नई दिल्ली, वाईबीएन नेटवर्क । अभी अलीगढ़ में सास और दामाद में प्यार की कहानी समाने आई थी अब उत्तर प्रदेश के बस्ती जिले में एक ऐसी प्रेम कहानी सामने आई है, जिसने न केवल स्थानीय लोगों को हैरान किया, बल्कि सोशल मीडिया पर भी तहलका मचा दिया।
यह कहानी है एक सास और उसके होने वाले दामाद की, जिनके बीच प्यार की ऐसी चिंगारी जली कि दोनों ने समाज की परवाह किए बिना एक-दूसरे का साथ चुन लिया। यह घटना उस समय की है, जब बस्ती के एक छोटे से गांव में एक युवती की शादी की तैयारियां जोरों पर थीं। लेकिन शादी से ठीक पहले जो हुआ, उसने पूरे गांव को हिलाकर रख दिया।
कहानी की शुरुआत: एक स्मार्टफोन और लंबी बातें
कहानी की शुरुआत होती है एक स्मार्टफोन से, जो होने वाले दामाद, राहुल (बदला हुआ नाम), ने अपनी सास, माया (बदला हुआ नाम), को तोहफे में दिया था। माया, जो 38 साल की थीं, ने इस स्मार्टफोन के जरिए राहुल से बातचीत शुरू की। दोनों की बातें पहले सामान्य थीं, लेकिन धीरे-धीरे ये बातचीत घंटों तक चलने लगी। बताया जाता है कि दोनों दिन में 15-20 घंटे फोन पर एक-दूसरे से जुड़े रहते थे।
इस दौरान माया ने राहुल के साथ अपने मन की कई बातें साझा कीं, जिसमें उनके पति के साथ उनकी नाखुशी भी शामिल थी। राहुल, जो 28 साल का था, ने भी माया के प्रति अपनी भावनाएं व्यक्त कीं। दोनों के बीच यह रिश्ता इतना गहरा हो गया कि उन्होंने एक-दूसरे के बिना जीने की कल्पना तक छोड़ दी।
शादी से पहले का तूफान: भागने का फैसला
जैसे-जैसे बेटी की शादी की तारीख नजदीक आ रही थी, माया और राहुल ने एक साहसिक और समाज के लिए चौंकाने वाला फैसला लिया। उन्होंने तय किया कि वे एक साथ भाग जाएंगे। शादी से ठीक दो दिन पहले, माया अपने घर से कुछ गहने और नकदी लेकर निकल गईं। राहुल भी उनके साथ था। दोनों ने बस्ती छोड़कर उत्तराखंड की ओर रुख किया।
इस घटना ने पूरे गांव में हड़कंप मचा दिया। माया के पति, रामेश्वर (बदला हुआ नाम), को जब इस बात का पता चला, तो वे सदमे में आ गए। उन्होंने तुरंत पुलिस में शिकायत दर्ज की और राहुल को फोन कर पूछताछ की। राहुल ने पहले तो बात टालने की कोशिश की, लेकिन बाद में उसने साफ कह दिया, “अब माया मेरे साथ है, आप उन्हें भूल जाएं।”
पुलिस की तलाश और सोशल मीडिया का तमाशा
पुलिस ने इस मामले को गंभीरता से लिया और दोनों की तलाश शुरू की। सर्विलांस की मदद से पता चला कि माया और राहुल उत्तराखंड में हैं। पुलिस ने उनकी लोकेशन ट्रेस की और यह भी जानकारी मिली कि दोनों बस के जरिए बस्ती से उत्तराखंड पहुंचे थे।
इस बीच, सोशल मीडिया पर इस कहानी ने आग पकड़ ली। लोग तरह-तरह की बातें करने लगे। कोई इसे प्यार की मिसाल बता रहा था, तो कोई इसे सामाजिक मूल्यों का अपमान। माया के पति रामेश्वर ने मीडिया से बातचीत में कहा, “मैंने उसे 20 साल तक सब कुछ दिया, लेकिन उसने मेरे और परिवार की इज्जत को मिट्टी में मिला दिया।”
वापसी और गांव वालों का गुस्सा
लगभग 10 दिन बाद, माया और राहुल वापस बस्ती लौट आए। लेकिन उनकी वापसी का स्वागत गुस्से और तानों से हुआ। गांव वालों ने दोनों को गांव में घुसने से मना कर दिया। राहुल के पिता ने भी उसे घर में जगह देने से इनकार कर दिया।
माया के भाई ने कहा, “वह अब हमारी बहन नहीं रही।” दोनों को पुलिस थाने ले जाया गया, जहां माया ने अपने पति पर मारपीट और उपेक्षा का आरोप लगाया। उसने कहा, “मैं राहुल के साथ ही खुश हूं। वह मुझे समझता है।” पुलिस ने दोनों की काउंसलिंग की, लेकिन माया अपने फैसले पर अड़ी रहीं।
सामाजिक और नैतिक सवाल
इस घटना ने कई सवाल खड़े किए। क्या प्यार की कोई उम्र या सीमा होती है? क्या सामाजिक बंधन इतने कमजोर हो गए हैं कि लोग अपनी भावनाओं के आगे सब कुछ भूल जाते हैं? माया और राहुल की कहानी ने समाज में एक नई बहस छेड़ दी है। कुछ लोग इसे व्यक्तिगत आजादी का मामला मानते हैं, तो कुछ इसे परिवार और संस्कृति पर धब्बा।
बस्ती की यह सास-दामाद की प्रेम कहानी न केवल एक अनोखा किस्सा है, बल्कि यह समाज के बदलते स्वरूप को भी दर्शाती है। जहां एक ओर लोग अपनी भावनाओं को खुलकर जीना चाहते हैं, वहीं दूसरी ओर सामाजिक नियम और परंपराएं उन्हें रोकती हैं। माया और राहुल का भविष्य क्या होगा, यह तो वक्त ही बताएगा, लेकिन उनकी कहानी लंबे समय तक लोगों के जेहन में रहेगी। Aligarh love story | aligarh | Crime |