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दोतरफा कोशिशों के बाद टली निमिषा प्रिया की फांसी, जानिए कैसे चला घटनाक्रम

यमन के बड़े हिस्से में हूतियों का कब्जा है। हूतियों का शरिया कानून ब्लड मनी के नाम पर आपराधिक मामलों में माफी देता है। निमिषा के बचने की सारी कवायद अब मारे गए शख्स के परिजनों की रजामंदी पर निर्भर करती है।

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Shailendra Gautam

"यमन में मौत की दहलीज़ पर खड़ी है निमिषा प्रिया – क्या इस्लामी कानून उसे जीवनदान देगा?" | यंग भारत न्यूज Photograph: (Google)

नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्कः केरल के पलक्कड़ की रहने वाली नर्स निमिषा प्रिया को 16 जुलाई को दी जाने वाली फांसी की सजा पर फिलहाल रोक लग गई है। भारत सरकार सारे मामले पर नजदीकी से नजर रखे है। जेल में बंद निमिषा से सरकार अपने संपर्कों के जरिये संपर्क बनाए हुए है। सरकार का कहना है कि मामला बेहद संवेदनशील है, इसलिए खास सावधानी बरती जा रही है। कुल मिलाकर नर्स का जीवन बचाने के लिए हर संभव कोशिश की जा रही है। 

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वसाब के शासक अल नेहया ने की थी यमन के राष्ट्रपति से मुलाकात

इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के मुताबिक सामाजिक कार्यकर्ता सैमुअल जेरोम भास्करन ने कहा कि उनकी फांसी टालने के फैसले में तलाल अब्दो महदी का परिवार शामिल नहीं था। जिसकी हत्या के लिए निमिषा को दोषी ठहराया गया था। गौरतलब है कि जेरोम केरल की नर्स निमिषा प्रिया की रिहाई सुनिश्चित करने के लिए यमन में चल रही बातचीत का नेतृत्व कर रहे हैं। फांसी टालने के लिए उठाए गए कदमों पर भास्करन ने द इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि अल वसाब क्षेत्र के शासक अब्दुल मलिक अल नेहया द्वारा शुक्रवार को यमन के राष्ट्रपति से मुलाकात के बाद यमन सरकार ने यह फैसला लिया। एक दिन बाद राष्ट्रपति रशद अल-अलीमी ने फांसी टालने पर सहमति जताई। उन्होंने कहा कि भारत सरकार भी इस अभियान में शामिल थी। यमन के अधिकारियों ने विवरण का खुलासा न करने का निर्देश दिया था।

ब्लड मनी के लिए मनाया जा रहा महदी के परिवार को

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एक अन्य रिपोर्ट के मुताबिक महदी के परिवार को मनाने के लिए एक प्रमुख सुन्नी मुस्लिम नेता कंथापुरम एपी अबूबकर मुसलियार ने उनसे बातचीत की और उन्हें माफी के बदले में ब्लड मनी स्वीकार करने के लिए राजी किया। अबूबकर को भारत के ग्रैंड मुफ़्ती का दर्जा प्राप्त है। उन्होंने यमन में धार्मिक अधिकारियों के साथ बातचीत की, जिसके बाद आज धमार में एक बैठक हुई। यह बैठक कंथापुरम के कहने पर प्रमुख विद्वान और सूफी नेता शेख हबीब उमर बिन हाफिज के नेतृत्व में आयोजित की गई थी। इंडिया टुडे के अनुसार उमर बिन हाफिज के प्रतिनिधियों ने महदी के परिवार के साथ बैठक में भाग लिया। महदी के परिवार ने बातचीत के लिए धमार आने की उमर बिन हाफिज की सलाह मान ली थी। हालांकि महदी के परिवार का निमिषा की फांसी रुकवाने में कोई रोल नहीं है। लेकिन फांसी रुकने के बाद में निमिषा की रिहाई उनकी इच्छा पर निर्भर करती है। 

महदी का परिवार ब्लड मनी ले ले तो माफ हो जाएगी सजा

फिलहाल नर्स की फांसी तो टल गई है लेकिन वो पूरी तरह से हत्या के मामले से तभी बरी हो सकती है जब महदी का परिवार राजी हो जाए। यमन के बड़े हिस्से में हूतियों का कब्जा है। हूतियों का शरिया कानून ब्लड मनी के नाम पर आपराधिक मामलों में माफी देता है। निमिषा के बचने की सारी कवायद अब मारे गए शख्स के परिजनों की रजामंदी पर निर्भर करती है।  

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Nimisha Priya, Yemen, sentenced to death, Kerala nurse

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