नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क । सुप्रीम कोर्ट ने इस्लामिक स्टेट ऑफ इराक एंड सीरिया (ISIS) से संबंध रखने के आरोपी अम्मार रहमान की जमानत रद्द करने से इनकार कर दिया है। न्यायमूर्ति सूर्यकांत की अध्यक्षता वाली पीठ ने पाया कि रहमान के मोबाइल फोन में मिले सबूत उसे आईएसआईएस का सदस्य साबित करने के लिए पर्याप्त नहीं थे और उसके खिलाफ अन्य सबूत उसे दोषी ठहराने के लिए पर्याप्त नहीं थे।
हालांकि, न्यायालय ने निर्देश दिया कि मुकदमा लंबित रहने तक रहमान को न्यायालय की पूर्व अनुमति के बिना विदेश जाने की अनुमति नहीं दी जाएगी। कथित तौर पर हिंसक जिहादी विचारधारा फैलाने, कट्टरपंथी बनाने और कमजोर मुस्लिम युवाओं की भर्ती करने के लिए सुरक्षित सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर कई आईएसआईएस प्रचार चैनल संचालित कर रहा था।
जिहादी विचारधारा फैलाने का आरोप
आरोपी अम्मार रहमान कथित तौर पर हिंसक जिहादी विचारधारा फैलाने, कट्टरपंथी बनाने और कमजोर मुस्लिम युवाओं की भर्ती करने के लिए सुरक्षित सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर कई आईएसआईएस प्रचार चैनल संचालित कर रहा था। आरोपों के अनुसार, उसने और उसके साथियों ने आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए जम्मू-कश्मीर और आईएसआईएस-नियंत्रित क्षेत्रों में जाने की योजना बनाई थी।
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