नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क । जम्मू-कश्मीर में एक बार फिर सुरक्षा एजेंसियों की कड़ी कार्रवाई। राज्य जांच एजेंसी (SIA) ने शुक्रवार को कई ठिकानों पर मारा छापा। ये छापे आतंकवाद से जुड़े फंडिंग और नेटवर्क पर केंद्रित थे। मध्य कश्मीर और उत्तरी कश्मीर के इलाकों में बड़ी हलचल। मिशन है- आतंक की जड़ को पूरी तरह खत्म करना। आइए देखें पूरी रिपोर्ट...
राज्य जांच एजेंसी (SIA) ने 17 मई को जम्मू-कश्मीर के मध्य और उत्तरी क्षेत्रों में आतंकवाद से जुड़े मामलों की जांच के तहत कई ठिकानों पर एक साथ छापेमारी की। छापों का मकसद टेरर फंडिंग और नेटवर्क की कड़ियों को तोड़ना है। सुरक्षा एजेंसियों का दावा है कि उन्हें कुछ अहम सुराग हाथ लगे हैं, जिनके जरिए आतंकी गतिविधियों की पूरी योजना का पर्दाफाश किया जा सकता है।
SIA का मिशन: आतंक की फंडिंग पर लगाम
शुक्रवार सुबह जैसे ही सूरज निकला, जम्मू-कश्मीर के कुछ इलाकों में पुलिस और SIA की टीमों की गाड़ियां दौड़ने लगीं। मध्य कश्मीर के बडगाम, गांदरबल और उत्तरी कश्मीर के बारामुला व कुपवाड़ा जिलों में एक साथ छापेमारी हुई। इन छापों का मकसद सिर्फ तलाशी लेना नहीं था, बल्कि उन लोगों को पकड़ना था जो पर्दे के पीछे से आतंकवाद को आर्थिक मदद और लॉजिस्टिक सपोर्ट दे रहे हैं।
किन ठिकानों पर हुई रेड और क्यों?
SIA की यह कार्रवाई आतंकवाद से जुड़ी केस फाइलों की गहराई से जांच का हिस्सा है। सूत्रों के मुताबिक, ये छापे उन लोगों के घरों और व्यावसायिक परिसरों पर मारे गए जिन पर संदिग्ध गतिविधियों में शामिल होने का संदेह है। एजेंसी को इनसे विदेशी फंडिंग, सोशल मीडिया नेटवर्क और संदिग्ध बैंकिंग लेन-देन से जुड़े पुख्ता सुराग मिले हैं।
आतंकी नेटवर्क को तोड़ने की तैयारी
राज्य जांच एजेंसी लगातार इस बात पर फोकस कर रही है कि आतंकवाद सिर्फ बंदूक से नहीं, बल्कि पैसे और प्रचार से भी पनपता है। इसीलिए फंडिंग चैनलों की जांच बेहद जरूरी हो जाती है। अधिकारियों का मानना है कि इन छापों से कश्मीर में सक्रिय आतंकी नेटवर्क की कमर टूट सकती है।
लोगों में हलचल, सुरक्षा एजेंसियों पर भरोसा
इन छापों के बाद स्थानीय लोगों में एक ओर राहत है कि सरकार आतंकवाद को खत्म करने में सक्रिय है, वहीं दूसरी ओर कुछ इलाकों में तनाव का माहौल भी बना रहा। हालांकि, SIA ने स्पष्ट किया है कि ये सभी कार्रवाई पूरी तरह कानूनी प्रक्रिया के तहत की गई है और किसी निर्दोष को परेशान नहीं किया गया।
सरकार का संदेश साफ: आतंक के लिए कोई जगह नहीं
इन छापेमारियों से सरकार और सुरक्षा एजेंसियों का यह साफ संदेश है कि जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद के लिए कोई जगह नहीं है। चाहे फंडिंग हो या नेटवर्किंग—हर कड़ी को तोड़ने की रणनीति पर काम चल रहा है।
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