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नई दिल्ली, वाईबीएन नेटवर्क । देश भीतर रहकर देश के साथ गद्दारी करने वालों की अब खैर नहीं। आतंकी अब देखेंगे भारत का बदला नंबर दो। खुफिया एजेंसियों ने एक लिस्ट तैयार कर उसको सुरक्षा बलों को सौंप दिया है। इस लिस्ट में उन आतंकियों का नाम है जो खाते इंडिया की हैं और गीत पाकिस्तान का गाते हैं। यही लोग पाकिस्तानी आतंकियों को न केवल शरण देते हैं अपितु उन्हें हर तरह की मदद भी पहुंचाते हैं। आइए जानते हैं कि आखिर कौन हैं भारत माता के गुनहगार...
जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद के खिलाफ चल रही जंग में भारतीय खुफिया एजेंसियों ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। एजेंसियों ने 14 स्थानीय आतंकियों की एक विशेष सूची तैयार की है, जो पाकिस्तान समर्थित आतंकी संगठनों के लिए सहायक की भूमिका निभा रहे हैं।
ये आतंकी न केवल स्थानीय स्तर पर सक्रिय हैं, बल्कि विदेशी आतंकियों को लॉजिस्टिक और अन्य सहायता प्रदान करने में भी शामिल हैं। इस सूची के आधार पर सुरक्षाबल आतंकियों के खिलाफ बड़े पैमाने पर अभियान शुरू करने की तैयारी में हैं। यह कदम हाल ही में पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद और भी महत्वपूर्ण हो गया है, जिसमें 28 लोगों की जान गई थी।
ये हैं आतंकियों के नाम और ठिकाने
खुफिया एजेंसियों ने इन 14 आतंकियों की पहचान उनके नाम, ठिकाने और संगठन के आधार पर की है। हालांकि, सभी आतंकियों के नाम सार्वजनिक नहीं किए गए हैं, लेकिन कुछ प्रमुख आतंकियों की जानकारी सामने आई है।
ये आतंकी जम्मू-कश्मीर के विभिन्न जिलों में सक्रिय हैं और इनका संबंध प्रमुख आतंकी संगठनों जैसे लश्कर-ए-तैयबा (LeT), जैश-ए-मोहम्मद (JeM), और द रेसिस्टेंस फ्रंट (TRF) से है। नीचे कुछ आतंकियों के नाम, उनके ठिकाने और संगठन की जानकारी दी गई है...
- आदिल हुसैन थोकर: अनंतनाग, बिजबेहरा। लश्कर-ए-तैयबा से जुड़ा। पहलगाम हमले में शामिल होने का संदिग्ध।
- एहसान अहमद शेख: पुलवामा। लश्कर-ए-तैयबा का सक्रिय सदस्य। जून 2023 से सक्रिय।
- अदिल गुरी: अनंतनाग। द रेसिस्टेंस फ्रंट से संबंध। 2018 में पाकिस्तान गया था और हाल ही में घुसपैठ की।
- अहसन: पुलवामा। द रेसिस्टेंस फ्रंट का सदस्य। पाकिस्तानी आतंकियों के साथ सक्रिय।
- जावेद मट्टू: सोपोर, बारामूला। हिजबुल मुजाहिदीन से जुड़ा। हथियारों की तस्करी में शामिल।
- मोहम्मद रफी: शोपियां। जैश-ए-मोहम्मद का सदस्य। स्थानीय युवाओं को भर्ती करने में सक्रिय।
- शाहिद अहमद: कुपवाड़ा। लश्कर-ए-तैयबा से संबंध। सीमा पार से हथियार लाने में शामिल।
- फारूक अहमद: कुलगाम। द रेसिस्टेंस फ्रंट का सदस्य। लॉजिस्टिक सपोर्ट प्रदान करता है।
- मुजम्मिल हुसैन: डोडा। जैश-ए-मोहम्मद से जुड़ा। पहाड़ी इलाकों में सक्रिय।
- सज्जाद खान: राजौरी। लश्कर-ए-तैयबा का सदस्य। स्थानीय नेटवर्क को मजबूत करने में शामिल।
- रियाज अहमद: कठुआ। हिजबुल मुजाहिदीन से संबंध। संदिग्ध गतिविधियों में लिप्त।
- आसिफ बट: श्रीनगर। द रेसिस्टेंस फ्रंट से जुड़ा। शहरी क्षेत्रों में आतंकी गतिविधियों को बढ़ावा देता है।
- जाकिर हुसैन: पुंछ। जैश-ए-मोहम्मद का सदस्य। घुसपैठियों को सहायता प्रदान करता है।
- मोहम्मद इकबाल: बडगाम। लश्कर-ए-तैयबा से संबंध। आतंकी ठिकानों की व्यवस्था में शामिल।
आतंकी गतिविधियों का नेटवर्क
ये आतंकी स्थानीय स्तर पर सक्रिय होकर विदेशी आतंकियों, खासकर पाकिस्तानी आतंकियों, को सहायता प्रदान करते हैं। इनका मुख्य काम हथियारों की आपूर्ति, ठिकानों की व्यवस्था, और खुफिया जानकारी इकट्ठा करना है।
खुफिया एजेंसियों के अनुसार, ये आतंकी जम्मू-कश्मीर के ग्रामीण और पहाड़ी इलाकों में छिपकर अपनी गतिविधियों को अंजाम देते हैं। हाल के महीनों में आतंकी हमलों में वृद्धि, विशेष रूप से पहलगाम और कठुआ में हुए हमलों, ने इन आतंकियों की सक्रियता को उजागर किया है।
पहलगाम हमले के बाद बढ़ी कार्रवाई
22 अप्रैल 2025 को पहलगाम के बैसरन घाटी में हुए आतंकी हमले ने पूरे देश को झकझोर दिया था। इस हमले में 26 लोग मारे गए थे, जिनमें ज्यादातर पर्यटक थे। हमले में आतंकियों ने हिंदू पर्यटकों को निशाना बनाया और सेना की वर्दी पहनकर हमला किया। इस घटना के बाद भारतीय सेना, सीआरपीएफ, और जम्मू-कश्मीर पुलिस ने आतंकियों के खिलाफ बड़े पैमाने पर सर्च ऑपरेशन शुरू किया। jammu kashmir attack news |
खुफिया सूत्रों के अनुसार, पहलगाम हमले में चार आतंकियों की भूमिका सामने आई थी, जिनमें दो स्थानीय और दो पाकिस्तानी आतंकी शामिल थे। इस हमले की योजना 26/11 मुंबई हमले की तर्ज पर बनाई गई थी।
सुरक्षाबलों की रणनीति
इस सूची के आधार पर सुरक्षाबल आतंकियों के ठिकानों को नष्ट करने और उन्हें पकड़ने के लिए विशेष अभियान चला रहे हैं। पुलवामा, अनंतनाग, और कठुआ जैसे क्षेत्रों में तलाशी अभियान तेज कर दिए गए हैं। हाल ही में, पुलवामा में एक आतंकी का घर आईईडी का उपयोग करके ध्वस्त किया गया। इसके अलावा, ड्रोन और हेलीकॉप्टर की मदद से आतंकियों की तलाश की जा रही है।
खुफिया चेतावनियों का महत्व
पहलगाम हमले से पहले 4 अप्रैल 2025 को इंटेलिजेंस ब्यूरो ने एक अलर्ट जारी किया था, जिसमें कहा गया था कि पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन पहलगाम के होटलों पर हमले की योजना बना रहे हैं। इस चेतावनी के बावजूद हमला होने से सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठे हैं। Jammu Kashmir Breaking News | jammu kashmir |
आतंकवाद के खिलाफ भारत की प्रतिबद्धता
पहलगाम हमले के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सऊदी अरब से लौटकर स्थिति का जायजा लिया और केंद्रीय गृह मंत्रालय को सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए। विदेशी नेताओं, जैसे अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प और नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली, ने भी हमले की निंदा की और भारत के साथ एकजुटता व्यक्त की।
जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद के खिलाफ भारत की लड़ाई और मजबूत हो रही है। 14 स्थानीय आतंकियों की इस सूची ने सुरक्षाबलों को एक स्पष्ट लक्ष्य दिया है। इन आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई न केवल जम्मू-कश्मीर में शांति स्थापित करने के लिए जरूरी है, बल्कि यह देश की सुरक्षा के लिए भी महत्वपूर्ण है। आने वाले दिनों में सुरक्षाबलों के अभियान और तेज होने की उम्मीद है, ताकि आतंकवाद का पूरी तरह सफाया किया जा सके।