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नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क ।भारतीय नारियों ने एक ऐसा व्रत लिया था जिसको जानकर हैरान और परेशान तो होंगे ही साथ ही ऐसी नारियों को सैल्यूट करने का मन भी करेगा। उनके अदम्य साहस और हिम्मत की सराहना भी करेंगे।
हम जिन नारियों की बात करने जा रहे हैं उन्होंने एक ऐसा संकल्प लिया था जो शायद भारत के इतिहास में अकेला है। ऐसा प्रण आपने शायद इतिहास के झरोखों में शायद ही कहीं सुना या पढ़ा हो। तो आइए जानते हैं कि वो कौन नारियां हैं, कहां की रहने वाली हैं और उन्होंने ऐसा कौन व्रत लेकर दुनिया को चौंका दिया।
जैसा कि पूरा देश जानता है 22 अप्रैल 2025 का वो दिन, जिस दिन पाकिस्तानी आतंकवादियों ने कश्मीर के पहलगाम में अचानक हमला करके 26 निर्दोष भारतीयों की हत्या महज इसलिए कर दी क्योंकि वो हिंदू थे। इस जघन्य हत्याकांड ने पूरी दुनिया को हिलाकर रख दिया। इस हमले के बाद पूरा देश खून की आंसू रोया।
जी हां! ठीक उसी पल बिहार के हाजीपुर जिले की नारियों ने जब यह सुना कि सुहागन महिलाओं के सामने उनके पतियों की निर्मम हत्या यह पूछकर की गई कि वे हिंदू हैं। महिलाओं की मांग का सिंदूर उनके सामने उजाड़ दिया और बेबस नारियां अपने पतियों को तड़फ तड़फ कर मरता हुआ देखकर बेसुध हो गईं और कुछ की हालत तो कही नहीं जा सकती।
महिलाओं ने की थी यह प्रतिज्ञा
ऐसे वीभत्स हिंदू नरसंहार को देखने के बाद हाजीपुर की नारियों ने एक बड़ा संकल्प और व्रत लेते हुए प्रण लिया कि जब भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भारतीय सेना उन आतंकियों के आकाओं के ठिकानों को नेस्तनाबूत कर उन्हें जहन्नुम नहीं भेज देती जिन्होंने भारतीय महिलाओं का सुहाग छीना है तब तक वे अपनी मांग नहीं भरेंगी यानि सिंदूर नहीं लगाएंगी।
हाजीपुर महिलाओं को थोड़ी हिम्मत तब मिली जब बिहार की एक जनसभा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यहा कहा था कि आतंकियों को उनके किए की ऐसी सजा मिलेगी कि उनकी पुस्तें याद रखेंगी। कहा जा रहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बिहार की नारियों के प्रण का पता चला तो वे हैरान रह गए थे। शायद यह भी एक वजह हो सकती है कि पीएम मोदी ने सेना द्वारा चलाए गए इस ऑपरेशन का नाम ऑपरेशन सिंदूर रखा।
पूरा हुआ संकल्प
और फिर जब हाजीपुर की नारियों को 7 मई को अल सुबह यह खबर मिली कि पीएम मोदी और भारतीय आर्मी ने पाकिस्तानी आतंकवादियों के ठिकानों को नेस्तनाबूत तो किया ही साथ ही आतंक के आकाओं के परिवार भी इस हमले में जहन्नुम भेजे गए हैं तो उनके खुशी का ठिकाना नहीं रहा। हाजीपुर की नारियां खुशी से झूम उठीं और वे सभी गांधी आश्रम में एकजुट होकर साथ में श्रृंगार कर एक दूसरे को सिंदूर लगाकर अपनी प्रतिज्ञा पूरी की। और नारियों ने सिंदूर पर्व के रूप में मनाया। साथ ही सभी ने पीएम मोदी और इंडियन आर्मी को धन्यवाद किया।
ऐसे जताया आभार
डॉक्टर अर्चना ने कहा, "हमारे 26 लोगों की हत्या का बदला लेने के लिए भारतीय सेना ने 90 से अधिक आतंकियों को ढेर कर दिया। यह हमारे लिए गर्व का क्षण है। हम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और हमारी वीर सेना के आभारी हैं।"
मीरा नामक एक महिला ने बताया, "जिस दिन हमारी बहनों का सिंदूर छीना गया, उसी दिन हमने प्रण लिया था कि जब तक बदला नहीं लेंगे, तब तक सिंदूर नहीं लगाएंगे। आज हमारा संकल्प पूरा हुआ है और यह हमारे लिए खुशी का दिन है।"
इस तरह, हाजीपुर की महिलाओं ने अपनी भावनाओं को व्यक्त करते हुए देशभक्ति और साहस का अनूठा उदाहरण पेश किया। उनका यह कदम न केवल सामाजिक एकता को दर्शाता है बल्कि यह भी साबित करता है कि भारतीय महिलाएं देश की सुरक्षा और सम्मान के लिए किसी भी सीमा तक जाने को तैयार हैं।
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