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"बांग्लादेशी घुसपैठियों के खिलाफ बुलडोजर की गर्जना, क्या अन्य राज्य भी जुटा पाएंगे ऐसी हिम्मत?"

अहमदाबाद के चंडोला तालाब क्षेत्र में अवैध बांग्लादेशी घुसपैठियों के खिलाफ गुजरात पुलिस और अहमदाबाद नगर निगम ने एक बड़ी कार्रवाई की, जिसमें से 890 अधिक लोग हिरासत में लिए गए।

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Ajit Kumar Pandey
BANGLADESHI GUSPAITHYON PAR ACTION
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नई दिल्ली, वाईबीएन नेटवर्क । गुजरात की आर्थिक राजधानी अहमदाबाद में हाल ही में एक ऐसी कार्रवाई हुई, जिसने न केवल स्थानीय प्रशासन की सख्ती को उजागर किया, बल्कि अवैध रूप से रह रहे विदेशी नागरिकों के मुद्दे को भी राष्ट्रीय चर्चा में ला दिया।

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चंडोला तालाब क्षेत्र, जो कभी अपनी प्राकृतिक सुंदरता के लिए जाना जाता था, अब अवैध अतिक्रमण और जाली दस्तावेजों के जाल में उलझा हुआ था। इस क्षेत्र में बांग्लादेशी घुसपैठियों द्वारा बनाए गए अवैध निर्माणों पर गुजरात पुलिस और अहमदाबाद नगर निगम (एएमसी) ने संयुक्त रूप से बुलडोजर चलाकर सख्त संदेश दिया है। यह कार्रवाई न केवल कानून-व्यवस्था को बहाल करने की दिशा में एक कदम है, बल्कि शहर की सुरक्षा और संसाधनों के संरक्षण के लिए भी महत्वपूर्ण है।

कार्रवाई की शुरुआत: एक सुनियोजित अभियान

यह सब तब शुरू हुआ, जब गुजरात पुलिस को खुफिया जानकारी मिली कि चंडोला तालाब क्षेत्र में बड़ी संख्या में बांग्लादेशी नागरिक अवैध रूप से रह रहे हैं। ये लोग न केवल सरकारी जमीन पर कब्जा करके मकान बना रहे थे, बल्कि जाली आधार कार्ड, वोटर आईडी और अन्य दस्तावेजों का इस्तेमाल करके भारतीय नागरिकता का दावा भी कर रहे थे।

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इस जानकारी के आधार पर, 26 अप्रैल 2025 की रात को एक व्यापक अभियान शुरू किया गया। सुबह 3 बजे से शुरू हुई इस कार्रवाई में अहमदाबाद क्राइम ब्रांच, स्पेशल ऑपरेशंस ग्रुप (एसओजी), इकोनॉमिक ऑफेंस विंग (ईओडब्ल्यू) और स्थानीय पुलिस ने हिस्सा लिया।

इस अभियान में 890 से अधिक लोगों को हिरासत में लिया गया, जिनमें पुरुष, महिलाएं और बच्चे शामिल थे। सूरत में भी समानांतर कार्रवाई की गई, जहां 134 संदिग्धों को पकड़ा गया। गुजरात के गृह राज्य मंत्री हर्ष सांघवी ने इस ऑपरेशन को "ऐतिहासिक जीत" करार देते हुए कहा कि यह राज्य पुलिस की अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई है। उन्होंने यह भी चेतावनी दी कि अवैध रूप से रहने वालों को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा।

बुलडोजर का दम: अवैध निर्माण ढहाए गए

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हिरासत में लिए गए लोगों की जांच के बाद, प्रशासन ने अगला कदम उठाया- अवैध निर्माणों को ध्वस्त करना। चंडोला तालाब के आसपास बनी झुग्गी-झोपड़ियों और अस्थायी मकानों को बुलडोजर की मदद से ढहा दिया गया।

ये निर्माण न केवल सरकारी जमीन पर थे, बल्कि इन्होंने शहर की जल निकासी व्यवस्था और पर्यावरण को भी नुकसान पहुंचाया था। कुछ रिपोर्ट्स के अनुसार, इन घुसपैठियों ने नर्मदा पाइपलाइन को अवरुद्ध करके तालाब के एक हिस्से को भर दिया था, जिससे स्थानीय जल संकट और गहरा गया।

अहमदाबाद नगर निगम ने इस कार्रवाई को "मेगा डिमोलिशन ड्राइव" का नाम दिया। 20 से अधिक बुलडोजर रातभर क्षेत्र में तैनात रहे, और अवैध अतिक्रमण को पूरी तरह से हटा दिया गया। इस दौरान ड्रोन कैमरों का इस्तेमाल करके पूरी प्रक्रिया को रिकॉर्ड किया गया, जिसे बाद में गुजरात पुलिस ने अपने सोशल मीडिया हैंडल पर साझा किया। यह कदम न केवल कार्रवाई की पारदर्शिता को दर्शाता है, बल्कि अन्य अवैध गतिविधियों के खिलाफ चेतावनी भी देता है।

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क्यों जरूरी थी यह कार्रवाई?

यह कार्रवाई केवल अतिक्रमण हटाने तक सीमित नहीं थी; इसके पीछे राष्ट्रीय सुरक्षा का बड़ा सवाल था। हाल ही में कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद, गुजरात सरकार ने अवैध प्रवासियों के खिलाफ सख्ती बढ़ा दी थी।

खुफिया एजेंसियों ने संकेत दिए थे कि कुछ घुसपैठिए न केवल जाली दस्तावेजों के जरिए देश में रह रहे हैं, बल्कि आपराधिक गतिविधियों में भी शामिल हो सकते हैं। अहमदाबाद और सूरत जैसे औद्योगिक शहरों में सस्ते श्रम की तलाश में आने वाले ये लोग अक्सर संगठित गिरोहों के शिकार हो जाते हैं, जो उन्हें जाली दस्तावेज और आश्रय प्रदान करते हैं।

गुजरात पुलिस ने इस साल अप्रैल से ही अवैध प्रवासियों के खिलाफ अभियान शुरू कर दिया था। चंडोला तालाब क्षेत्र को विशेष रूप से निशाना बनाया गया, क्योंकि यहाँ घुसपैठियों की संख्या तेजी से बढ़ रही थी। पुलिस ने पहले दो एफआईआर दर्ज की थीं, जिनमें अवैध आप्रवास नेटवर्क का पर्दाफाश हुआ था। इस कार्रवाई को गृह मंत्री, पुलिस आयुक्त और डीजीपी के निर्देशों के तहत अंजाम दिया गया, जिससे इसकी गंभीरता का अंदाजा लगाया जा सकता है।

स्थानीय प्रभाव और भविष्य की योजनाएं

इस कार्रवाई का स्थानीय समुदाय पर गहरा प्रभाव पड़ा है। चंडोला तालाब क्षेत्र के निवासियों ने राहत की सांस ली, क्योंकि अवैध अतिक्रमण के कारण उनकी रोजमर्रा की जिंदगी प्रभावित हो रही थी। जल निकासी की समस्या, गंदगी और असुरक्षा की भावना ने इस क्षेत्र को बदहाल कर दिया था। अब, प्रशासन ने इस क्षेत्र को पुनर्जनन के लिए चिह्नित किया है, ताकि इसे फिर से हरा-भरा और उपयोगी बनाया जा सके।

हर्ष सांघवी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, "जो भी व्यक्ति अवैध रूप से हमारे देश में रहेगा, उसे कठोर परिणाम भुगतने होंगे। यह गुजरात पुलिस की प्रतिबद्धता है कि हम अपने नागरिकों की सुरक्षा और संसाधनों की रक्षा करेंगे।" उन्होंने यह भी संकेत दिया कि इस तरह की कार्रवाइयाँ भविष्य में भी जारी रहेंगी।

एक सख्त संदेश

अहमदाबाद में चंडोला तालाब क्षेत्र में हुई यह कार्रवाई केवल एक स्थानीय घटना नहीं है; यह पूरे देश के लिए एक सख्त संदेश है। अवैध प्रवास, जाली दस्तावेज और अतिक्रमण जैसी समस्याएँ न केवल कानून-व्यवस्था के लिए खतरा हैं, बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा को भी कमजोर करती हैं।

गुजरात सरकार ने इस कार्रवाई के जरिए यह साबित किया है कि वह इन मुद्दों पर कोई ढिलाई नहीं बरतेगी। जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ रही है, और हिरासत में लिए गए लोगों के दस्तावेजों की पड़ताल हो रही है, यह स्पष्ट है कि यह अभियान अभी खत्म नहीं हुआ है। Bangladeshi immigrants | bangladeshi migrants | bangladeshi rohingyas |

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