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नई दिल्ली, वाईबीएन नेटवर्क । हाल ही में हुए ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव ने देश को एक नए मोड़ पर ला खड़ा किया है। इस तनावपूर्ण माहौल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को सभी सरकारी विभागों को एक अहम संदेश दिया- लंबे समय तक चलने वाली चुनौतियों के लिए तैयार रहें। पीएम ने आवश्यक वस्तुओं का पर्याप्त भंडार सुनिश्चित करने, संचार व्यवस्था को निर्बाध रखने, जनता में दहशत को रोकने और किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए ठोस कदम उठाने के निर्देश दिए हैं।
ऑपरेशन सिंदूर: एक नया अध्याय
ऑपरेशन सिंदूर, जिसमें भारत ने पाकिस्तान और पीओके में आतंकी ठिकानों पर सटीक हमले किए, ने क्षेत्रीय समीकरणों को बदल दिया है। इस ऑपरेशन के बाद भारत सरकार ने अपनी रणनीति को और मजबूत करने का फैसला किया है। पीएम मोदी ने मंगलवार को केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में कहा था, "यह तो बस शुरुआत है।" इस बयान ने न केवल सरकारी तंत्र को सतर्क किया, बल्कि देश में एक नई जिज्ञासा भी पैदा की कि आखिर भविष्य में क्या होने वाला है।
पीएम की बैठक: लंबी अवधि की रणनीति पर जोर
गुरुवार को हुई एक उच्चस्तरीय बैठक में पीएम मोदी ने करीब 20 मंत्रालयों के सचिवों को संबोधित किया। इस बैठक में उन्होंने स्पष्ट किया कि सभी विभागों को लंबे समय तक चलने वाली परिस्थितियों के लिए तैयार रहना होगा। पीएम ने कहा कि महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे और प्रतिष्ठानों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सभी जरूरी कदम उठाए जाएं। साथ ही, मंत्रालयों और एजेंसियों के बीच निर्बाध समन्वय को प्राथमिकता देने की बात कही।
पीएमओ की ओर से जारी एक आधिकारिक बयान में कहा गया कि प्रधानमंत्री ने परिचालन निरंतरता और संस्थागत लचीलापन बनाए रखने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने सभी विभागों को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि किसी भी तरह की आपात स्थिति में देश की व्यवस्था सुचारू रूप से चलती रहे।
आवश्यक वस्तुओं की कीमतों पर नजर
बैठक में पीएम ने विशेष रूप से आवश्यक वस्तुओं की कीमतों और उनकी उपलब्धता पर कड़ी नजर रखने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि घबराहट में होने वाली खरीददारी को रोकने और किसी भी तरह की अफवाहों या फर्जी खबरों का तुरंत खंडन करने की जरूरत है। उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय को विशेष रूप से यह जिम्मेदारी दी गई है कि वह बाजार में स्थिरता बनाए रखे और कीमतों में असामान्य उछाल को रोके।
साइबर सुरक्षा और बुनियादी ढांचे की रक्षा
आज के डिजिटल युग में साइबर हमले किसी भी देश के लिए बड़ा खतरा बन सकते हैं। इसे ध्यान में रखते हुए, पीएम ने सभी मंत्रालयों को अपनी-अपनी प्रणालियों की व्यापक समीक्षा करने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि किसी भी साइबर हमले से बचाव के लिए मजबूत उपाय किए जाएं, ताकि संचार, ऊर्जा, परिवहन और अन्य महत्वपूर्ण क्षेत्रों में कोई व्यवधान न हो। परमाणु ऊर्जा, अंतरिक्ष, इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी जैसे संवेदनशील क्षेत्रों के सचिवों ने इस बैठक में अपनी तैयारियों पर विस्तार से चर्चा की।
सचिवों को मिली खुली छूट
पीएम ने सचिवों को यह स्पष्ट किया कि वे अपने मंत्रालयों के लिए जरूरी फैसले लेने में स्वतंत्र हैं। प्रत्येक सचिव को अपनी प्रणालियों की स्थिति और संकट से निपटने की तैयारियों पर संक्षेप में बोलने का मौका दिया गया। सूत्रों के अनुसार, इस बैठक में बुनियादी ढांचे से जुड़े मंत्रालयों ने विशेष रूप से अपनी योजनाओं को प्रस्तुत किया, जिसमें बिजली, पानी, और परिवहन जैसी सुविधाओं को निर्बाध रखने की रणनीति शामिल थी।
क्षेत्रीय तनाव और वैश्विक प्रतिक्रियाएं
ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव ने वैश्विक मंच पर भी हलचल मचा दी है। तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तईप एर्दोगन ने इस मुद्दे पर बयान देकर विवाद को और हवा दी है। वहीं, कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि इस तनाव का फायदा चीन जैसे देश उठा सकते हैं, खासकर रक्षा और हथियारों के क्षेत्र में। दूसरी ओर, पाकिस्तान ने भारत के ड्रोन हमलों का जवाब देने की बात कही है, लेकिन उसकी सेना के दावों को भारत ने सिरे से खारिज कर दिया है।
जनता में जागरूकता और अफवाहों पर रोक
पीएम मोदी ने बैठक में इस बात पर विशेष जोर दिया कि जनता में किसी भी तरह की दहशत नहीं फैलनी चाहिए। इसके लिए उन्होंने फर्जी खबरों और अफवाहों को तुरंत रोकने के लिए एक मजबूत तंत्र विकसित करने का निर्देश दिया। सोशल मीडिया पर फैलने वाली गलत सूचनाओं पर नजर रखने और उन्हें समय रहते नकारने की जिम्मेदारी सूचना और प्रसारण मंत्रालय को दी गई है।
भविष्य की रणनीति: क्या होगा अगला कदम?
पीएम मोदी के बयान "यह तो बस शुरुआत है" ने कई सवाल खड़े किए हैं। क्या भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव और बढ़ेगा? क्या ऑपरेशन सिंदूर के बाद कोई और बड़ा कदम उठाया जाएगा? इन सवालों के जवाब तो भविष्य में ही मिलेंगे, लेकिन इतना तय है कि भारत सरकार इस स्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार है। पीएम की बैठक और उनके निर्देश इस बात का संकेत हैं कि सरकार न केवल तात्कालिक चुनौतियों से निपट रही है, बल्कि लंबी अवधि की रणनीति पर भी काम कर रही है।
ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत ने न केवल अपनी सैन्य ताकत का प्रदर्शन किया, बल्कि आंतरिक तैयारियों को भी मजबूत करने की दिशा में कदम उठाए हैं। पीएम मोदी के नेतृत्व में सरकार ने यह स्पष्ट कर दिया है कि वह किसी भी स्थिति से निपटने के लिए तैयार है। आवश्यक वस्तुओं की उपलब्धता, साइबर सुरक्षा, और बुनियादी ढांचे की रक्षा जैसे मुद्दों पर सरकार की सक्रियता से यह साफ है कि भारत लंबे समय तक चलने वाली चुनौतियों के लिए पूरी तरह से तैयार है।
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