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PSLV-C61 मिशन: 18 मई को सुबह 5:59 बजे होगा लॉन्च, ISRO की बड़ी उड़ान

ISRO ने PSLV-C61 मिशन के लिए उल्टी गिनती शुरू कर दी है। 18 मई सुबह 5:59 बजे श्रीहरिकोटा से पृथ्वी इमेजिंग सैटेलाइट लॉन्च होगा। यह भारत का 101वां अंतरिक्ष मिशन होगा।

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Ajit Kumar Pandey
PSLV-C61 MISSION START SPACE NEWS TODAY
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नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क । बेंगलुरु से श्रीहरिकोटा तक हलचल तेज़ है। PSLV-C61 मिशन को लेकर उल्टी गिनती शुरू हो गई है। भारत का यह 101वां मिशन एक और रिकॉर्ड की ओर बढ़ चला है। इसरो का लक्ष्य है पृथ्वी को और बेहतर देख पाना- इस नए इमेजिंग सैटेलाइट से। 18 मई सुबह 5:59 बजे, अंतरिक्ष में फिर तिरंगा लहराने जा रहा है। देश की निगाहें आसमान की ओर हैं- क्या आप भी इस ऐतिहासिक पल के गवाह बनेंगे?

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ISRO ने PSLV-C61 मिशन की उल्टी गिनती शुरू कर दी है। शनिवार सुबह 7:59 बजे 22 घंटे की काउंटडाउन प्रक्रिया शुरू हुई। इस रॉकेट के जरिए पृथ्वी इमेजिंग सैटेलाइट को लॉन्च किया जाएगा, जो धरती की निगरानी में अहम भूमिका निभाएगा। 18 मई को सुबह 5:59 बजे इसे श्रीहरिकोटा के पहले लॉन्च पैड से लॉन्च किया जाएगा।

भारत की अंतरिक्ष एजेंसी ISRO एक बार फिर इतिहास रचने के बेहद करीब है। PSLV-C61 मिशन भारत का 101वां अंतरिक्ष मिशन होगा, जो पृथ्वी इमेजिंग उपग्रह को लेकर उड़ान भरेगा। यह लॉन्च 18 मई 2025 को सुबह 5:59 बजे श्रीहरिकोटा से होगा। इसरो ने शनिवार सुबह 7:59 बजे इसकी 22 घंटे की उल्टी गिनती शुरू कर दी है।

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क्या है PSLV-C61 मिशन की खासियत?

  • PSLV यानी ‘पोलर सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल’, ISRO का सबसे भरोसेमंद रॉकेट सिस्टम है।
  • इस बार इसके ज़रिए जो इमेजिंग सैटेलाइट छोड़ा जा रहा है, वह धरती की निगरानी में क्रांतिकारी बदलाव ला सकता है।
  • यह सैटेलाइट पर्यावरण, कृषि, और आपदा प्रबंधन जैसे क्षेत्रों में बेहद कारगर साबित होगा।
  • इसरो सूत्रों के मुताबिक, प्रक्षेपण की सभी तैयारियाँ अंतिम चरण में हैं।
  • PSLV-C61 की सफलता भारत को पृथ्वी निगरानी तकनीक में और मज़बूती देगी।

ISRO की बढ़ती अंतरिक्ष ताकत

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  • ISRO का यह मिशन सिर्फ एक और लॉन्च नहीं, बल्कि एक रणनीतिक कदम है।
  • भारत अब सिर्फ उपग्रह भेजने तक सीमित नहीं रहा- बल्कि डेटा आधारित भविष्य की नींव रख रहा है।
  • इस मिशन से जुड़ी हर जानकारी अंतरराष्ट्रीय स्पेस एजेंसियों की नजर में भी है।
  • भारत की स्पेस इंडस्ट्री लगातार वैश्विक खिलाड़ियों को आकर्षित कर रही है।
  • PSLV-C61 मिशन का असर भारत की आर्थिक, तकनीकी और सामरिक स्थिति पर भी पड़ेगा।

क्यों खास है यह लॉन्च टाइमिंग?

18 मई की सुबह 5:59 बजे का समय वैज्ञानिक दृष्टि से आदर्श माना गया है। ऐसे प्रक्षेपणों में मिलीमीटर की ग़लती भी भारी पड़ सकती है — यही वजह है कि समय और मौसम दोनों का बारीकी से विश्लेषण किया गया है। इस मिशन की टाइमिंग, पेलोड क्षमता और ट्रैकिंग सभी मापदंडों पर पूरी तरह खरा उतरता है।

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क्या आप इससे सहमत हैं कि ISRO भारत का भविष्य बदल रहा है? कमेंट करें और अपने विचार साझा करें! 

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