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संभल सीओ अनुज चौधरी को पुलिस जांच में क्लीनचिट, जानें पूरी कहानी

उत्तर प्रदेश के संभल जिले के सीओ अनुज चौधरी को होली और जुमे की नमाज पर दिए बयान के बाद पुलिस जांच में क्लीनचिट मिली, जिससे वह सुर्खियों में आ गए।

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Ajit Kumar Pandey
SAMBHAL CO ANUJ CHAUDHARY
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नई दिल्ली, वाईबीएन नेटवर्क । उत्तर प्रदेश के sambhal जिले में सर्किल ऑफिसर (CO) अनुज चौधरी एक बार फिर सुर्खियों में रहे, जब उनके होली और जुमे की नमाज को लेकर दिए गए बयान पर पुलिस जांच के बाद उन्हें क्लीनचिट मिली।

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यह मामला तब शुरू हुआ, जब अनुज चौधरी ने एक शांति समिति की बैठक में होली और जुमे की नमाज के एक साथ होने के संदर्भ में बयान दिया, जिसने न केवल स्थानीय स्तर पर बल्कि पूरे प्रदेश में सियासी तूफान खड़ा कर दिया। आइए, इस पूरे मामले को स्टेप बाय स्टेप समझते हैं।

संभल कोतवाली में बैठक, CO Sambhal ने दिए बयान

6 मार्च 2025 को संभल कोतवाली में एक शांति समिति की बैठक आयोजित की गई थी। इस बैठक का उद्देश्य 14 मार्च 2025 को होली और रमजान के दूसरे जुमे की नमाज के एक ही दिन होने के कारण सांप्रदायिक सौहार्द बनाए रखना था। संभल में पहले भी सांप्रदायिक तनाव की घटनाएं हो चुकी थीं, खासकर 24 नवंबर 2024 को जामा मस्जिद के सर्वे को लेकर हुई हिंसा, जिसमें चार लोगों की मौत हो गई थी। इस पृष्ठभूमि में प्रशासन बेहद सतर्क था।

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बैठक में sambhal co anuj chaudhary ने कहा, "होली साल में एक बार आती है, जबकि जुमे की नमाज साल में 52 बार होती है। अगर किसी को होली के रंगों से परहेज है या वे इसे अपवित्र मानते हैं, तो वे उस दिन घर से बाहर न निकलें।" उन्होंने यह भी जोड़ा कि दोनों समुदायों को एक-दूसरे की भावनाओं का सम्मान करना चाहिए और किसी पर जबरन रंग नहीं डालना चाहिए। यह बयान उन्होंने सांप्रदायिक सद्भाव को बढ़ावा देने के इरादे से दिया था, लेकिन यह जल्द ही विवाद का केंद्र बन गया।

सीओ के बयान पर विवाद और सियासी ड्रामा

अनुज चौधरी का बयान सोशल मीडिया पर वायरल हो गया, और विपक्षी दलों ने इसे पक्षपातपूर्ण और भड़काऊ करार दिया। समाजवादी पार्टी (सपा) के प्रवक्ता अमीक जामेई ने सोशल मीडिया पर लिखा कि चौधरी बीजेपी को खुश करने के लिए मुस्लिम समुदाय के खिलाफ बयान दे रहे हैं।

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सपा नेता रामगोपाल यादव ने कहा, "जब संभल में हिंसा हुई थी, तब भी अनुज चौधरी सीओ थे। ऐसे लोगों को जिम्मेदारी नहीं दी जानी चाहिए।" उत्तर प्रदेश कांग्रेस के उपाध्यक्ष मनीष हिंदवी ने भी बयान को निंदनीय बताते हुए पुलिस आचरण नियमावली के उल्लंघन का आरोप लगाया।

इस बीच, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अनुज चौधरी का समर्थन किया। उन्होंने कहा, "हमारा पुलिस अधिकारी पहलवान रहा है और अर्जुन पुरस्कार विजेता है। उसने सत्य बोला है। होली साल में एक बार आती है, जबकि जुमे की नमाज हर शुक्रवार को होती है।" सीएम के इस बयान ने विवाद को और हवा दी, और सोशल मीडिया पर पक्ष-विपक्ष में बहस छिड़ गई।

सोशल मीडिया पर प्रतिक्रियाएं और शिकायत

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विवाद बढ़ने के बाद मुजफ्फरनगर के शाहपुर निवासी आबाद ने अनुज चौधरी के खिलाफ सोशल मीडिया पर एक आपत्तिजनक पोस्ट डाली, जिसमें लिखा था, "बकरीद साल में एक बार आती है। जिसे खून और मांस से दिक्कत है, वह घर से न निकले।" इस पोस्ट में चौधरी की गिरफ्तारी की मांग भी की गई थी। पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए आबाद को गिरफ्तार कर लिया, और उसने माफी मांगते हुए एक वीडियो जारी किया।

इसी दौरान, रिटायर्ड आईपीएस अधिकारी अमिताभ ठाकुर ने अनुज चौधरी के बयान को पुलिस आचरण नियमावली का उल्लंघन बताते हुए आईजीआरएस पोर्टल पर शिकायत दर्ज की। इस शिकायत में कहा गया कि चौधरी का बयान सांप्रदायिक सद्भाव को बिगाड़ सकता है और एक पुलिस अधिकारी के लिए यह अनुचित है।

पुलिस जांच और क्लीनचिट

शिकायत के बाद एसपी कानून व्यवस्था ने मामले की जांच शुरू की। जांच में संभल जिले के अधिकारियों, स्थानीय लोगों और शांति समिति के सदस्यों के बयान दर्ज किए गए।

जांच रिपोर्ट में पाया गया कि अनुज चौधरी के बयान का उद्देश्य सांप्रदायिक सौहार्द बनाए रखना था, और इसमें पुलिस आचरण नियमावली का कोई उल्लंघन नहीं हुआ। 18 अप्रैल 2025 को पुलिस ने आधिकारिक तौर पर अनुज चौधरी को क्लीनचिट दे दी। इसकी जानकारी कई न्यूज चैनलों और सोशल मीडिया पोस्ट्स के जरिए सामने आई।

जनता और प्रशासन की प्रतिक्रिया

क्लीनचिट मिलने के बाद संभल में अनुज चौधरी की लोकप्रियता और बढ़ गई। युवा उनके साथ सेल्फी लेने और उनके पैर छूने के लिए उत्साहित दिखे। चौधरी ने न्यूज 18 इंडिया से बातचीत में कहा, "मैंने कुछ गलत नहीं किया, तो डरने की क्या बात है? संभल में होली और जुमे की नमाज शांतिपूर्वक संपन्न हुई।" उन्होंने यह भी बताया कि प्रशासन ने कड़े सुरक्षा इंतजाम किए थे, जिसमें ड्रोन निगरानी और आरएएफ का फ्लैग मार्च शामिल था।

हालांकि, अनुज चौधरी के पिता चौधरी बृजपाल सिंह ने उनके बेटे को मिल रही धमकियों का जिक्र करते हुए सरकार से सुरक्षा की मांग की थी। उन्होंने कहा, "कुछ लोग बौखलाए हुए हैं और मेरे बेटे को नुकसान पहुंचाने की धमकी दे रहे हैं।"

अनुज चौधरी: एक चर्चित व्यक्तित्व

अनुज चौधरी, जो एक पूर्व चैंपियन पहलवान और अर्जुन पुरस्कार विजेता हैं, अपनी बेबाकी और दबंग अंदाज के लिए जाने जाते हैं। 2012 में स्पोर्ट्स कोटे से उत्तर प्रदेश पुलिस में डिप्टी एसपी बने चौधरी ने कई विवादास्पद मौकों पर सुर्खियां बटोरी हैं। रामपुर में सपा नेता आजम खान से उनकी बहस और संभल में जामा मस्जिद सर्वे के दौरान हिंसा में घायल होने की घटनाएं इसका उदाहरण हैं।

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