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एक लड़की का हौसला देखकर हैरत में पड़ गए जज, झट से मान ली उसकी बात

जज ने कहा कि वो लड़की को हौसले को देखकर हतप्रभ हैं। वो उस शख्स के साथ शादी करने जा रही है जिसे ताउम्र जेल में ही रहना है। उसका हौसला वाकई हैरत में डालने वाला है। वो लड़की के जज्बे को सैल्यूट करते हैं।

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Shailendra Gautam
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कोर्ट की डीएम को चेतावनी Photograph: (YBN)

नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्कः एक सुबह केरल हाईकोर्ट के जज जब अपनी कोर्ट में बैठे तो उनकी निगाह एक दरख्वास्त पर गई। उसे पढ़ने के बाद कुछ देर तक उन्होंने मंथन किया और फिर उस लड़की को बुलाने के लिए कहा जिसने रिट दायर की थी। जज ने उससे कुछ सवाल पूछे। जवाब सुनकर वो हैरत में थे। लेकिन उन्होंने उस लड़की की सारी बात मान ली। उसने रिट में अदालत से जो रियायत देने की मांग की थी उसे जज ने एक झटके में पूरा मान लिया। 

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उम्रकैद की सजा पाए कैदी से शादी करना चाहती है लड़की

दरअसल, ये मामला उम्र कैद के एक कैदी से जुड़ा है। इस युवक को हत्या के एक मामले में दोषी मानकर उम्र कैद की सजा दी गई थी। फिलहाल वो जेल में बंद है। कुछ दिनों पहले उसने जेल अथारिटीजको एक दरख्वास्त देकर अपील की थी कि वो उसे कुछ दिनों की पैरोल पर रिहा करें जिससे वो अपनी शादी कर सके। जेल प्रशासन ने उसकी अपील को सिरे से खारिज कर दिया। उनका कहना था कि उम्र कैद के कैदी को इस तरह की रियायत नहीं दी जा सकती। 

दोषी की मां ने हाईकोर्ट से मांगी थी पैरोल

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उसके बाद दोषी की मां ने एक रिट निचली अदालत में इस मांग को लेकर दायर की। लोअर कोर्ट ने उनकी याचिका खारिज कर दी। फिर महिला हाईकोर्ट पहुंची। हाईकोर्ट के जस्टिस पीवी कुन्हीकृष्णन ने याचिका पर गौर करने के बाद उस लड़की को बुलाया जो सजायाफ्ता मुजरिम से शादी करने की ख्वाहिश मंद थी। जज ने उसकी बात सुनकर कोर्ट में एक कविता पढ़ी "प्यार किसी भी बाधा को नहीं मानता। यह बाधाओं को लांघता है, बाड़ों को लांघता है, दीवारों को भेदकर आशा से भरी अपनी मंजिल तक पहुंचता है।" जज ने कहा कि वो लड़की को हौसले को देखकर हतप्रभ हैं। वो उस शख्स के साथ शादी करने जा रही है जिसे ताउम्र जेल में ही रहना है। उसका हौसला वाकई हैरत में डालने वाला है। वो लड़की के जज्बे को सैल्यूट करते हैं।

आर्टिकल 226 के जरिये जज ने पूरी की लड़की की ख्वाहिश

स्थिति की भावनात्मक गहराई को ध्यान में रखते हुए जस्टिस ने संविधान के अनुच्छेद 226 के तहत अपने असाधारण अधिकार क्षेत्र का प्रयोग करते हुए दोषी को पैरोल देने का निर्णय लिया। कोर्ट ने कहा कि मेरा विचार है कि दोषी को 15 दिनों की पैरोल दी जा सकती है। उस लड़की को खुश रहने दें। अदालत लड़की को भविष्य की शुभकामना देती है। दोषी की मां ने अदालत को बताया था कि 13 जुलाई को वो दोनों की शादी कराना चाहती हैं। ये शादी काफी पहले तय हो गई थी। लेकिन युवक के जेल जाने की वजह से इसमें अड़चन आ गई। 

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Kerala court, life convict, Justice PV Kunhikrishnan, parole for marriage

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