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"भारत vs चीन: आतंकवाद पर कैसे काबू पाता है चीन? ये हैं 5 बड़े कारण"

चीन में आतंकी घटनाएं कम होने के पीछे कई कारण हैं, जिनमें सरकार की सख्त नीतियां, सुरक्षा व्यवस्था और जनसंख्या नियंत्रण जैसे उपाय शामिल हैं। आइए, इन कारणों को विस्तार से समझते हैं...

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Ajit Kumar Pandey
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नई दिल्ली, वाईबीएन नेटवर्क । जम्मू कश्मीर के पहलगाम में हाल ही में हुए आतंकी हमले ने एक बार फिर देश में सुरक्षा को लेकर चिंताएं बढ़ा दी हैं। जम्मू-कश्मीर के इस पर्यटन स्थल पर हुए इस हमले में कई लोगों के घायल होने की खबर है। यह घटना एक बार फिर यह सवाल खड़ा करती है कि भारत जैसे देशों में आतंकवाद का खतरा क्यों बना रहता है, जबकि चीन जैसे पड़ोसी देश में ऐसी घटनाएं न के बराबर होती हैं।

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चीन में आतंकवाद क्यों नहीं है?

चीन में आतंकी घटनाएं कम होने के पीछे कई कारण हैं, जिनमें सरकार की सख्त नीतियां, सुरक्षा व्यवस्था और जनसंख्या नियंत्रण जैसे उपाय शामिल हैं। आइए, इन कारणों को विस्तार से समझते हैं...

1. सरकार की सख्त नीतियां

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चीन की सरकार आंतरिक सुरक्षा को लेकर बेहद सख्त है। देश में किसी भी प्रकार के विरोध या आतंकी गतिविधियों को बर्दाश्त नहीं किया जाता। चीनी कम्युनिस्ट पार्टी (CCP) का नियंत्रण इतना मजबूत है कि कोई भी समूह सरकार के खिलाफ हिंसक कार्रवाई नहीं कर पाता। अगर कोई व्यक्ति या संगठन सरकार के विरुद्ध गतिविधियों में शामिल पाया जाता है, तो उसे कड़ी सजा दी जाती है।

2. निगरानी तंत्र का मजबूत होना

चीन में सरकार ने दुनिया के सबसे बड़े सर्विलांस सिस्टम को विकसित किया है। यहां लाखों CCTV कैमरे, फेशियल रिकग्निशन टेक्नोलॉजी और सोशल क्रेडिट सिस्टम के जरिए हर नागरिक पर नजर रखी जाती है। अगर कोई व्यक्ति संदिग्ध गतिविधियों में शामिल होता है, तो उसे तुरंत पहचान लिया जाता है। इस कारण आतंकी संगठनों के लिए चीन में सक्रिय हो पाना मुश्किल है।

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3. धार्मिक और जातीय नियंत्रण

चीन में विभिन्न धर्मों और जातीय समूहों पर सख्त नियंत्रण रखा जाता है। उइगर मुस्लिम समुदाय के खिलाफ चीन की नीतियां अक्सर विवादित रही हैं, लेकिन सरकार ने किसी भी प्रकार के धार्मिक उग्रवाद को दबाने के लिए कड़े कदम उठाए हैं। झिंजियांग जैसे क्षेत्रों में सुरक्षा बलों की भारी तैनाती के कारण आतंकी घटनाएं रोकी गई हैं।

4. इंटरनेट और मीडिया पर सेंसरशिप

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चीन में इंटरनेट और मीडिया पर सख्त नियंत्रण है। सरकार द्वारा सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स, समाचार वेबसाइट्स और अन्य संचार माध्यमों पर निगरानी रखी जाती है। किसी भी प्रकार की आतंकवादी विचारधारा को फैलने से रोका जाता है। इससे आतंकी समूहों के लिए प्रचार करना या नए सदस्य भर्ती करना मुश्किल हो जाता है।

5. आर्थिक स्थिरता और विकास

चीन ने पिछले कुछ दशकों में तेजी से आर्थिक विकास किया है। गरीबी कम होने और रोजगार के अवसर बढ़ने से लोगों में असन्तोष कम हुआ है। आर्थिक सुधारों के कारण युवाओं को बेहतर भविष्य के अवसर मिले हैं, जिससे वे आतंकी गतिविधियों की ओर नहीं जाते।

भारत और चीन में अंतर

भारत एक लोकतांत्रिक देश है, जहां नागरिकों को अभिव्यक्ति और धर्म की स्वतंत्रता है। यहां सरकार की नीतियां चीन की तरह सख्त नहीं हैं, जिसके कारण आतंकी संगठनों को फलने-फूलने का मौका मिलता है। हालांकि, भारत की सुरक्षा एजेंसियां लगातार आतंकवाद के खिलाफ कड़ी कार्रवाई कर रही हैं, लेकिन खुले समाज में इसे पूरी तरह रोक पाना चुनौतीपूर्ण है।

चीन में आतंकवाद की कमी के पीछे सरकार की सख्त नीतियां, मजबूत निगरानी तंत्र और आर्थिक स्थिरता जैसे कारण हैं। वहीं, भारत जैसे लोकतांत्रिक देश में नागरिक अधिकारों की सुरक्षा और खुले समाज के कारण आतंकी घटनाएं होती रहती हैं। हालांकि, भारत सरकार भी सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करने के लिए निरंतर प्रयास कर रही है।

इस खबर को पढ़ने के बाद आपको क्या लगता है? क्या भारत को चीन जैसी सख्त नीतियां अपनानी चाहिए या लोकतंत्र और सुरक्षा के बीच संतुलन बनाए रखना चाहिए? अपने विचार कमेंट में जरूर साझा करें।  India | china | terrorist | Pahalgam terrorist attack 2025 |

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