/young-bharat-news/media/media_files/2025/04/30/A602Fvop5Qyd8HnzOWFG.jpg)
नई दिल्ली, वाईबीएन नेटवर्क । भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी प्रस्तावित रूस यात्रा रद्द कर दी है। यह यात्रा 9 मई को मॉस्को में आयोजित होने वाली विजय दिवस परेड में भाग लेने के लिए निर्धारित थी, जो द्वितीय विश्व युद्ध में नाजी जर्मनी पर सोवियत संघ की जीत की 80वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में आयोजित की जाती है। इस फैसले ने अंतरराष्ट्रीय मंच पर व्यापक चर्चा छेड़ दी है, क्योंकि यह कदम हाल ही में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद लिया गया है।
पहलगाम में हुए इस आतंकी हमले ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया। 26 पर्यटकों की जान लेने वाला यह हमला कश्मीर में हाल के वर्षों में सबसे घातक हमलों में से एक माना जा रहा है। हमले की जिम्मेदारी आतंकी संगठनों ने ली, और भारत ने इसके पीछे पाकिस्तान समर्थित तत्वों का हाथ होने का आरोप लगाया। इस घटना के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने सऊदी अरब का अपना दौरा बीच में ही रद्द कर दिल्ली लौटने का फैसला किया और सुरक्षा मामलों की समिति (सीसीएस) की बैठक बुलाई।
भारत पाकिस्तान तनाव के बीच रद्द हुई यात्रा
रूस की यात्रा रद्द करने का फैसला ऐसे समय में लिया गया है, जब भारत-पाकिस्तान संबंध अपने निचले स्तर पर हैं। मधुबनी, बिहार में एक रैली के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने कहा था कि पहलगाम हमले के दोषियों को ऐसी सजा दी जाएगी, जिसकी उन्होंने कल्पना भी नहीं की होगी। इस बयान ने पाकिस्तान में हलचल मचा दी, और कई विश्लेषकों का मानना है कि रूस यात्रा रद्द करना भारत की ओर से एक मजबूत कूटनीतिक संदेश है।
विजय दिवस परेड में पहुंचना था
विजय दिवस परेड में भाग लेना भारत और रूस के बीच मजबूत द्विपक्षीय संबंधों का प्रतीक होता। पिछले साल जुलाई में प्रधानमंत्री मोदी ने मॉस्को का दौरा किया था, जहां उन्होंने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ द्विपक्षीय वार्ता की थी। इसके अलावा, अक्टूबर में कजान में आयोजित ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में भी उनकी मुलाकात हुई थी। हालांकि, मौजूदा क्षेत्रीय तनाव और भारत की आंतरिक सुरक्षा प्राथमिकताओं ने इस बार उनकी यात्रा को असंभव बना दिया।
इस फैसले का एक अन्य पहलू भारत की कूटनीतिक रणनीति से भी जुड़ा है। पहलगाम हमले के बाद भारत ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से समर्थन हासिल किया। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प और नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली सहित कई नेताओं ने हमले की निंदा की और भारत के साथ एकजुटता व्यक्त की। ऐसे में, रूस यात्रा रद्द करके भारत ने यह संदेश देने की कोशिश की है कि वह अपनी सुरक्षा और क्षेत्रीय स्थिरता को प्राथमिकता दे रहा है।
अंतरराष्ट्रीय मंच पर हो रही है व्यापक चर्चा
हालांकि, कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि यह फैसला भारत-रूस संबंधों पर असर डाल सकता है। रूस, भारत का एक प्रमुख रक्षा और ऊर्जा साझेदार रहा है, और दोनों देशों के बीच नियमित उच्च-स्तरीय मुलाकातें इस रिश्ते को मजबूत करती हैं। फिर भी, भारत ने स्पष्ट किया है कि यह रद्दीकरण विशुद्ध रूप से वर्तमान परिस्थितियों के कारण है और इसका दीर्घकालिक संबंधों पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा।
पहलगाम हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ कूटनीतिक दबाव बढ़ा दिया है। शिमला समझौते को रद्द करने की पाकिस्तानी धमकियों के बीच भारत ने संयुक्त राष्ट्र और अन्य मंचों पर इस मुद्दे को उठाने की योजना बनाई है। इस बीच, रूस ने भी भारत के साथ अपनी साझेदारी को मजबूत करने की प्रतिबद्धता दोहराई है, और दोनों देशों के बीच जल्द ही नई तारीखों पर चर्चा होने की संभावना है।
इस घटनाक्रम ने एक बार फिर क्षेत्रीय सुरक्षा और अंतरराष्ट्रीय कूटनीति के जटिल समीकरणों को उजागर किया है। भारत अब अपने अगले कदमों पर विचार कर रहा है, जबकि विश्व समुदाय इस क्षेत्र में शांति और स्थिरता की उम्मीद कर रहा है। pm modi | पीएम मोदी | russia | Russia news |