Advertisment

भारत-पाकिस्तान की सरहदों पर कैसे हैं हालात, देखें पूरी रिपोर्ट

जम्मू कश्मीर, पंजाब और राजस्थान सीमा पर बंदूकें शांत रहीं। भारत और पाकिस्तान के बीच सीमा पर तनाव कम होने से जीवन धीरे-धीरे सामान्य हो रहा है, लेकिन यह शांति स्थायी होगी या नहीं, यह अभी भी अनिश्चित है।

author-image
Ajit Kumar Pandey
SARHADON PAR KAISE HAIN HALAAT
Listen to this article
0.75x 1x 1.5x
00:00 / 00:00

नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क । जम्मू कश्मीर, पंजाब और राजस्थान सीमा पर बंदूकें शांत रहीं। और सुबह यानि 13 अप्रैल मंगलवार वार से लोग बाहर निकल रहे हैं। जिंदगी वापस पटरी पर आते दिखाई दे रही है। बाजारों और गलियों में चहलकदमियां हलचल करने लगीं हैं। लोगों के चेहरों पर हल्के तनाव के साथ मुस्कुराहट आने लगीं। खेतों की ओर पालतू और दुधारू पशुओं का झुंड दिखाई देने लगा है। अब स्थितियां सामान्य होने का संकेत दे रही हैं।

Advertisment

लेकिन, फिर वही सवाल रह रहकर मन में कौंध रहा है कि कब तक! क्योंकि पाकिस्तान पर इतनी आसानी से भरोसा करने का मतलब आंख में पट्टी बांधकर कुएं में छलांग लगाना है। इस बात का इतिहास गवाह है कि पाकिस्तान हमेशा पीठ में ही छुरा घोंपता है। 

बस और बस! विश्वास की एक उम्मीद दिखाई दे रही है। कल इंडियन आर्मी ने अपनी एक प्रेस कांफ्रेंस में जो कहा कि ...भय बिनु होई न प्रीति। इसके कई मायने हैं। भारत के ताकत का अब असली अंदाजा शायद पाकिस्तान को रोके। आतंकियों पर हुए मिट्टी मिलाने वाली कार्रवाई भी शायद उसे याद रहे। 

दरअसल, भारत और पाकिस्तान के बीच तनावपूर्ण रिश्तों का इतिहास रहा है, विशेष रूप से जम्मू-कश्मीर और पंजाब की सीमाओं पर। लेकिन हाल के वर्षों में, दोनों देशों ने अपनी सीमाओं पर शांति बनाए रखने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। फरवरी 2021 में, दोनों देशों के सैन्य अधिकारियों ने नियंत्रण रेखा (LOC) और अन्य सीमाओं पर युद्धविराम समझौते को फिर से लागू करने की घोषणा की थी।

Advertisment

यह समझौता दोनों देशों के बीच तनाव को कम करने और सीमावर्ती क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के लिए राहत प्रदान करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम था। लेकिन सवाल यह है कि क्या यह शांति स्थायी होगी, या यह केवल एक अस्थायी ठहराव है?

युद्धविराम समझौते का प्रभाव

Advertisment

2021 के युद्धविराम समझौते के बाद, जम्मू-कश्मीर और पंजाब की सीमाओं पर गोलीबारी की घटनाओं में उल्लेखनीय कमी आई है। पहले, नियंत्रण रेखा पर अक्सर होने वाली गोलीबारी और सीमा पार से घुसपैठ की घटनाएं दोनों देशों के सैनिकों और स्थानीय लोगों के लिए खतरा बनी रहती थीं। लेकिन अब, सीमावर्ती गांवों में रहने वाले लोग राहत की सांस ले रहे हैं। जम्मू-कश्मीर के उरी, पुंछ, और राजौरी जैसे क्षेत्रों में, जहां पहले लोग गोलीबारी के डर से अपने घरों में कैद रहते थे, अब सामान्य जीवन धीरे-धीरे पटरी पर लौट रहा है।

पंजाब में भी, अंतरराष्ट्रीय सीमा पर स्थिति पहले की तुलना में काफी शांत है। स्थानीय किसानों को अब अपनी जमीन पर खेती करने में कम डर लगता है, और सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) ने भी सीमा पर शांति बनाए रखने के लिए कई कदम उठाए हैं। इसके अलावा, दोनों देशों के बीच सैन्य स्तर पर संवाद भी बढ़ा है, जिससे छोटी-मोटी घटनाओं को बढ़ने से रोका जा रहा है।

Advertisment

शांति की चुनौतियां

हालांकि, यह शांति बिना चुनौतियों के नहीं है। दोनों देशों के बीच विश्वास की कमी अभी भी एक बड़ा मुद्दा है। भारत और पाकिस्तान के बीच कई मुद्दों, जैसे कश्मीर, आतंकवाद, और सीमा पर घुसपैठ, पर मतभेद बरकरार हैं। कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि यह युद्धविराम केवल एक अस्थायी उपाय हो सकता है, क्योंकि दोनों देशों के बीच गहरे राजनीतिक और कूटनीतिक मुद्दे अभी भी अनसुलझे हैं।

पाकिस्तान की ओर से समय-समय पर होने वाली घुसपैठ की कोशिशें और भारत की सख्त जवाबी कार्रवाई भी इस शांति को खतरे में डाल सकती हैं। इसके अलावा, दोनों देशों की आंतरिक राजनीति भी इस समझौते पर असर डालती है। भारत में, जहां राष्ट्रीय सुरक्षा एक बड़ा मुद्दा है, वहीं पाकिस्तान में आर्थिक और राजनीतिक अस्थिरता इस शांति को प्रभावित कर सकती है।

स्थानीय लोगों की उम्मीदें

सीमावर्ती क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के लिए यह शांति किसी वरदान से कम नहीं है। जम्मू-कश्मीर के एक स्थानीय निवासी, मोहम्मद यूसुफ, ने बताया, "पहले हम रात को सो नहीं पाते थे, क्योंकि गोलीबारी की आवाजें आती थीं। अब बच्चे स्कूल जा रहे हैं, और हम खेतों में काम कर पा रहे हैं।" पंजाब के तरनतारन जिले के एक किसान, गुरप्रीत सिंह, ने भी कहा कि अब उन्हें अपनी फसलों की चिंता कम है, क्योंकि सीमा पर स्थिति स्थिर है।

भविष्य की संभावनाएं

क्या यह शांति दोनों देशों के बीच बड़े कूटनीतिक समझौतों की ओर ले जाएगी? विशेषज्ञों का मानना है कि इसके लिए दोनों देशों को आपसी विश्वास बढ़ाने और संवाद को और मजबूत करने की जरूरत है। कारगिल युद्ध और 2008 के मुंबई हमलों जैसे इतिहास को देखते हुए, यह आसान नहीं होगा। लेकिन अगर दोनों देश छोटे-छोटे कदमों के साथ आगे बढ़ें, जैसे कि व्यापार, सांस्कृतिक आदान-प्रदान, और लोगों के बीच संपर्क बढ़ाएं, तो शायद यह शांति लंबे समय तक कायम रह सकती है।

भारत और पाकिस्तान के बीच सीमा पर शांति न केवल दोनों देशों के लिए, बल्कि पूरे दक्षिण एशिया के लिए एक सकारात्मक संकेत है। लेकिन इस शांति को बनाए रखने के लिए दोनों देशों को मिलकर काम करना होगा। सीमावर्ती क्षेत्रों में रहने वाले लाखों लोग इस शांति के स्थायी होने की उम्मीद कर रहे हैं। क्या यह शांति एक नई शुरुआत की ओर ले जाएगी, या यह केवल एक अस्थायी ठहराव है? यह समय और दोनों देशों की नीतियों पर निर्भर करेगा।

india pakistan | breaking news india pakistan | Current Affairs India Pakistan | India Pakistan border | India Pakistan border news | india pakistan ceasefire | india pakistan ceasefire agreement | india pakistan ceasefire news | india pakistan ceasefire talks | India Pakistan conflict | India Pakistan Latest News | india pakistan latest tension | India Pakistan News |

India Pakistan News india pakistan latest tension India Pakistan Latest News India Pakistan conflict india pakistan ceasefire talks india pakistan ceasefire news india pakistan ceasefire agreement india pakistan ceasefire India Pakistan border news India Pakistan border Current Affairs India Pakistan breaking news india pakistan india pakistan
Advertisment
Advertisment