नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क । बीकानेर की पवित्र धरती पर पहुंचे देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी। करणी माता मंदिर में की विशेष पूजा-अर्चना। धार्मिक भावनाओं के साथ जुड़ी दिखी सियासी रणनीति। लोकसभा चुनाव से पहले यह दौरा कितना अहम? बीकानेर की गलियों से उठ रही है राजनीतिक सुगबुगाहट।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राजस्थान के बीकानेर का यह दौरा सिर्फ धार्मिक नहीं, बल्कि इसके पीछे गहरी राजनीतिक रणनीति भी नजर आई। बीकानेर के प्रसिद्ध करणी माता मंदिर में प्रधानमंत्री ने दर्शन किए, पूजा-अर्चना की और मां करणी से देशवासियों के सुख-समृद्धि की कामना की।
करणी माता मंदिर सिर्फ एक धार्मिक स्थल नहीं, बल्कि राजस्थानी संस्कृति और आस्था का बड़ा केंद्र है। मां करणी को 'चूहों वाली माता' के नाम से भी जाना जाता है, जिनके मंदिर में हजारों चूहे खुले घूमते हैं और भक्त उन्हें पवित्र मानते हैं।
PM मोदी की ये यात्रा ऐसे समय में हुई है जब लोकसभा चुनाव की तारीखें नजदीक हैं। राजस्थान में बीजेपी को फिर से मजबूत करने की कोशिशें लगातार चल रही हैं। ऐसे में करणी माता जैसे लोकप्रिय धार्मिक स्थल पर जाना भावनात्मक जुड़ाव के साथ-साथ सियासी संदेश भी देता है।
बीकानेर के लोगों में इस दौरे को लेकर दिखा खासा उत्साह
बीकानेर के लोगों में इस दौरे को लेकर खासा उत्साह देखने को मिला। मंदिर में पहुंचे PM मोदी ने वहां की परंपराओं के अनुसार पूजा की, माथे पर तिलक लगाया और कुछ पल ध्यान मुद्रा में बैठे। मंदिर के पुजारियों ने उन्हें आशीर्वाद भी दिया।
विशेषज्ञों का मानना है कि यह दौरा राजस्थान की राजनीति में नया मोड़ ला सकता है। करणी माता को राजपूत समुदाय में विशेष मान्यता है और यह समुदाय चुनाव में निर्णायक भूमिका निभाता है। पीएम मोदी का यह कदम न सिर्फ बीजेपी के कोर वोटर्स को साधने की कोशिश है, बल्कि उन तबकों तक भी पहुंचने की रणनीति है जो फिलहाल विरोधी खेमे में हैं।
बीकानेर की गलियों से अब जो सियासी चर्चा उठ रही है, वह यह है – क्या पीएम मोदी का यह दौरा बीजेपी के पक्ष में माहौल बनाएगा? राजस्थान की जनता अब किस ओर झुकेगी?
क्या आप मानते हैं कि पीएम मोदी का यह दौरा सिर्फ धार्मिक था या इसके पीछे थी गहरी राजनीतिक सोच? अपनी राय कमेंट करें।
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