को भी बेहतर सेवा मिलने का संकेत है। ग्रामीण भारत में जहां निजी टेलीकॉम कंपनियां नहीं पहुंचतीं, वहां BSNL की भूमिका और भी महत्वपूर्ण हो जाती है।
BSNL की वापसी बताती है कि अगर राजनीतिक इच्छाशक्ति और नीति में पारदर्शिता हो, तो किसी भी सार्वजनिक संस्था को उबारना संभव है। मुनाफे की यह नई राह कंपनी के भविष्य को एक बार फिर उज्ज्वल बना रही है।
क्या BSNL की वापसी को आप ऐतिहासिक मानते हैं? अपनी राय कमेंट करें।
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