Advertisment

"रॉबर्ट वाड्रा: सत्ता के साये में विवादों का सिलसिला, क्या है सच?" जानें वाड्रा के जांच की अनकही कहानी!"

रॉबर्ट वाड्रा, सोनिया गांधी के दामाद और प्रियंका गांधी के पति हैं। भ्रष्टाचार और मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों में घिरे हैं, जिनके खिलाफ कई केस चल रहे हैं। आइए जानते हैं आरोपों और जांच की अनकही दास्तां...

author-image
Ajit Kumar Pandey
एडिट
ROBERT VADRA
Listen to this article
0.75x 1x 1.5x
00:00 / 00:00

नई दिल्ली, वाईबीएन नेटवर्क । रॉबर्ट वाड्रा- एक ऐसा नाम, जो भारतीय सियासत और विवादों के गलियारों में गूंजता रहा है। कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी के दामाद और प्रियंका गांधी के पति होने के नाते, उनकी जिंदगी हमेशा सुर्खियों में रही।

Advertisment

लेकिन, ये सुर्खियां अक्सर सवालों, आरोपों और जांच के घेरों में घिरी रहीं। भ्रष्टाचार, मनी लॉन्ड्रिंग और जमीन घोटाले जैसे संगीन इल्जामों ने वाड्रा को एक के बाद एक विवादों के भंवर में धकेला। 

आखिर कब और कैसे शुरू हुआ उनका जांच एजेंसियों से सामना? पहला मामला क्या था, और अब तक कितने केस उनके पीछे पड़े हैं? कौन-कौन सी एजेंसियां उनके वित्तीय लेनदेन और संपत्तियों की परतें उघाड़ने में जुटी हैं?

आइए, इस पूरी कहानी को परत दर परत खोलते हैं और पढ़ते हैं एक ऐसी कहानी जो सत्ता, रसूख और रहस्यों के बीच झूलती है और जिसमें हर मोड़ पर जलता हुआ एक नया सवाल जन्म ले रहा है...

Advertisment

कौन हैं रॉबर्ट वाड्रा, पिछले डेढ़ दशक से चल रहा केस...

रॉबर्ट वाड्रा, कांग्रेस नेता सोनिया गांधी की बेटी प्रियंका गांधी के पति हैं। वह एक लंबे समय से विवादों में घिरे हुए हैं। वाड्रा पर भ्रष्टाचार, मनी लॉन्ड्रिंग और जमीन घोटाले जैसे कई गंभीर आरोप लगे हैं। कई एजेंसियों ने उनकी संपत्तियों और वित्तीय लेनदेन की जांच की है।

 robert vadra | sonia Gandhi : अनियमितताओं और मनी लॉन्ड्रिंग के मामलों में जांच एजेंसियों के निशाने पर रहे हैं। उनके खिलाफ पहला प्रमुख केस 2012 में सामने आया साथ ही कई अन्य मामले भी सामने आए, जिनमें उनकी कंपनी स्काईलाइट हॉस्पिटैलिटी और अन्य वित्तीय लेनदेन से जुड़े आरोप शामिल हैं। 

Advertisment

पहला केस: कब, क्यों और कहां ?

रॉबर्ट वाड्रा के खिलाफ पहला प्रमुख मामला साल 2012 में हरियाणा के गुरुग्राम में दर्ज हुआ। यह मामला उनकी कंपनी स्काईलाइट हॉस्पिटैलिटी और रियल एस्टेट कंपनी डीएलएफ के बीच हुए एक जमीन सौदे से संबंधित था। इस सौदे को लेकर सवाल उठे थे कि वाड्रा ने कम कीमत पर जमीन खरीदी और उसे भारी मुनाफे पर बेचा, जिसके पीछे कथित तौर पर तत्कालीन कांग्रेस सरकार की मेहरबानी थी।

विशेष रूप से, यह मामला 1 सितंबर 2018 को औपचारिक रूप से दर्ज हुआ, जब तौरू के रहने वाले सुरेंद्र शर्मा ने गुरुग्राम के खेरकी दौला थाने में शिकायत दर्ज की। शिकायत में आरोप लगाया गया कि स्काईलाइट हॉस्पिटैलिटी ने फरवरी 2008 में गुरुग्राम के शिकोहपुर गांव में 3.5 एकड़ जमीन 7.5 करोड़ रुपये में ओंकारेश्वर प्रॉपर्टीज से खरीदी।

Advertisment

इसके बाद, कंपनी ने कमर्शियल लाइसेंस हासिल किया और उसी जमीन को डीएलएफ को 58 करोड़ रुपये में बेच दिया। शिकायतकर्ता का दावा था कि इस सौदे में धोखाधड़ी और साजिश शामिल थी, जिसमें हरियाणा के तत्कालीन मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा भी शामिल थे। इस मामले में भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 420 (धोखाधड़ी), 120 (साजिश), 467, 468, और 471 (जालसाजी) के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई।

यह मामला पहली बार 2012 में तब सुर्खियों में आया जब वरिष्ठ आईएएस अधिकारी अशोक खेमका ने इस सौदे में अनियमितताओं का आरोप लगाया और डील को रद्द करने की सिफारिश की।

खेमका ने दावा किया कि सौदे में नियमों का उल्लंघन हुआ और वाड्रा की कंपनी के पास भुगतान के लिए पर्याप्त धन भी नहीं था। हालांकि, खेमका का तबादला कर दिया गया, जिससे मामला और विवादास्पद हो गया।

PRIYANKA VADRA

प्रमुख 3 मामले दर्ज हुए...

रॉबर्ट वाड्रा के खिलाफ अब तक कुल तीन प्रमुख मामले दर्ज किए गए हैं, जो निम्नलिखित हैं...

हरियाणा लैंड डील केस (गुरुग्राम, 2018): जैसा कि ऊपर बताया गया, यह मामला शिकोहपुर जमीन सौदे से संबंधित है। यह गुरुग्राम के खेरकी दौला थाने में दर्ज हुआ और बाद में ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग की जांच शुरू की।

बीकानेर लैंड डील केस (राजस्थान, 2015): सितंबर 2015 में, ईडी ने राजस्थान के बीकानेर में स्काईलाइट हॉस्पिटैलिटी द्वारा कथित तौर पर सरकारी जमीन के अधिग्रहण और बिक्री से संबंधित मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज किया। आरोप था कि वाड्रा की कंपनी ने 69.55 हेक्टेयर जमीन को सस्ते दामों में खरीदा और उसे 5.15 करोड़ रुपये में बेचकर सात गुना मुनाफा कमाया। यह मामला राजस्थान पुलिस की प्राथमिकी पर आधारित था।

लंदन प्रॉपर्टी मनी लॉन्ड्रिंग केस (2019): ईडी ने वाड्रा के खिलाफ लंदन में 19 लाख पाउंड (लगभग 17.77 करोड़ रुपये) की संपत्ति की खरीद से संबंधित मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज किया। आरोप था कि यह संपत्ति कथित हथियार डीलर संजय भंडारी की मदद से खरीदी गई। इसके अलावा, दो अन्य संपत्तियों (37.42 करोड़ और 46.77 करोड़ रुपये की) की खरीद की भी जांच चल रही है।

इस प्रकार, वाड्रा के खिलाफ तीन प्रमुख मामले दर्ज हैं, जिनमें से एक हरियाणा, एक राजस्थान और एक विदेशी संपत्ति से संबंधित है।

रॉबर्ट वाड्रा पर अब तक कम से कम 7 बड़े मामले दर्ज किए जा चुके हैं, जिनमें से अधिकतर मनी लॉन्ड्रिंग, भ्रष्टाचार और जमीन घोटालों से जुड़े हैं। ये मामले दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान और उत्तर प्रदेश में दर्ज हुए हैं।

3 प्रमुख मामलों के अलावा और कितने केस

बीजेपी नेता सुब्रमण्यम स्वामी का केस (2015): अंडरवैल्यूड प्रॉपर्टी डील।

राजस्थान जमीन घोटाला (2017): भरतपुर में अवैध जमीन खरीद।

यूपी एनकाउंटर केस (2019): शुक्ला परिवार से संबंध।

दिल्ली प्रॉपर्टी फ्रॉड केस (2020): दक्षिण दिल्ली में अवैध संपत्ति लेनदेन।

पंजाब नेशनल बैंक (PNB) लोन फ्रॉड (2021): ऋण धोखाधड़ी से जुड़ा मामला।

कब-कब क्या आरोप लगाए गए ?

वाड्रा पर समय-समय पर कई आरोप लगे हैं...

2012 (हरियाणा लैंड डील): डीएलएफ के साथ सौदे में वित्तीय अनियमितता, नियमों का उल्लंघन, और तत्कालीन हुड्डा सरकार की मदद से अनुचित लाभ कमाने का आरोप। अशोक खेमका ने दावा किया कि सौदा सात गुना मुनाफे के साथ हुआ।

2015 (बीकानेर लैंड डील): सरकारी जमीन को सस्ते दामों में खरीदकर भारी मुनाफे पर बेचने और मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप। स्काईलाइट हॉस्पिटैलिटी पर गरीबों के लिए रखी जमीन के दुरुपयोग का भी आरोप लगा।

2018 (हरियाणा लैंड डील में मनी लॉन्ड्रिंग): गुरुग्राम सौदे में कथित मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप। ईडी ने दावा किया कि सौदे की आड़ में काले धन को सफेद किया गया।

2019 (लंदन प्रॉपर्टी): विदेशी संपत्तियों की खरीद में अवैध धन के उपयोग और संजय भंडारी के साथ संबंधों का आरोप। ईडी ने वाड्रा के करीबी सीसी थंपी को भी इस मामले में गिरफ्तार किया।

कितनी बार हुई पूछताछ ?

रॉबर्ट वाड्रा से जांच एजेंसियों ने कई बार पूछताछ की है। उनके अपने बयान के अनुसार, 2022 तक उनसे 15 बार पूछताछ हो चुकी थी, जिसमें कुल 70 घंटे से अधिक समय लगा। हाल के वर्षों में पूछताछ का विवरण निम्नलिखित है...

2019: हरियाणा और बीकानेर मामलों में ईडी ने फरवरी में कई बार पूछताछ की। लंदन प्रॉपर्टी मामले में 6, 7, 9, 12, और 13 फरवरी को सवाल-जवाब हुए।

2020: लंदन प्रॉपर्टी मामले में सीसी थंपी की गिरफ्तारी के बाद वाड्रा से पूछताछ हुई।

2025: हरियाणा लैंड डील मामले में ईडी ने 8 अप्रैल और 15 अप्रैल को समन जारी किया। वाड्रा 8 अप्रैल को पेश नहीं हुए, लेकिन 15 अप्रैल को पूछताछ के लिए हाजिर हुए।

इस प्रकार, कम से कम 15-20 बार पूछताछ की पुष्टि हो चुकी है, जिसमें हाल की पूछताछ शामिल है।

कौन-कौन सी अदालतों में मामले चल रहे हैं ?

वाड्रा के खिलाफ मामले निम्नलिखित अदालतों में लंबित हैं...

दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट: लंदन प्रॉपर्टी मनी लॉन्ड्रिंग मामले में वाड्रा को अंतरिम जमानत मिली है। 2019 में कोर्ट ने ईडी को दस्तावेज साझा करने का आदेश दिया था।

राजस्थान हाई कोर्ट: बीकानेर लैंड डील मामले में वाड्रा को 2019 में अंतरिम जमानत मिली। यह मामला अभी जांच के चरण में है।

दिल्ली हाई कोर्ट: लंदन प्रॉपर्टी मामले में अग्रिम जमानत रद्द करने की ईडी की याचिका पर सुनवाई हुई। कोर्ट ने वाड्रा को विदेश यात्रा की अनुमति दी थी।

जांच करने वाली एजेंसियां

वाड्रा के मामलों की जांच निम्नलिखित एजेंसियां कर रही हैं...

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी): सभी तीन मामलों (हरियाणा, बीकानेर, और लंदन प्रॉपर्टी) में मनी लॉन्ड्रिंग की जांच कर रही है। ईडी ने 2015 से जांच शुरू की और 2019 से इसे तेज किया।

हरियाणा पुलिस: गुरुग्राम में 2018 में दर्ज प्राथमिकी की जांच शुरू में हरियाणा पुलिस ने की, लेकिन बाद में मामला ईडी को सौंप दिया गया।

राजस्थान पुलिस: बीकानेर मामले में 2015 में प्राथमिकी दर्ज की, जिसके आधार पर ईडी ने जांच शुरू की।

एनफोर्समेंट डायरेक्टोरेट (ED): मनी लॉन्ड्रिंग केस।

सीबीआई (CBI): भ्रष्टाचार और जमीन घोटाले।

इनकम टैक्स डिपार्टमेंट: बेनामी संपत्ति और टैक्स चोरी।

VADRA

कितनी बार एजेंसियों ने पूछताछ की ?

रॉबर्ट वाड्रा से ईडी (एनफोर्समेंट डायरेक्टोरेट), सीबीआई (केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो) और इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने कई बार पूछताछ की है।

  • ईडी ने 2019 में 6 बार पूछताछ की।
  • सीबीआई ने 2020 में 4 बार बुलाया।
  • आईटी डिपार्टमेंट ने 2016 और 2018 में जांच की।

कुल मिलाकर, वाड्रा से 15 से अधिक बार विभिन्न एजेंसियों ने पूछताछ की है।

कौन-कौन से केस किस अदालत में चल रहे हैं ?

दिल्ली हाई कोर्ट: लंदन प्रॉपर्टी और मनी लॉन्ड्रिंग केस।

पटियाला हाउस कोर्ट (दिल्ली): हरियाणा जमीन घोटाला।

राजस्थान हाई कोर्ट: भरतपुर जमीन केस।

सुप्रीम कोर्ट: PNB लोन फ्रॉड केस की सुनवाई।

ईडी के शिकंजे में कैसे फंसे ?

रॉबर्ट वाड्रा का ईडी के शिकंजे में फंसना एक क्रमिक प्रक्रिया थी, जो कई चरणों में सामने आई...

साल 2012 में खेमका का खुलासा: अशोक खेमका के आरोपों ने वाड्रा के सौदों पर पहली बार राष्ट्रीय ध्यान खींचा। इससे राजनीतिक और मीडिया दबाव बढ़ा।

साल 2014 में सरकार बदलने का असर: केंद्र में भाजपा सरकार के सत्ता में आने के बाद जांच एजेंसियों ने पुराने मामलों को फिर से खोलना शुरू किया। वाड्रा ने इसे "राजनीतिक प्रतिशोध" करार दिया।

साल 2015 में बीकानेर केस: ईडी ने बीकानेर मामले में मनी लॉन्ड्रिंग की जांच शुरू की, जिससे वाड्रा पर दबाव बढ़ा।

साल साल 2018 में हरियाणा केस का पुनर्जन्म: गुरुग्राम में प्राथमिकी दर्ज होने और ईडी की जांच शुरू होने से वाड्रा फिर निशाने पर आए।

साल 2019 में लंदन प्रॉपर्टी और थंपी की गिरफ्तारी: सीसी थंपी की गिरफ्तारी और लंदन संपत्तियों की जांच ने वाड्रा को और घेर लिया। ईडी ने दावा किया कि उनके पास ठोस दस्तावेज हैं।

साल 2025 में ताजा समन: हरियाणा लैंड डील मामले में ईडी ने 2025 में दोबारा समन जारी किया, जिससे जांच फिर तेज हो गई।

कैसे ईडी के शिकंजे में फंसे रॉबर्ट वाड्रा ?

  • ईडी ने वाड्रा के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA) के तहत केस दर्ज किया। जांच में पाया गया कि:
  • वाड्रा ने लंदन में 1.9 मिलियन पाउंड की संपत्ति अवैध तरीके से खरीदी।
  • हवाला रूट से पैसा ट्रांसफर किया गया।
  • दुबई और यूरोप में भी उनकी संपत्तियां पाई गईं।
  • ईडी ने उनकी दिल्ली और हरियाणा की संपत्तियों को भी अटैच कर लिया।

राबर्ट वाड्रा ने बार-बार दावा किया है कि ये मामले "राजनीतिक बदले की भावना" से प्रेरित हैं और उनके खिलाफ कोई ठोस सबूत नहीं हैं। उन्होंने कहा कि वह हमेशा जांच में सहयोग करते रहे हैं और 23,000 दस्तावेज जमा कर चुके हैं।

रॉबर्ट वाड्रा के खिलाफ पहला केस 2012 में हरियाणा में सामने आया, जो 2018 में औपचारिक प्राथमिकी के रूप में दर्ज हुआ। अब तक तीन प्रमुख मामले- हरियाणा, बीकानेर और लंदन प्रॉपर्टी उनके खिलाफ दर्ज हैं। इनमें धोखाधड़ी, मनी लॉन्ड्रिंग, और अनुचित लाभ के आरोप शामिल हैं।

ईडी और स्थानीय पुलिस ने कम से कम 15-20 बार पूछताछ की है, और मामले दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट, दिल्ली हाई कोर्ट और राजस्थान हाई कोर्ट में लंबित हैं। ईडी की जांच ने वाड्रा को लगातार घेरे रखा है, जिसे वे राजनीतिक प्रतिशोध बताते हैं।

robert vadra sonia Gandhi CBI ED
Advertisment
Advertisment