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मायावती ने क्यों दी विपक्ष को कड़ी नसीहत ? BSP सुप्रीमो के बयान से आया सियासी भूचाल

बहुजन समाज पार्टी की प्रमुख मायावती ने पहलगाम आतंकी हमले पर सपा और कांग्रेस की बयानबाजी को गैर-जिम्मेदाराना बताया। जानें बसपा सुप्रीमो ने ऐसा और क्या बोल दिया जिससे सियासी तूफान खड़ा हो गया? पढ़ें पूरी स्टोरी...

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Ajit Kumar Pandey
MAYAWATI, BSP NEWS
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लखनऊ, वाईबीएन नेटवर्क । बहुजन समाज पार्टी (BSP) की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले को लेकर समाजवादी पार्टी (SP) और कांग्रेस पर तीखा हमला बोला है।

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उन्होंने इन दलों की बयानबाजी और पोस्टरबाजी को गैर-जिम्मेदाराना करार देते हुए कहा कि ऐसी हरकतें जनता में भ्रम पैदा कर रही हैं और आतंकवाद के खिलाफ एकजुटता को कमजोर कर रही हैं। मायावती ने सभी राजनीतिक दलों से अपील की कि वे इस संवेदनशील मुद्दे पर संयम बरतें और केंद्र सरकार का साथ दें।

पहलगाम हमले की स्टोरी

22 अप्रैल 2025 को पहलगाम के बैसरण मीडो में हुए आतंकी हमले में 26 लोग मारे गए थे, जिनमें ज्यादातर पर्यटक थे। इस हमले को लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े द रेसिस्टेंस फ्रंट (TRF) ने अंजाम दिया था। हमले के बाद से भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ गया है। भारत ने इस हमले के लिए पाकिस्तान को जिम्मेदार ठहराया है, जबकि पाकिस्तान ने इन आरोपों से इनकार किया है। इस घटना के बाद देशभर में गुस्सा और आक्रोश देखने को मिला, और कई शहरों में विरोध प्रदर्शन हुए।

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बसपा सुप्रीमो मायावती का बड़ा बयान

मायावती ने लखनऊ में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, "पहलगाम में हुआ आतंकी हमला निंदनीय है। इस दुखद घड़ी में सभी दलों को एकजुट होकर आतंकवाद के खिलाफ लड़ना चाहिए, न कि बयानबाजी और पोस्टरबाजी करके जनता में भ्रम फैलाना चाहिए।" उन्होंने सपा और कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि इन दलों के कुछ नेता अपनी राजनीतिक रोटियां सेंकने के लिए संवेदनशील मुद्दों का गलत इस्तेमाल कर रहे हैं।

मायावती ने खासतौर पर लखनऊ में सपा कार्यालय के बाहर लगाए गए पोस्टरों का जिक्र किया, जिनमें केंद्र सरकार पर हमले के लिए अप्रत्यक्ष रूप से जिम्मेदार ठहराने की कोशिश की गई थी। उन्होंने कहा, "ऐसे समय में जब देश को एकजुटता की जरूरत है, कुछ दल अपनी सियasi स्वार्थ के लिए गलत बयान दे रहे हैं। यह न केवल गैर-जिम्मेदाराना है, बल्कि देश के हितों के खिलाफ भी है।"

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सपा और कांग्रेस पर लगाए गंभीर आरोप

मायावती ने कांग्रेस नेता विजय वडेट्टीवार के उस बयान की भी आलोचना की, जिसमें उन्होंने पहलगाम हमले में आतंकियों द्वारा धार्मिक पहचान पूछे जाने की खबरों को खारिज किया था। मायावती ने कहा, "ऐसे बयान पीड़ित परिवारों के जख्मों पर नमक छिड़कने जैसे हैं।" उन्होंने सपा नेता पूजा शुक्ला के पोस्टर अभियान की भी निंदा की, जिसमें शहीद परिवारों के लिए मुआवजे और नौकरी की मांग की गई थी। मायावती ने इसे "सस्ती लोकप्रियता" हासिल करने की कोशिश बताया।

मायावती ने किया केंद्र सरकार का समर्थन

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मायावती ने केंद्र सरकार के रुख का समर्थन करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सशस्त्र बलों को इस हमले का जवाब देने के लिए पूरी छूट दी है, जो सही दिशा में उठाया गया कदम है। उन्होंने कहा, "आतंकवाद के खिलाफ कठोर कार्रवाई जरूरी है। सभी दलों को सरकार का साथ देना चाहिए, न कि अनावश्यक विवाद खड़ा करना चाहिए।"

मायावती ने की जनता से अपील

मायावती ने जनता से भी अपील की कि वे अफवाहों और भ्रामक बयानों से बचें। उन्होंने कहा, "आतंकवाद का कोई धर्म नहीं होता। यह हमला पूरे देश पर हमला है, और हमें मिलकर इसका मुकाबला करना होगा।" उन्होंने धार्मिक और सामाजिक संगठनों से भी अपील की कि वे शांति और सद्भाव बनाए रखने में योगदान दें।

देशभर से आ रहीं प्रतिक्रियाएं

पहलगाम हमले के बाद देशभर में गुस्सा और एकजुटता देखने को मिली। लखनऊ में विभिन्न समुदायों ने कैंडल मार्च निकाला और पीड़ितों को श्रद्धांजलि दी। दिल्ली, कोलकाता और मुंबई जैसे शहरों में भी विरोध प्रदर्शन हुए। जम्मू-कश्मीर सरकार ने पर्यटक स्थलों पर सुरक्षा बढ़ा दी है, और 48 पर्यटन स्थलों को अस्थायी रूप से बंद कर दिया गया है।

मायावती का यह बयान उस समय आया है, जब पहलगाम हमले को लेकर राजनीतिक दल एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगा रहे हैं। उनकी अपील है कि सभी दल इस संकट की घड़ी में एकजुट होकर आतंकवाद के खिलाफ लड़ें, न कि सियasi लाभ के लिए बयानबाजी करें। यह बयान न केवल उत्तर प्रदेश की सियासत में चर्चा का विषय बना है, बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर भी इसकी गूंज सुनाई दे रही है।  mayawati | bsp | bsp chief mayavati |

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